user profile

New User

Connect with Tractor Junction

मिर्च की खेती : ये 5 नई किस्में देगी भरपूर मुनाफा, बीमारी का भी खतरा नहीं

Published - 17 Feb 2021

जानें, कौन-कौनसी है ये किस्में और क्या है इसकी विशेषताएं?

अन्य फसलों की तरह ही मिर्च की फसल में बीमारियां लगने का डर बना रहता है। इससे इसके उत्पादन पर विपरित प्रभाव पड़ता है। अधिकतर मिर्च के पौधों पर्ण कुंचन लीफ कर्ल बीमारी देखी गई हैं। यह एक वायरस जनित रोग है। इसके प्रकोप से मिर्च की पत्तिया मुड़ जाती हैं और पीली पडऩे लगती हैं, पत्तियों का आकार भी छोटा होने लगता है। इस बीमारी के प्रकोप से पौधों का विकास रुक जाती है। इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अब कृषि वैज्ञानिकों ने ऐसी किस्में तैयार कर ली है जो इस रोग के प्रतिरोधी होगी। उनमें न बीमारी लगने का झंझट और न ही उत्पादन में कमी की आशंका रहेगी। भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरू ने मिर्च की नई किस्में विकसित की हैं, जिनमें इस बीमारी के प्रतिरोध की क्षमता है। यहां हम उन पांच किस्मों को आपको बताएंगे जो अधिक उत्पादन देने के साथ ही रोगप्रतिरोधी भी होगी।

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1


संस्थान द्वारा विकसित ये हैं मिर्च की 5 नई किस्में

मीडिया में प्रकाशित खबरों के हवाले से संस्थान के सब्जी फसल संभाग की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. के माधवी रेड्डी ने मीडिया को बताया कि उन्होंने मिर्च की ऐसी पांच किस्में विकसित की हैं जो चिली लीफ कर्ल बीमारी की प्रतिरोधी हैं। इनमें अर्का तेजस्वी, अर्का यशस्वी, अर्का सान्वी, अर्का तन्वी और अर्का गगन पांच नई प्रतिरोधी किस्में हैं।

 


मिर्च की इन नई किस्मों की विशेषताएं

  • अर्का तेजस्वी और यशस्वी : ये दोनों ही किस्में सूखी मिर्च के उत्पादन के लिए अच्छी बताई गई हैं। इससे करीब 30-35 क्विंटल प्रति एकड़ सूखी मिर्च का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
  • अर्का गगन : अर्का गगन के पौधे मध्यम आकार के होते हैं और इनसे 100 कुंतल प्रति एकड़ हरी मिर्च का उत्पादन हो सकता है।
  • अर्का सान्वी और तन्वी : सान्वी और तन्वी को सूखी और हरी दोनों ही तरह की मिर्च के उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। अर्का तन्वी से प्रति एकड़ 30-35 कुंतल सूखी मिर्च या 100 कुंतल हरी मिर्च का उत्पादन हो सकता है। इसी तरह अर्का सान्वी से प्रति एकड़ 30-35 कुंतल सूखी मिर्च या 100 कुंतल प्रति एकड़ हरी मिर्च का उत्पादन हो सकता है।

 

यह भी पढ़ें : कृषि यंत्रीकरण : इन 15 कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी, अभी करें आवेदन


संस्थान की ओर से विकसित की गईं मिर्च की अन्य किस्में

भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरू की ओर से मिर्च की कई अन्य किस्मों को भी विकसित किया गया है जो रोगप्रतिरोधी होने के साथ ही बेहतर उत्पादन देने में समक्ष है इनमें अर्का नीलांचल प्रभा (एन्थ्राक्नोज रोग प्रतिरोधी), अर्का ख्याती (पाउडरी मिलड्यू रोग और वायरस प्रतिरोधी), अर्का मेघना (वायरस और चूसक कीट प्रतिरोधी), अर्का हरिता (पाउडरी मिलड्यू रोग और वायरस प्रतिरोधी) जैसी मिर्च की कई प्रतिरोधी किस्में भी विकसित हैं। जिनकी खेती करके किसान कई बीमारियों और कीटों से अपनी फसल को बचा सकते हैं।


नई किस्मों में कीटनाशकों का प्रयोग कम होने से होगी बचत

किसान को फसल को बीमारियों व कीटों से बचाने के लिए काफी कीटनाशकों का प्रयोग करना होता है जो महंगे होने के साथ ही ज्यादा मात्रा में प्रयोग करने पर स्वास्थ्य व मिट्टी के लिए भी खतरनाक साबित हो सकते हैं। वहीं इसको खरीदने में काफी पैसा भी खर्च आता है। वहीं भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरू की ओर से मिर्च की विकसित की गई इन नई किस्मों के प्रयोग से किसान का कीटनाशकों पर खर्च होने वाला पैसा बचेगा जिससे लागत में कमी आएगी जिससे किसान को मुनाफा होगा।


अंतिम परिक्षण के बाद किसानों को उपलब्ध होगी ये नई किस्में

मिर्च की 52 किस्मों पर रिसर्च करके उनसे पांच हाइब्रिड किस्में विकसित की गई हैं। भारतीय बाग़वानी अनुसंधान संस्थान अभी कर्नाटक के साथ-साथ देश के सभी कृषि विज्ञान केंद्रों पर मिर्च की इन सभी किस्मों का परीक्षण करेगा। अगर कृषि विज्ञान केंद्र पर मिर्च की खेती सफल हुई तो ये किस्में कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिए किसानों तक पहुंचाई जाएंगी।

 

यह भी पढ़ें : अभ्युदय योजना : अब प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मिलेगी निशुल्क कोचिंग


भारत में कहां-कहां होती है मिर्च की खेती

भारत में लगभग 7.33 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में मिर्च की खेती होती है। प्रमुख मिर्च उत्पादक राज्यों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। भारत ने से यूएई, यूके, कतर, ओमान जैसे देशों में मिर्च का निर्यात किया जाता है।

 

 

अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Certified Used Tractors

Mahindra 575 डीआई एक्सपी प्लस
₹ 4.90 Lakh Total Savings

Mahindra 575 डीआई एक्सपी प्लस

47 HP | 2014 Model | Hanumangarh, Rajasthan

₹ 2,87,500
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Mahindra 475 डीआई एक्सपी प्लस एमएस
₹ 1.20 Lakh Total Savings

Mahindra 475 डीआई एक्सपी प्लस एमएस

42 HP | 2023 Model | Dungarpur, Rajasthan

₹ 5,90,250
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Powertrac 434 प्लस
₹ 1.10 Lakh Total Savings

Powertrac 434 प्लस

37 HP | 2023 Model | Chittaurgarh, Rajasthan

₹ 4,30,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Farmtrac 45 पॉवरमैक्स
₹ 0.49 Lakh Total Savings

Farmtrac 45 पॉवरमैक्स

50 HP | 2023 Model | Dewas, Madhya Pradesh

₹ 7,41,285
Certified
icon icon-phone-callContact Seller

View All