कपास की खेती : टोकन से वितरित किए जाएंगे कपास की विशेष किस्म के बीज

Share Product प्रकाशित - 19 May 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

कपास की खेती : टोकन से वितरित किए जाएंगे कपास की विशेष किस्म के बीज

जानें, किस किस्म के बीज किए जाएंगे वितरित और इससे कितना हो सकता है लाभ

देश के कई राज्यों में कपास की खेती (cotton cultivation) की जाती है। इसमें राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक शामिल हैं। इस समय अधिकांश किसान कपास की बुवाई कर रहे हैं, क्योंकि वैज्ञानिकों ने इस बार गुलाबी सुंडी के प्रकोप से बचने के लिए किसानों को मई माह में ही कपास (cotton) की बुवाई करने की सलाह दी है। ऐसे में अधिकांश किसान कपास की बुवाई में रूचि दिखा रहे हैं। इससे कपास के बीजों की मांग बढ़ गई है। इनमें कपास की नई किस्मों की मांग हो रही है। इससे कपास के बीज लेने के लिए किसानों की लाइनें दुकानों के बाहर लग रही हैं। किसानों को कपास का उन्नत बीज लेने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा रहा है। किसानों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन की ओर से किसानों को अब टोकन सिस्टम से कपास की किस्म के उन्नत बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। 

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इस संबंध में हाल ही में खरगोन जिले में कपास के बीज की विशेष किस्म की मांग को देखते हुए कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने कृषि आदान विक्रेता संघ के के अध्यक्ष एवं अन्य कृषि आदान विक्रेताओं के साथ बैठक की और इस संबंध में व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी थोक एवं फुटकर बीज विक्रेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कपास बीज के वितरण में किसी भी प्रकार की अनियमितता या कालाबाजारी होती है तो उनके विरूद्ध तुरंत प्रभाव से एफआईआर दर्ज करते हुए दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

कपास की किन विशेष किस्मों के बीजों का टोकन से किया जाएगा वितरण

बैठक में तय किया गया है कि जिले के सभी किसानों को कपास की किस्म विशेष के बीजों का वितरण टोकन से माध्यम से ही किया जाएगा। वर्तमान में रासी सीड्स (659) और निजुवीडू सीड्स (आशा-1) कपास के बीज विशेष मांग है। अगले चार से पांच दिनों में किस्म विशेष के कपास के बीज जिले के 19 थोक विक्रेताओं को प्राप्त मात्रा के अनुसार संबंधित क्षेत्र (विकासखंड) में टोकन के जरिये और किसान की पावती पर दर्ज करते हुए वितरण किया जाएगा। साथ ही जिले में प्राप्त किस्म विशेष की मात्रा के अनुसार ही टोकन का वितरण किया जाएगा।

बिना टोकन बीज देने पर होगी कार्रवाई, स्टॉक की होगी जांच

बैठक में निर्देशित किया गया है कि कपास बीज के थोक व फुटकर विक्रेता के प्रतिदिन के स्टॉक की जांच की जाएगी। यदि किसी बीज विक्रेता द्वारा किसी भी प्रकार की अनियमितता की जाती है तो उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। कोई भी बीज विक्रेता बिना टोकन के बीज का विक्रय नहीं करेंगे। प्रशासन की ओर से किसानों से अपील की गई है कि जिले में अन्य कंपनियों के अच्छा उत्पादन देने वाली कपास की किस्मों के बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। किसान पंजीकृत निजी विक्रेता से निर्धारित दर पर कपास के उन्नत किस्म के बीज खरीद कर बुवाई कर सकते हैं।

कपास की खेती के लिए गुलाबी सुंडी क्यों है खतरनाक

कपास की खेती के लिए गुलाबी सुंडी कीट का प्रकोप काफी खतरनाक माना जाता है। इस कीट के आक्रमण से कपास की फसल को बहुत अधिक नुकसान होता है। कभी-कभी तो इस कीट के प्रकोप से किसान की पूरी-पूरी फसल नष्ट हो जाती है। यह प्रौढ़ अवस्था में आकार में छोटा और गहरे भूरे रंग का होता है। इनके अगले पंखों पर काले धब्बे होते हैं और पिछले पंख किनारों से झालरनुमा होते हैं। यह कीट रात के समय सक्रिय होता है। नमी के वातावरण में यह कीट ज्यादा सक्रिय होता है और फसल की अंतिम अवस्था तक बना रहता है और फसल को हानि पहुंचाता है। ऐसे में इस कीट से फसल को बहुत नुकसान होता है और समय पर रोकथाम नहीं की जाए तो इससे पूरी फसल तक बर्बाद हो जाती है।

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