जानें, किस कंपनी ने लांच किया है सीएनजी ट्रैक्टर और क्या है खासियत
भारत में सीएनजी से चलने वाला पहला ट्रैक्टर शुक्रवार शाम को 5 बजे लॉन्च किया जाएगा। इसे केंद्रीय मंत्री नितिन गडक़री औपचारिक रूप से लॉन्च करेंगे। बताया जा रहा है कि इस ट्रैक्टर के उपयोग से करीब एक लाख रुपए सालाना की बचत होगी। मीडिया में प्रकाशित खबरों के हवाले से यह ट्रैक्टर रॉमैट टेक्नो सॉल्यूशन और टोमासेटो एकाइल इंडिया ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। यह किसानों को उनकी लागत घटाकर आय बढ़ाने में मदद करेगा। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस ट्रैक्टर की मदद से ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर पैदा करने में भी मदद मिलेगी। इस ट्रैक्टर की मदद से किसानों को हर साल उनके ईंधन खर्च में एक लाख रुपए तक की बचत होगी, जिससे उनका जीवन स्तर सुधारने में मदद मिलेगी। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, नरेंद्र सिंह तोमर, पुरुषोत्तम रूपाला और जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के. सिंह भी उद्घाटन समारोह में मौजूद रहेंगे।
सीएनजी से चलने वाले ट्रैक्टर की खासियत
- विस्फोट का खतरा नहीं, सुरक्षित है- मंत्रालय ने बयान में कहा गया है कि यह अधिक सुरक्षित है, क्योंकि सीएनजी टैंक पर कड़ी सील लगाई गई है। इससे इसमें ईंधन भरने के दौरान या ईंधन फैलने की स्थिति में विस्फोट खतरा कम होता है।
- इंजन की अधिक लाइफ- इसे नए तकनीक से कन्वर्ट किया गया है। इसलिए सीएनजी इंजन की लाइफ पारंपरिक ट्रैक्टरों से ज्यादा होगी। सीएनजी फिटेड ट्रैक्टर्स में लेड की मात्रा नहीं होती है। इसके चलते इंजन लंबे समय तक काम करेगा।
- बेहतर माइलेज- डीजल या पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की तुलना में सीएनजी वाहनों का माइलेज भी बेहतर होता है।
- मेंटेनेंस खर्च कम- इसका मेनटेनेंस खर्च भी ईंधन वाले ट्रैक्टर के मुकाबले कम आएगा। इससे पैसों की बचत होगी।
- डीजल चालित ट्रैक्टर से सस्ता- डीजल की मौजूदा कीमत 77.43 रुपए प्रति लीटर है जबकि सीएनजी की मौजूदा कीमत 42 रुपये प्रति किलोग्राम है। इस तरह से देखा जाए तो किसानों को इस ट्रैक्टर की मदद से 50 प्रतिशत तक की बचत होगी।
सीएनजी से चलने वाले ट्रैक्टर से होने वाले लाभ
पराली बेचने से होगी इनकम
- मंत्रालय के अनुसार कृषि अवशेष या पराली को बायो-सीएनजी बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जिससे किसानों को अपनी पराली बेचने पर अतिरिक्त आय प्राप्त होगी।
प्रदूषण कम होगा
- प्रदूषण कंट्रोल करने में सीएनजी फायदेमंद होती है। सीएनजी ट्रैक्टर से कार्बन उत्सर्जन कम होगा। डीजल इंजन की तुलना में सीएनजी इंजन 70 प्रतिशत कम उत्सर्जन करता है।
कम खर्च में अधिक काम
- डीजल की तुलना में सीएनजी में कार्बन उत्सर्जन में 70 फीसदी की कमी होती है। इससे किसानों को ईंधन लागत में भी 50 प्रतिशत तक की बचत होगी। इससे किसानों कम खर्च में अधिक काम कर सकेंगे।
लागत घटेगी, होगी बचत
- अन्य किसी भी ईंधन के मुकाबले सीएनजी सस्ती पड़ती है। इससे ईंधन पर होने वाला खर्च कम होगा और बचत होगी। इससे उनकी आय में इजाफा होगा। इससे किसानों के जीवन स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी।
भविष्य के लिए बेहतर
- मंत्रालय के अनुसार आने वाले समय में सीएनजी ही भविष्य है। वर्तमान में पूरी दुनिया में 1.2 करोड़ वाहन प्राकृतिक गैस से चल रहे हैं और कई कंपनियां और नगर निगम हर दिन सीएनजी वाहनों को अपने बेड़े में शामिल कर रही हैं। भारत में ये ऐसा पहला ट्रैक्टर है, जो सीएनजी युक्त है। सीएनजी ट्रैक्टर भी डीजल इंजन की तुलना में अधिक या बराबर पावर पैदा करता है और खर्च भी कम आता है।
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