user profile

New User

Connect with Tractor Junction

मातृभूमि योजना : गांवों के विकास के लिए यूपी में शुरू होगी मातृभूमि योजना

Published - 13 Nov 2021

जाने मातृभूमि योजना क्या है और इससे ग्रामीणों को लाभ

यूपी में गांवों के विकास के लिए मातृभूमि योजना शुरू की जा रही है। इसकी घोषणा राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कर दी गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के विकास की परियोजनाओं में आम आदमी की भागीदारी को सुनिश्चित करना है। मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार इस अनूठी योजना के तहत गांवों में होने वाले अवस्थापना विकास के विभिन्न कार्यों में हर व्यक्ति को सीधी हिस्सेदारी का मौका मिलेगा। परियोजना की कुल लागत का 50 फीसदी खर्च सरकार वहन करेगी, जबकि शेष 50 फीसदी इच्छुक व्यक्ति की ओर से सहयोग होगा। बदले में परियोजना का नामकरण सहयोगी व्यक्ति की इच्छानुसार उनके परिजनों के नाम पर किया जा सकेगा। 

मुख्यमंत्री ने मातृभूमि योजना के संबंध में क्या दिए हैं निर्देश

मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास और पंचायती राज विभाग को इस अभिनव योजना की औपचारिक शुरुआत के लिए विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा है। उन्होंने कहा कि गांवों के समग्र विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार लगातार काम कर रही है। उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना एक अच्छा प्रयास हो सकती है। इसके माध्यम से गांवों में स्वास्थ्य केंद्र, आंगबाड़ी, पुस्तकालय, स्टेडियम, व्यायामशाला, ओपन जिम, पशु नस्ल सुधार केंद्र, फायर सर्विस स्टेशन आदि की स्थापना होगी। स्मार्ट विलेज के लिए सीसीटीवी लगवाने, अंत्येष्टि स्थल का विकास, सोलर लाइट, सीवरेज के लिए एसटीपी प्लांट लगवाने में आमजन की भागीदारी होगी। इसके माध्यम से परियोजना की कुल लागत का आधा खर्च उठाकर संबंधित व्यक्ति उसका पूरा श्रेय ले सकेगा। 

बता दें कि मुख्यमंत्री बीते बुधवार को सरकारी आवास पांच कालीदास मार्ग पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से पीएम ग्रामीण सडक़ योजना और जिला पंचायतों में हॉटमिक्स व फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) पद्धति से बनी सडक़ों का लोकार्पण व शिलान्यास कर रहे थे। उस दौरान मुख्यमंत्री ने इस योजना के संबंध में निर्देश दिए। 

आप कैसे ले सकते हैं मातृभूमि योजना से लाभ

आपका जन्म गांव में हुआ या आपके पूर्वज यूपी के किसी गांव के रहे हैं। इस नाते आपका वहां से विशेष लगाव है। लेकिन आप नौकरी व व्यवसाय की वजह से दूर शहर में, दूसरे राज्य या विदेश में रह रहे हैं और आप अपने प्रदेश के लिए कुछ करना चाहते हैं, अपनी मातृभूमि को संवारना चाहते हैं तो आपके लिए प्रदेश सरकार ने गांवों के विकास में आपकी भागीदारी का द्वार खोल दिए हैं। मातृभूमि विकास की योजना आपकी होगी। इसके तहत आपको 60 फीसद पैसा देना होगा। बाकी बचा 40 प्रतिशत पैसा सरकार लगायेगी। इस योजना की खास बात ये हैं कि 60 प्रतिशत धन खर्च करने पर आपके नाम का शिलापट लगाया जाएगा। चाहे तो आप शिलापट पर आपके पूर्वजों का नाम भी लिखवा सकते हैं।

पूर्वजों के नाम से नामाकरण होने पर ये आपके पूर्वजों के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी। बता दें कि बड़ी संख्या में गांव से निकलकर लोग शहरों में काफी अच्छा पैसा कमा रहे हैं और वे आपने गांव के लिए कुछ करना भी चाहते हैं लेकिन अभी तक कोई ऐसी सरकारी योजना नहीं शुरू की गई जिसके तहत वे अपने मन मुताबिक शिलापट पर अपना नाम लिखवा सके। अब यूपी सरकार ने ऐसे लोगों के लिए इस योजना का शुरू किया है। इससे अब कोई भी इच्छुक व्यक्ति या निजी संस्थाएं भी प्रदेश के  विकास की गंगा में अपनी भागीदारी निभा सकेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना के क्रियान्वयन प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। 

किस तरह लागू होगी मातृभूमि विकास योजना

योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली अनुदान की राशि यानि 40 प्रतिशत या उससे कम राशि की व्यवस्था कार्य से संबंधित विभागों के बजट प्रावधानों से की जाएगी। उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसायटी का पंजीकरण सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत कराया जाएगा। सोसायटी का राज्य स्तर पर एस्क्रो बैंक अकाउंट व जिला स्तर पर मातृभूमि योजना सोसायटी के तहत अलग से बैंक अकाउंट खुलवाया जाएगा। सोसायटी को 100 करोड़ की कारपस फंड उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका उपयोग किसी योजना के लिए राज्यांश के बजट की उपलब्धता न होने पर किया जाएगा व बजट उपलब्ध होने पर इसे वापस किया जाएगा। इस फंड के ब्याज से योजना के संचालन का व्यय भार वहन किया जा सकेगा।

दानकर्ता अपनी पसंद की एजेंसी से करा सकेंगे काम

योजना के तहत दानकर्ता की इच्छा के अनुसार उसकी पसंद की एजेंसी के माध्यम से कार्य कराया जाएगा। एजेंसी की ओर से दिए गए कार्य के नक्शे और डीपीआर आदि कार्य से संबंधित विभाग के सक्षम प्राधिकारी स्वीकृत करेंगे। कार्य पूर्ण होने के बाद एजेंसी के नियमों के अनुसार भुगतान करना होगा। दानकर्ता स्वयं भी कार्य करा सकते हैं, परंतु ऐसे मामले में सक्षम स्तर से डीपीआर अनुमोदित होगी व भुगतान सीधा वेंडर्स को किया जाएगा। निर्माण कार्यों में से कोई भी कार्य यदि कोई सरकारी या प्राइवेट कंपनी कराना चाहती है तो ऐसे कार्यों के लिए सरकारी सार्वजनिक उद्यम/निजी औद्योगिक इकाइयां कार्य की कुल लागत का 60 प्रतिशत राशि स्वयं और शेष 40 प्रतिशत राशि उस कंपनी के सीएसआर के माध्यम से सरकारी अनुदान में दे सकती हैं। यानी इस योजना के तहत कोई भी सरकारी या प्राइवेट कंपनी अपने सीएसआर में से 40 प्रतिशत इन कार्यों के लिए दे सकेगी, जिसे सरकारी अनुदान के तौर पर माना जाएगा।

उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना के तहत होगा सोसाइटी गठन (UP Mathrubhumi Yojana)

मातृभूमि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसाइटी का गठन किया जाएगा। इस सोसाइटी के तहत गवर्निंग काउंसिल में मुख्यमंत्री अध्यक्ष व पंचायतीराज मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। इसके अलावा संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, सदस्य और अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज विभाग सदस्य सचिव होंगे। साथ ही कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में सशक्त समिति का गठन किया गया है। इसमें संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, सदस्य व निदेशक, पंचायतीराज उप्र सदस्य सचिव होंगे।

प्रदेश के गांवों को मिली ये सौगातें 

  • यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से मातृभूमि विकास योजना की घोषणा के मौके पर कई कार्यों का लोकार्पण, शिलान्यास व शुभारंभ किया गया जो इस प्रकार से हैं।
  • मुख्यमंत्री ने पीएम ग्राम सडक़ योजना में 4,130.27 करोड़ की लागत से 6,208.45 किमी लंबे 886 ग्रामीण मार्गों के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया।
  • 155 करोड़ की लागत से 1,930 किमी लंबे 692 ग्रामीण मार्गों के नवीनीकरण कार्य का लोकार्पण किया।
  • जिला पंचायतों के तहत हॉटमिक्स पद्धति से निर्मित होने वाले 195.07 करोड़ की लागत से 537.82 किमी लंबे 509 ग्रामीण मार्गों का लोकार्पण किया।
  • जिला पंचायतों के तहत हॉटमिक्स पद्धति से निर्मित होने वाले 33.75 करोड़ की लागत से 48.62 किमी लंबे 14 ग्रामीण मार्गों का शिलान्यास किया। 

इन्हें एक रुपए टोकन राशि पर आवंटित होगी 200 वर्गमीटर जमीन

अब प्रदेश की योगी सरकार 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से मेरठ आकर बसे 63 बंगाली हिंदू परिवारों को बसाएगी। उन्हें कानपुर देहात की रसूलाबाद तहसील के भैंसाया गांव में पुनर्वासित किया जाएगा। परिवारों को कृषि के लिए दो एकड़ जमीन दी जाएगी और मकान बनाने के लिए 200 वर्गमीटर जमीन एक रुपए टोकन राशि पर आवंटित की जाएगी। राज्य सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन हिंदू बंगाली परिवारों के पुनर्वास के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

 

अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Certified Used Tractors

Mahindra 575 डीआई एक्सपी प्लस
₹ 4.90 Lakh Total Savings

Mahindra 575 डीआई एक्सपी प्लस

47 HP | 2014 Model | Hanumangarh, Rajasthan

₹ 2,87,500
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Mahindra 475 डीआई एक्सपी प्लस एमएस
₹ 1.20 Lakh Total Savings

Mahindra 475 डीआई एक्सपी प्लस एमएस

42 HP | 2023 Model | Dungarpur, Rajasthan

₹ 5,90,250
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Powertrac 434 प्लस
₹ 1.10 Lakh Total Savings

Powertrac 434 प्लस

37 HP | 2023 Model | Chittaurgarh, Rajasthan

₹ 4,30,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Farmtrac 45 पॉवरमैक्स
₹ 0.49 Lakh Total Savings

Farmtrac 45 पॉवरमैक्स

50 HP | 2023 Model | Dewas, Madhya Pradesh

₹ 7,41,285
Certified
icon icon-phone-callContact Seller

View All