Published - 21 Jan 2021 by Tractor Junction
इन दिनों बाजार के रूख में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। इससे ग्वार सीड व धनिया में तेजी का रूख है। वहीं मांग घटने से सोयाबीन के भावों में गिरावट आई है। जानकारी के अनुसार कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स पर ग्वार सीड की कीमत 95 रुपए से बढक़र 4,033 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। सटोरियों के हाजिर बाजार में मजबूती से वायदा कारोबार में ग्वार सीड के दाम चढ़े हैं। बाजार सूत्रों के अनुसार, कम सप्लाई का असर भी कीमतों पर पड़ा है। वहीं धनिया वायदा में मजबूती देखने को मिली। एनसीडीईएक्स में अप्रैल डिलीवरी के लिए धनिया वायदा 34 रुपए या 0.56 प्रतिशत बढक़र 6,054 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। बाजार के विश्लेषकों के अनुसार हाजिर बाजार में मजबूती के रुख और उत्पादक क्षेत्रों से सीमित आपूर्ति से धनिया की कीमतों में तेजी आई है।
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बाजार मांग कम होने से सोयाबीन के भाव में गिरावट आई है। वायदा बाजार में जनवरी डिलीवरी के लिए सोयाबीन का कॉन्ट्रैक्ट 75 रुपए या 1.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,550 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। फरवरी डिलीवरी के लिए सोयाबीन 67 रुपए या 1.45 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,544 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। बाजार सूत्रों ने कहा कि वायदा कारोबार में सोयाबीन की कीमतों में गिरावट ज्यादातर प्रतिभागियों द्वारा एक्सपोजर में कमी के कारण हुई है।
मेंथा ऑयल में मामूली तेजी देखने को मिली है। मेंथा ऑयल का जनवरी वायदा मामूली तेजी के साथ 977.90 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा। इससे पहले सोमवार को मेंथा ऑयल का जनवरी वायदा 0.91 फीसदी की गिरावट के साथ 977.80 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुआ था। मीडिया में प्रकाशित जानकारी के अनुसार ब्रोकरेज फर्म केडिया एडवाइजरी के एमडी अजय केडिया का कहना कि नकदी की कमी के चलते उपभोक्ता उद्योगों की मांग में कमी आई है। उनका कहना है कि शार्ट में गिरावट जारी रह सकती है। केडिया का कहना है कि 985 रुपए के आसपास जनवरी वायदा में बिकवाली की सलाह है। 995 रुपए के भाव पर स्टॉपलास लगाएं और दो कारोबारी सत्रों में 1062 रुपए प्रति किलोग्राम का लक्ष्य रखें। बता दें कि फार्मा और एफएमसीजी कंपनियां साबुन, सैनिटाइजर और कफ सीरप बनाने में मेंथा ऑयल का इस्तेमाल करती हैं।
इस बार गन्ने की अच्छी खरीद के चलते देश में चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। उद्योग निकाय इस्मा द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार देश का चीनी उत्पादन 15 जनवरी तक एक साल पहले की तुलना में 31 फीसदी बढक़र 142.70 लाख टन हो गया। इसे देखते हुए भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने अक्टूबर 2020 से शुरू चीनी विपणन वर्ष 2020-21 में चीनी उत्पादन 13 फीसदी बढक़र 310 लाख टन रहने का अनुमान जताया है। पिछले वर्ष 274.2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक देश भारत में 2019-20 विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के 15 जनवरी तक 108.94 लाख टन का हुआ था। इस्मा ने कहा कि चालू सत्र में 15 जनवरी तक तक चीनी उत्पादन 142.70 लाख टन रहा, जो पिछले साल से 33.76 लाख टन अधिक है। पिछले साल के 440 मिलों की तुलना में इस बार 487 चीनी मिलें चल रही हैं।
उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन इस बार 15 जनवरी तक मामूली कमी के साथ 42.99 लाख टन रहा। राज्य में पिछले वर्ष की समान अवधि में उत्पादन 43.78 लाख टन हुआ था। इसी दौरान महाराष्ट्र में उत्पादन एक साल पहले की इसी अवधि में 25.51 लाख टन के मुकाबले इस बार बढक़र 51.55 लाख टन हो गया। तीसरे सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में उत्पादन 29.80 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले की अवधि में 21.90 लाख टन था। इस्मा ने एक बयान में कहा कि गुजरात में चीनी उत्पादन 4.40 लाख टन, तमिलनाडु में 1.15 लाख टन तक पहुंच गया, जबकि शेष राज्यों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, ओडिशा ने मिलकर इस साल के 15 जनवरी तक 12.81 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है।
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