Published - 04 May 2022 by Tractor Junction
अक्षय तृतीया जिसे आखा तीज भी कहा जाता है। इस दिन छत्तीसगढ़ में माटी पूजन दिवस मनाया जाता है और इसी के साथ ही प्रदेश में खरीफ की बुवाई की तैयारियां शुरू होने लगती हैं। हर बार की तरह इस बार भी प्रदेश में माटी पूजन दिवस मनाया गया। लेकिन इस बार कुछ अलग अंदाज में। इस बार माटी पूजन की खास बात ये रही कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं ट्रैक्टर चलाकर उसे खेत मेें ले गए और लौकी और तोरई के बीजों की बुवाई की।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल पारंपरिक परिधान धोती कुर्ता पहनकर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने ट्रैक्टर से खेत की जुताई की और बाड़ी में धान, लौकी, कुम्हड़ा और तोरई के बीजों की बुवाई की। मुख्यमंत्री बघेल ने परिसर में बनाए गए लघु वाटिका में कुएं का पूजन किया। इसी के साथ सीएम बघेल ने अक्ती तिहार और माटी पूजन दिवस के मौके पर समारोह में मौजूद लोगों को धरती माता की रक्षा की शपथ दिलाई। सीएम को इस अंदाज में देखकर वहां एकत्रित सभी लोग गदगद हो गए।
इस अवसर पर सीएम ने कहा कि खेती किसानी में पानी का विशेष महत्व होता है। हमारी माटी, जिसे हम माता भुईयां कहते हैं, उसकी रक्षा करेंगे। हम अपने खेत, घरों, और बगीचों में जैविक खाद का उपयोग करेंगे। हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे मिट्टी, जल और पर्यावरण की सेहत खराब हो। सीएम भूपेश ने कहा कि हम भूमि में रासायनिक और नुकसानदेह रसायनों का प्रयोग नहीं करेंगे। बता दें कि फसलों पर लगातार रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग करने से भूमि की उर्वरक क्षमता कम होने लगती है और धीरे-धीरे खेत की जमीन बंजर होने लगती है। यही कारण है कि आज देश में कृषि योग्य भूमि कम होती जा रही है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि धरती माता की जय हो, गौमाता की जय हो सिर्फ ऐसा कहने भर से बात नहीं बनेगी। हमें धरती और गाय दोनों का सम्मान करना होगा। उनकी सेवा करनी होगी तभी बात बनेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वेद-पुराण में भी धरती से अनुमति लेने की बात है। किसान उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। जमीन को संभाल कर रखना है। इस जमीन ने रासायनिक खाद को एक समय तक पचाया, लेकिन अब अधिक हो गया तो वह फसलों में आ गया। उसका असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। सीधी सी बात है हम धरती की सेवा करेंगे तो मानव समाज की सुरक्षा होगी। उन्होंने कहा कि सिर्फ धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, गउ माता की जय हो, कहने से गउ माता की जय नहीं होगी। उसके लिए गउ माता की सेवा करनी होगी, चारे, पानी, इलाज और छाया का इंतजाम करना होगा।
सीएम ने कहा कि हमने 68 लाख क्विंटल गोबर खरीदा, अब हम गौमूत्र भी खरीद करेंगे। जैविक खेती प्रकृति, धरती माता और पशुधन की सेवा है, जो मानव समाज को भी सुरक्षित रखेगी। आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से चिंतित है। मैं पूरी दुनिया से कहना चाहता हूं कि हमने इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में किसानों से राज्य सरकार 2 रुपए प्रति किलों की दर से गोबर की खरीद करती है। इस गोबर से जैविक खाद बनाई जाती है जिसे किसानों को उपलब्ध कराया जाता है। इस क्रम में अब यहां की सरकार किसानों से गोमूत्र की खरीद भी जल्द शुरू करेगी जिसके संकेत सीएम ने अपने संबोधन में दिए।
इस बार छतीसगढ़ में भी जैविक खेती पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश में माटी पूजन महाअभियान का श्रीगणेश हो चुका है। महाअभियान की शुरुआत करते हुए सीएम ने कहा कि अक्षय तृतीया से नई फसल की तैयारियां शुरू हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस महाअभियान का उद्देश्य राज्य में रासायनिक खेती की जगह जैविक खेती को स्थापित करना है। इसके लिए किसानों को जैविक खेती को अपनाना होगा। छत्तीसगढ़ सरकार भी जैविक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करेगी। हमारा उद्देश्य रासायनिक खाद पर निर्भरता को कम करके स्वस्थ उत्पादन प्राप्त करना है जिससे लागत भी कम आए और उत्पादन भी बेहतर मिले।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में 6.23 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किए गए कृषि अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के नए भवन और जैविक दूध उत्पादन के लिए डेयरी का लोकार्पण किया। सीएम भूपेश बघेल ने सटिक मौसम पूर्वानुमान के लिए डॉपलर वेदर रडार की स्थापना का शिलान्यास व कृषि विश्वविद्यालय की ओर से विकसित किए गए कृषि रोजगार मोबाइल एप्लीकेशन का भी लोकार्पण किया।
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