Published - 20 Nov 2020
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से जिन गरीब रेहड़ी-पटरी वालों का धंधा चौपट हो गया, आर्थिक मदद देकर फिर से उनका कामकाज शुरू कराने के लिए शुरू की गई पीएम स्वानिधि योजना के लिए 27.33 लाख से ज्यादा आवेदन मिले हैं। प्रधानमंत्री स्वानिधि योजना (प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि) के तहत कुल 27,33,497 आवेदन में से 14.34 लाख आवेदन को मंजूरी दे दी गई है। शहरी विकास मंत्रालय की इस योजना के तहत अब तक लोन के लिए आवेदन करने वाले 7,90,689 लोगों को लोन बांट दिए गए हैं।
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यह योजना 20.97 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज का हिस्सा है। पीएम स्ट्रीड वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक जून 2020 को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हरी झंडी दी गई। यह योजना लॉकडाउन से प्रभावित रेहड़ी-पटरी वालों को दोबारा आजीविका शुरू करने के लिए लांच की गई थी। लॉकडाउन के कारण रेहड़ी-पटरी लगाने वाले लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इनकी आजीविका पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है। सरकार ने ऐसे लोगों के लिए पीएम स्वनिधि योजना शुरू की है। इसका मकसद रेहड़ी-पटरी और छोटी दुकान चलाने वालों को सस्ता कर्ज देना है। इस योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को छोटी राशि का कर्ज उपलब्ध कराया जा रहा है। इस पर ब्याज की दर अन्य व्यापारिक लोन से कम है।
कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन की वजह से अपना कामकाज छोडक़र घरों को लौटे रेहड़ी और पटरीवाले इस योजना के तहत कर्ज ले सकते हैं। इस योजना के तहत कर्ज लेना बेहद आसान है। शहरी विकास मंत्रालय ने कहा है कि कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से जिन लोगों का काम धंधा खराब हो गया है, वह इस योजना की मदद से आसानी से लोन ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें बिना गारंटी के लोन मिल मिलेगा।
सडक़ किनारे, ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वालों सहित सब्जियां बेचने वाले, फल बेचने वाले, फेरीवाले, किताब स्टेशनरी लगाने वाले, नाई की दुकान चलाने वाले, मोची, कपड़े धोने की दुकान करने वाले, चाय की दुकान वाले, कारीगर उत्पाद, पान की दुकान करने वालों को इस योजना में शामिल किया गया है।
सरकार ने स्ट्रीट वेंडरों की मदद की खातिर इस स्कीम के लिए 5000 करोड़ रुपए की राशि रखी है। पीएम स्वनिधि योजना में कोई कड़ी शर्त नहीं है। इसमें आसान शर्तों के साथ लोन मिल जाएगा। इस योजना के तहत रियायती दरों पर कर्ज मिलेगा। समय से कर्ज का भुगनान करने वालों को ब्याज में खास छूट भी दी जाएगी।
जो लोग अपना काम धंधा फिर से शुरू करने की सोच रहे हैं तो ऐसे लोग यह लोन देशभर में फैले 3.8 लाख साझा सेवा केन्द्रों (सीएससी) केन्द्रों के जरिये ले सकते हैं या नगर पालिका कार्यालय से आवेदन पत्र ऑनलाइन अपलोड किए जा सकते हैं या फिर बैंक से यह फार्म लिया जा सकता है।
इस योजना के से संबंधित एक ऐप भी सरकार की ओर से शुरू किया गया है। इसका नाम पीएम स्वनिधि मोबाइल ऐप है। जिसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। पीएम स्वनिधि मोबाइल ऐप को शुरू करने का उद्देश्य स्ट्रीट वेंडर्स के लिए लोन अप्लाई करने के प्रोसेस को आसान बनाना है। इस ऐप के जरिये लोन देने वाली संस्थाओं के फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों जैसे बैंकिंग प्रतिनिधि (बीसी) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों एनबीएफसी या माइक्रो-फाइनेंस संस्थानों एमएफआई के एजेंटों के जरिये स्ट्रीट वेंडर्स तक आसानी से लोन सुविधा को पहुंचाया जा सकेगा।
पीएम स्वनिधि मोबाइल ऐप के जरिये स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी कागजी कार्रवाई के माइक्रो-क्रेडिट सुविधाओं के जरिये आसानी से लोन दिया जा सकेगा। मंत्रालय की ओर इस स्कीम के तहत वेब पोर्टल की शुरूआत 29 जून, 2020 को की गई। इस ऐप में पीएम स्वनिधि के वेब पोर्टल के जैसी ही सभी सुविधाएं हैं, जिसे आसान पोर्टेबिलिटी की सुविधा के साथ जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लिए वर्किंग कैपिटल लोन को एक साल में मासिक किस्तों में चुकाया जाना है। लोन को समय से चुकाने पर हर साल 7 फीसदी की दर से ब्याज सब्सिडी मिलेगी। ये सब्सिडी सीधे लोन लेने वाले के खाते में जाएगी।
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