राष्ट्रीय बांस योजना क्या हैं : हरा सोना बांस अब बदलेगा किसानों की जिंदगी

Share Product Published - 11 May 2020 by Tractor Junction

राष्ट्रीय बांस योजना क्या हैं : हरा सोना बांस अब बदलेगा किसानों की जिंदगी

राष्ट्रीय बांस योजना में 50 हजार रुपए की सब्सिडी

ट्रैक्टर जंक्शन पर किसान भाइयों का एक बार फिर स्वागत है, आज हम बात करते हैं राष्ट्रीय बांस योजना (राष्ट्रीय बंबू मिशन) में सब्सिडी की। हरा सोना के नाम से प्रसिद्ध बांस अब किसानों की जिंदगी में बदलाव लाएगा। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत बेरोजगार युवाओं और किसानों को बांस उगाने पर 50 हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी। वहीं छोटे किसान को एक पौधे पर 120 रुपए की सब्सिडी मिलेगी। योजना के तहत किसानों को बांस के पौधे वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं। उल्लेखनीय है कि बांस का उपयोग आजकल सजावट के लिए बनी वस्तुओं और टिंबर आदि बिजनेस में बहुत होता है। सरकार भी देश को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए बांस की खेती को बढ़ावा देने का हर प्रयास कर रही है।

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1

 

क्या है राष्ट्रीय बांस मिशन/ राष्ट्रीय बंबू मिशन

मोदी सरकार ने किसानों के हित में बांस की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय बंबू मिशन/राष्ट्रीय बांस योजना बनाई है। इसकी खेती और  व्यापार को बढ़ावा देने के लिए हर राज्य में डायरेक्टर बनाए गए हैं। डायरेक्टरों के अधीन जिलेवार अधिकारी तय किए गए हैं। इसमें कृषि, वन विभाग व उद्योग विभाग शामिल है। 

 

 

बांस की खेती के लिए भूमि का चयन 

किसान भाई जानते हैं कि कम उपजाऊ और बंजर भूमि में अनाज का उत्पादन ज्यादा नहीं हो सकता है। कई बार किसानों की लागत भी पूरी नहीं निकल पाती। केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ उठाते हुए किसान बंजर भूमि तथा कम उपजाऊ भूमि पर बागवानी व वानिकी को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। बागवानी तथा लकड़ी के लिए पेड़ लगाने से लागत एक बार आने के कारण कर्म खर्च लगता है। विशेषज्ञों के अनुसार एक एकड़ भूमि में बांस के कम से कम 80 से 100 पौधे लगाए जा सकते हैं जबकि इनको लगाने के लिए ढाई मीटर की दूरी की पद्धति का उपयोग किया जाता है। बांस का पेड़ करीब चार साल में विकसित हो जाता है। इस दौरान एक एकड़ में करीब हजार से डेढ़ हजार बांस के पौधे तैयार हो जाते हैं।

 

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राष्टीय बांस मिशन योजना का उद्देश्य व सब्सिडी

  • राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत बांस की खेती से लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मुहैया होगा। इससे रोजगार के लिए गांवों से शहरों की ओर हो रहे पलायन पर भी रोक लगेगी। किसान गांव में बंजर भूमि पर हरा सोना उगाकर अपना भविष्य संवार सकेंगे। अन्य संबंधित सामग्री के लिए बैंक से लोन दिलाया जाएगा जिस पर किसानों को 50 प्रतिशत (अधिकतम पचास हजार रुपये) की सब्सिडी मिलेगी। 
  • यह सब्सिडी तीन वर्ष में तीन किस्तों में दी जाएगी। पहले साल 60 फीसदी, दूसरे साल 30 फीसदी व तीसरे साल 20 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। 
  • छोटे काश्तकारों को बांस उगाने पर एक पौधे पर 120 रुपये की सब्सिडी मिलेगी।
  • नार्थ ईस्ट को छोडक़र अन्य क्षेत्रों में इसकी खेती के लिए 50 फीसदी सरकार और 50 फीसदी किसान लगाएगा।
  • 50 फीसदी सरकारी शेयर में 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य की हिस्सेदारी होगी। जबकि नार्थ ईस्ट में 60 फीसदी सरकार और 40 फीसदी किसान लगाएगा। 60 फीसदी सरकारी पैसे में 90 फीसदी केंद्र और 10 फीसदी राज्य सरकार का शेयर होगा।

 

बांस की खेती की खास बातें

  • आमतौर पर बांस की खेती तीन से चार साल में तैयार होती है। किसान चौथे साल में कटाई शुरू कर सकते हैं।
  • इसका पौधा तीन-चार मीटर की दूरी पर लगाया जाता है इसलिए इसके बीच की जगह पर आप कोई और खेती कर सकते हैं।
  • इसकी पत्तियां पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल हो सकती हैं। बांस लगाएंगे तो फर्नीचर के लिए पेड़ों की कटान कम होगी। इससे आप पर्यावरण की रक्षा भी करेंगे।
  • अभी हम काफी फर्नीचर चीन से मंगा रहे हैं, इसलिए आप इसकी खेती से इंपोर्ट कम कर सकते हैं।
  • जनवरी 2018 में केंद्र सरकार ने बांस को पेड़ की कैटेगरी से हटा दिया। हालांकि ऐसा सिर्फ निजी जमीन के लिए किया गया है। जो फारेस्ट की जमीन पर बांस हैं उन पर यह छूट नहीं है। वहां पर वन कानून लागू होगा।

 

बांस की खेती से कमाई

  • जरूरत और प्रजाति के हिसाब से एक हेक्टेयर में 1500 से 2500 पौधे लगाए जा सकते हैं।
  • अगर आप 3 गुणा 2.5 मीटर पर पौधा लगाते हैं तो एक हेक्टेयर में करीब 1500 प्लांट लगेंगे। साथ में आप दो पौधों के बीच में बची जगह में दूसरी फसल उगा सकते हैं।
  • 4 साल बाद 3 से 3.5 लाख रुपये की कमाई होने लगेगी। हर साल रिप्लांटेशन करने की जरूरत नहीं. क्योंकि बांस की पौध करीब 40 साल तक चलती है।
  • दूसरी फसलों के साथ खेत की मेड़ पर 4 गुणा 4 मीटर पर यदि आप बांस लगाते हैं तो एक हेक्टेयर में चौथे साल से करीब 30 हजार रुपये की कमाई होने लगेगी।
  • इसकी खेती किसान का रिस्क फैक्टर कम करती है। क्योंकि किसान बांस के बीच दूसरी खेती भी कर सकता है।

 

बांस की प्रमुख प्रजातियां

सरकारी नर्सरी से बांस के पौधे नि:शुल्क मिलते हैं। इसकी 136 प्रजातियां हैं। अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग बांस की किस्में हैं। लेकिन 10 किस्मों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है. यह देखकर प्रजाति का चयन करना होगा कि आप किस काम के लिए बांस लगा रहे हैं। अगर फर्नीचर के लिए लगा रहे हैं तो संबंधित प्रजाति का चयन करना होगा।

 

 

राष्टीय बांस मिशन योजना में आवेदन

सबसे पहले आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट https://nbm.nic.in/ पर जाना होगा। वेबसाइट पर आपको सबसे ऊपर में Farmer Registration का एक लिंक दिखेगा। आपको Farmer Registration के लिंक पर क्लिक करना है जैसे ही आप क्लिक करेंगे आपके सामने रजिस्ट्रेशन पेज खुलेगा। यहां रजिस्ट्रेशन फॉर्म में आपको अपनी जानकारी दर्ज करनी होगी सबसे पहले अपने राज्य का चयन, उसके बाद अपने जिला का चयन और तहसील का चयन करने के बाद आपको अपने गांव का चयन करना होगा। अब आपको फाइनेंसियल ईयर की जानकारी दर्ज करनी होगी फार्मर का नाम दर्ज कर कुछ जानकारी दर्ज करनी होगी ।

ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और किसान की कैटेगरी दर्ज कर पिन कोड डाल अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद आपको आधार कार्ड व बैंक एकाउंट लिंकड का एक ऑप्शन देखने को मिलेगा। अगर आपके आधार कार्ड के साथ आपका बैंक एकाउंट लिंक है तो उस पर आप को सबमिट करना होगा। फॉर्म सबमिट करते ही आपका रजिस्ट्रेशन राष्ट्रीय बंबू मिशन के अंतर्गत हो चुका है और अधिक जानकारी के लिए आप संबंधित अधिकारी या नोडल ऑफिसर से भी संपर्क कर सकते है।

 

मध्यप्रदेश में बांस मिशन योजना 2020

मध्यप्रदेश में वन विभाग वर्ष 2020 में 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में बांस रोपण करेगा। इसमें 2400 हेक्टेयर वन क्षेत्र और 1600 हेक्टेयर कृषकों की निजी भूमि शामिल है। प्रदेश में इस वित्त वर्ष में 17 लाख 56 हजार बांस के पौधे लगाए जाएंगे। जिस पर करीब 25 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। मुख्यमंत्री के तरफ से यह बताया गया है कि प्रदेश में बांस वृक्षारोपण से हितग्राही को वर्तमान में वार्षिक मजदूरी 12 से 19 हजार के बीच प्राप्त होती है जिसे बढ़ाने का आदेश दिया गया है।

 

 

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