Published - 05 Aug 2020
टिड्डी दल का प्रकोप थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इन टिड्डी दलों का सीमापर से प्रवेश भारत में जारी है। इससे किसानों के साथ ही प्रशासन की चिंता भी बढ़ती जा रही है। अब तक राजस्थान के दो-तीन जिलों को छोडक़र सभी जगह टिड्डी दल के प्रकोप से फसल बहुत नुकसान पहुंचा है। कहीं-कहीं तो ये टिड्डी दल पूरी की पूरी फसल को चट कर गए हैं। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। हाल ही में इस मामले को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी चिंतित दिखाई दिए।
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उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर टिड्डियों के प्रकोप को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया है। जयपुर से जैसलमेर पहुंचने पर गहलोत ने मीडिया संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रदेश में टिड्डियों का प्रकोप बहुत भयावह है। राजस्थान के 33 जिलों में दो-तीन जिलों को छोड़ कर सभी जगहों पर टिड्डियों का हमला हो रहा है।
फसल बर्बाद हो रही है। टिड्डियों के प्रकोप को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है। टिड्डियां पाकिस्तान होकर अफ्रीका और अन्य मुल्कों से होकर भारत में आती है और वहां इनका बहुत खतरनाक रूप से प्रजनन हो रहा है, जब तक इन्हें नहीं रोका जाएगा तक तक फसलों को नहीं बचाया जा सकता है’। गहलोत ने कहा कि किसानों को इस नुकसान के लिए सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाना चाहिए।
देश के कई राज्यों टिड्डियों के प्रकोप बना हुआ है। इसमें मुख्यत: गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान जैसे राज्य इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है। राजस्थान में दो-तीन जिलों को छोडक़र बाकी सभी 33 जिलों में टिड्डी दल से नुकसान हुआ है। इसके अलावा अभी भी देश के कई इलाकों में टिड्डी दल का प्रकोप बना हुआ है जो किसानों की मुसीबत बढ़ा रहा है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र में बताया है कि वर्ष 2019-20 में राजस्थान में 12 जिलों का करीब 6 लाख 70 हजार हैक्टेयर क्षेत्र टिड्डी से प्रभावित रहा। भारत सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से टिड्डी दलों को काफी प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया गया, लेकिन फिर भी रबी की फसलों में किसानों को एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं वर्ष 2020-21 में भी राज्य में अब तक करीब 3 लाख 83 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण का कार्य किया गया है, लेकिन विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन के पूर्व अनुमानों के मुताबिक इस वर्ष राज्य में टिड्डी का प्रकोप पहले की तुलना में काफी ज्यादा होने की आशंका है। ऐसे में केंद्र सरकार समय रहते उचित कदम उठाए।
मुख्यमंत्री गहलोत ने पत्र में कहा है कि टिड्डी प्रकोप एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है। नए टिड्डी दलों की उत्पत्ति पर अंकुश लगाने के लिए उन्हें उनके उद्गम स्थलों पर ही रोकना आवश्यक है। इसके लिए केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय कर टिड्डी से प्रभावित सभी देशों के साथ बातचीत करे, ताकि टिड्डी के प्रभावी नियंत्रण के लिए उचित कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा है कि अफ्रीका एवं खाड़ी देशों में व्यापक पैमाने पर टिड्डी का प्रजनन हुआ है। इसके चलते सीमापार से लगातार टिड्डी दलों का राजस्थान सहित अन्य राज्यों में प्रवेश हो रहा है।
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