Published - 06 Nov 2020 by Tractor Junction
दीपावली का त्योहार नजदीक है और केंद्र व राज्य सरकारें सरकारी कर्मचारियों को वेतन के अलावा बोनस देकर अर्थव्यवस्था में मजबूती लाने का प्रयास कर रही है। उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने मंडी टैक्स में 50 फीसदी की कटौती करके किसानों को दिवाली का शानदार गिफ्ट दिया है। योगी सरकार के इस फैसले से उत्तरप्रदेश के करोड़ों किसानों को फायदा होगा। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंडी शुल्क की दर को आधा कर दिया है। सरकार ने इसे 2 फीसदी से घटाकर मात्र 1 फीसदी करने का आदेश दिया है। मंडियों में विकास कार्यों को गति प्रदान के लिए विकास शुल्क की दर (0.5 प्रतिशत) यथावत रहेगी। अब मंडी परिसर के अंदर व्यापार करने पर वर्तमान में लागू 2.5 फीसदी के स्थान पर कुल 1.5 फीसदी कर चुकाना होगा।
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कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी योगी सरकार ने किसानों के हित में कई फैसले लिए थे। कोरोना महामारी के दौरान किसानों के लिए फलों और सब्जियों की मार्केटिंग के लिए कुल 45 कमोडिटी को एक साथ मई में डी-नोटिफाइड कर दिया गया था, जिसके बाद उन्हें मंडी शुल्क नहींं देना पड़ता है। इन उत्पादों के मंडी परिसर में लाने पर मात्र 1 फीसदी टैक्स लगता था।
यूपी की योगी सरकार के इस फैसले से प्रदेश की कृषि मंडियों की वार्षिक आय पर असर पड़ेगा। मंडी शुल्क समाप्त होने से पहले साल 2019-20 में मंडी परिषद की सालाना आय लगभग 2,000 करोड़ रुपए थी। वहीं, मंडी परिसरों से बाहर शुल्क समाप्त करने के बाद आय घटकर करीब 1200 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वहीं, केंद्र सरकार द्वारा बीते जून में मंडी क्षेत्र को मंडी परिसर और ट्रेड एरिया के रूप में पृथक-पृथक करते हुए मंडी समितियों के कार्यक्षेत्र को मंडी परिसरों व अधिसूचित मंडी स्थलों तक सीमित कर दिया गया है। साथ ही ट्रेड एरिया में होने वाले कृषि विपणन पर लाइसेंस की अनिवार्यता और मंडी शुल्क-विकास शुल्क के आरोपण से अवमुक्त कर दिया गया है।
उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने किसानों के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों को भी दीपावली पर बड़ी सौगात दी है। राज्य कर्मचारियों को साल 2019-20 के लिए 30 दिनों के वेतन के बराबर बोनस मिलेगा। जानकारी के अनुसार बोनस के लिए प्रति कर्मचारी 6908 रुपए की रकम मंजूर हुई है। इसका 75 फीसदी हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि खाते में जाएगा, जबकि 25 फीसदी हिस्सा यानी 1727 रुपए का भुगतान कर्मचारी के खाते में होगा। इससे राज कोष पर 1022.75 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। प्रदेश के सभी नॉन गजटेड राज्य कर्मचारियों, राजकीय विभागों के कार्य प्रभारित कर्मचारियों, राज्य वित्त पोषित शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों और जिला पंचायत के कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को दिवाली पर बोनस मिलेगा। बीते साल की तरह बोनस की 75 प्रतिशत रकम जीपीएफ खाते में जमा होगी, जबकि 25 प्रतिशत रकम का नकद भुगतान होगा। जो कर्मचारी भविष्य निधि खाते के सदस्य नहीं है, उन्हें रकम के बदले एनएससी मिलेगी या रकम पीपीएफ खाते में जमा की जाएगी। वहीं जो कर्मचारी 31 मार्च, 2020 के बाद रिटायर हो चुके हैं, या 30 अप्रैल 2021 तक रिटायर होने वाले हैं, उनको बोनस का नकद पेमेंट किया जाएगा।
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