user profile

New User

Connect with Tractor Junction

लहसुन की खेती से होगी 7 लाख की इनकम, ऐसे करें तैयारी

Published - 19 Aug 2021

लहसुन की खेती से कमाई 

खेती को अगर बिजनेस मानकर किया जाए तो यह अधिकतम रिटर्न देने वाला साबित हो सकता है। यही कारण है कि इन दिनों युवाओं का रूझान भी खेती की ओर हो रहा है। बस जरूरत है फसलों के सही चुनाव की।

आज इसी तरह की एक फसल की जानकारी दे रहे हैं जिसकी खेती आपको महज 6 महीने में लाखों की इनकम करा सकती है।किसानों के लिए अक्टूबर का महीना लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस मौसम में लहसुन का कंद निर्माण बेहतर होता है।

इसकी खेती के लिए दोमट भूमि अच्छी रहती है।लहसुन जितना आपके खाने को लजीज बनाता है उतनी ही इसकी खेती आपकी जेब को भी मजबूत कर सकती है। इसकी खेती पर महज 50 हजार रुपए खर्च कर आप इससे 8 से 12 लाख रुपए तक कमा सकते हैं। आइए आपको बताते हैं लहसुन की आधुनिक खेती और इससे होने वाले लाभ को….

लहसुन की विभिन्न किस्में

इन दिनों लहसुन की जी-1 और जी-17 प्रजाति प्रमुख हैं। जी-17 का प्रयोग ज्‍यादातर हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश के किसान कर रहे हैं। यह दोनों प्रजातियां ही 160 से 180 दिनों में पककर तैयार हो जाती हैं। इसके बाद अप्रैल-मई महीने में इसकी खुदाई होती है। एक हेक्‍टेयर में लगभग 8 से 9 टन पैदावार आसानी से हो जाती है।इसके इलावा प्रमुख किस्मे निचे दी हुई है

टाइप 56-4:लहसुन की इस किस्म का विकास पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की ओर से किया गया है। इसमें लहसुन की गांठे छोटी होती हैं और सफेद होती हैं। प्रत्येक गांठ में 25 से 34 पुत्तियां होती हैं। इस किस्म से किसान को प्रति हेक्टेयर 15 से 20 टन तक उपज मिलती है।

आईसी 49381:इस किस्म का विकास भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से किया गया है। इस किस्म से लहसुन की फसल 160 से 180 दिनों में तैयार हो जाती है। इस किस्म से किसानों को अधिक उपज मिलती है।

सोलन:लहसुन की इस किस्म का विकास हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय की ओर से किया गया है। इस किस्म में पौधों की पत्तियां काफी चौड़ी व लंबी होती हैं और रंग गहरा होता है। इसमें प्रत्येक गांठ में चार ही पुत्तियां होती हैं और काफी मोटी होती हैं। अन्य किस्मों की तुलना में यह अधिक उपज देने वाली किस्म है।

एग्री फाउंड व्हाईट (41 जी):लहसुन की इस किस्म में भी फसल 150 से 160 दिनों में तैयार हो जाती है। इस किस्म से लहसुन की उपज 130 से 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। यह किस्म गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक आदि प्रदेशों के लिए अखिल भारतीय समन्वित सब्जी सुधार परियोजना के द्वारा संस्तुति की जा चुकी है।

यमुना (-1 जी) सफेद: लहसुन की यह किस्म संपूर्ण भारत में उगाने के लिए अखिल भारतीय सब्जी सुधार परियोजना के द्वारा संस्तुति की जा चुकी है। इस किस्म में फसल से 150 से 160 दिनों में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर उपज 150 से 175 क्विंटल होती है।

यमुना सफेद 2 (जी 50): यह किस्म मध्य प्रदेश के लिए उत्तम पाई जाती है। इस किस्म में 160 से 170 दिन फसल तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर उपज 150 से 155 क्विंटल तक होती है। यह किस्म बैंगनी धब्बा और झुलसा रोग के प्रति सहनशील होती है।

जी 282:इस किस्म में शल्क कंद सफेद और बड़े आकार के होते हैं। इसके साथ ही 140 से 150 दिनों में फसल तैयार हो जाती है। इस किस्म में किसान को 175 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज मिल जाती है।

आईसी 42891:लहसुन की इस किस्म का विकास भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, नई दिल्ली की ओर से किया गया है। यह किस्म किसानों को अधिक उपज देती है और फसल 160-180 दिन में तैयार हो जाती है।

मिट्टी और जलवायु

जैसा कि आपको पहले बताया जा चुका है कि लहसुन की खेती के लिए मध्यम ठंडी जलवायु उपयुक्त होती है। इसके साथ ही दोमट मिट्टी, जिसमें जैविक पदार्थों की मात्रा अधिक हो, लहसुन की खेती के लिए सबसे अच्छी है।

खेती की तैयारी

खेत में दो या तीन गहरी जुताई करें। इसके बाद खेत को समतल कर क्यारियां और सिचांई की नालियां बना लें। बता दें कि लहसुन की अधिक उपज के लिए डेढ़ से दो क्विंटल स्वस्थ कलियां प्रति एकड़ लगती हैं।

ऐसे करें बुवाई और सिंचाई

अधिक उपज के लिए किसानों को बुवाई के लिए डबलिंग विधि का उपयोग करना चाहिए। क्यारी में कतारों की दूरी 15 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए। वहीं, दो पौधों के बीच की दूरी 7.5 सेंटीमीटर होनी चाहिए। वहीं किसानों को बोने की गहराई 5 सेंटीमीटर तक रखनी चाहिए। जबकि सिंचाई के लिए लहसुन की गांठों के अच्छे विकास के लिए 10 से 15 दिनों का अंतर होना चाहिए।

कितना आता है खर्च

 

एक हेक्‍टेयर में लगता है 12 हजार रुपए का बीज लहसुन की खेती के लिए नवंबर महीना मुफीद रहता है। इसकी खेती भारत के लगभग हर हिस्‍से में की जाती है.लेकिन, इसके लिए उत्‍तर प्रदेश, उत्‍तराखंड, हरियाणा, पंजाब और मध्‍य प्रदेश का मौसम बहुत ही उपयुक्‍त माना जाता है। एक एकड़ खेती में लगभग 5 हजार रुपए का बीज (लहसुन की गांठ) लगता है।

जबकि, एक हेक्‍टेयर को अगर मॉडल मानकर चलें तो 12 हजार से 13 हजार रुपए का बीज पर्याप्‍त होता है। छह महीने में खाद, पानी, मजदूरी आदि कुल सब मिलाकर 50 से 60 हजार रुपए खर्च आ जाता है।

7 से 8 लाख रुपए होती है इनकम

लहसुन का प्रयोग ज्‍यादातर मसालों और आयुर्वेदिक दवाओं में होता है। ऐसे में इसकी ज्‍यादा मांग रहती है। वर्तमान में दिल्‍ली आजादपुर मंडी.की ही अगर बात करें तो इसके दाम 120 से 150 रुपए प्रति किलोग्राम तक चल रहे हैं।

इस तरह अगर आप एक हेक्‍टेयर में 8 टन यानि 8000 किलोग्राम लहसुन भी मानकर चलें तो आपको मंडी से 100 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से भी 8 लाख रुपए प्राप्‍त होंगे। इसमें से अगर आप पैदावार, खुदाई और ढुलाई का खर्च एक लाख रुपए भी निकाल लें तो 7 लाख रुपए की बचत होती है। पिछले दिनों लहसुन प्रमुख बाजारों में 450 रुपए प्रति किलोग्राम तक भी बिका है।

प्रोसेस कर बेच सकते हैं

लहसुन इसमें अगर आप इनकम को बढ़ाना चाहते हैं तो इसे प्रोसेस कर भी बेच सकते हैं। शुरुआत में आप महज 10 फीसदी उत्‍पादन को ही प्रोसस कर बेचे तो आपको कुल उत्‍पादन के लाभ का 50 फीसदी तक प्राप्‍त हो सकता है। बिजनौर उत्‍तर प्रदेश के नीरज अहलावत ने पिछले दिनों सिर्फ 1 क्विंटल गार्लिक को प्रोसस (पेस्‍ट और मसाला तैयार करना) 1.5 लाख रुपए में बेचा है।

Certified Used Tractors

Mahindra 575 डीआई एक्सपी प्लस
₹ 4.90 Lakh Total Savings

Mahindra 575 डीआई एक्सपी प्लस

47 HP | 2014 Model | Hanumangarh, Rajasthan

₹ 2,87,500
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Mahindra 475 डीआई एक्सपी प्लस एमएस
₹ 1.20 Lakh Total Savings

Mahindra 475 डीआई एक्सपी प्लस एमएस

42 HP | 2023 Model | Dungarpur, Rajasthan

₹ 5,90,250
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Powertrac 434 प्लस
₹ 1.10 Lakh Total Savings

Powertrac 434 प्लस

37 HP | 2023 Model | Chittaurgarh, Rajasthan

₹ 4,30,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Farmtrac 45 पॉवरमैक्स
₹ 0.49 Lakh Total Savings

Farmtrac 45 पॉवरमैक्स

50 HP | 2023 Model | Dewas, Madhya Pradesh

₹ 7,41,285
Certified
icon icon-phone-callContact Seller

View All