कोरोना वैक्सीन : इस राज्य में 45 साल से ऊपर वालों का अब बिना रजिस्ट्रेशन नहीं होगा टीकाकरण

Share Product Published - 07 May 2021 by Tractor Junction

कोरोना वैक्सीन : इस राज्य में 45 साल से ऊपर वालों का अब बिना रजिस्ट्रेशन नहीं होगा टीकाकरण

कैदियों, भिखारियों का बिना पहचान पत्र के भी टीकाकरण संभव

देश में कोरोना को लेकर की दूसरी लहर कहर बरपा रही है और नए संक्रमितों मरीजों का आंकड़ा कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। वहीं मौतों का सिलसिला भी बदस्तूर जारी है। वहीं दूसरी ओर सरकार कोरोना वैक्सीनाइजेशन पर जोर दे रही है ताकि लोगों को कोरोना के कहर से बचाया जा सके। बता दें कि वर्तमान में हमारे पास वैक्सीन ही एकमात्र हथियार है जो कोरोना से हमें काफी हद तक बचा सकता है। भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन का इस्तेमाल भारत में बड़े पैमाने पर हो रहा है। कोवैक्सिन एक निष्क्रिय टीका है।

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यह टीका मरे हुए कोरोना वायरस से बनाया गया है जो टीके को सुरक्षित बनाता है। इसलिए सरकार भी टीकाकरण की गति को बढ़ाने पर जोर दे रही है। वहीं यूपी में पहली डोज के लिए 45 वर्ष से ज्यादा आयु वालों को पहली डोज 10 मई से ऑन द स्पॉट नहीं लग सकेगी। इसके लिए पहले से पंजीकृत लोग ही टीकाकरण करवा सकेंगे। इसे अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया गया है। वहीं दूसरी डोज के लिए पूर्ववत व्यवस्था रहेगी। राज्य सरकार 18 से 45 वर्ष तक के लोगों का टीकाकरण भी बिना पंजीकरण के नहीं कर रही है। अब 45 वर्ष से ज्यादा आयुवालों के लिए भी यही व्यवस्था कर दी गई है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने आदेश जारी कर दिया है।

 

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जिनके पास पहचान पत्र नहीं है, उनका भी होगा टीकाकरण

मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिला कार्यबल के लिए एक एसओपी जारी किया है। इसमें ऐसे लोगों को कोविन पर रजिस्ट्रेशन करने की जिम्मेदारी दी गई है जिनके पास फोटो पहचान पत्र नहीं है। चूंकि कोरोना के खिलाफ सभी टीकाकरण को सॉफ्टवेयर पर दर्ज किया जाएगा। इसके लिए एक वैध पहचान पत्र की आवश्यक्ता होती है। केंद्र ने कहा कि वैध पहचान पत्र वाले एक प्रमुख सूत्रधार की पहचान की जाएगी जो इन समूहों के टीकाकरण के लिए सेंटर प्वाइंट होगा। केंद्र ने यह भी कहा है कि जेल अधिकारियों और वृद्धाश्रम के अधिकारी प्रमुख सूत्रधार के रूप में काम कर सकते हैं।

 

इन लोगों को लग सकेगा बिना फोटो पहचान पत्र के टीका?

केंद्र ने फोटो पहचान पत्र के बिना टीकाकरण के लिए लोगों के कई समूहों की पहचान की है। लोगों के ऐसे समूहों में खानाबदोश (विभिन्न धर्मों के साधु/संत सहित), जेल के कैदी, मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में बंद कैदी, वृद्धाश्रम के लोग, भिखारी, पुनर्वास केंद्रों में रहने वाले शामिल हैं। उन लोगों को भी टीका दिया जाएगा, जिनके पास निर्धारित फोटो पहचान पत्र नहीं है।

 

पहचान प्रमाणों के अभाव में टीकाकरण सेवाओं को नहीं किया जा सकता अस्वीकार

मंत्रालय ने राज्य सरकारों से ऐसे लोगों के बारे में कई आवेदन प्राप्त किए हैं जिनके पास इनमें से कोई भी नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण सेवाओं को पहचान प्रमाणों के अभाव में अस्वीकार नहीं किया जा सकता है। बता दें कि अभी तक टीकाकरण के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर स्मार्ट कार्ड और पेंशन दस्तावेज फोटो पहचान पत्र के तौर पर मान्य माने गए है और जिनके पास ये दस्तावेज है उनका ही टीकाकरण किया जा रहा है। लेकिन अब मंत्रालय द्वारा उन लोगों के टीकाकरण पर भी विचार किया जा रहा है जिनके पास कोई फोटो पहचान या आईडी नहीं है। 

 

कहां होगा ऐसे लोगों का टीकाकरण

ऐसे लोग जिनके पास कोई फोटो पहचान पत्र या आईडी नहीं है उनका टीकाकरण केवल सरकारी केंद्रों पर होगा। लाभार्थियों की पहचान को सत्यापित करने के लिए प्रमुख सूत्रधार की आवश्यकता होगी। 

 

प्राइवेट कंपनियों को टीका निर्माण की अनुमति देने पर हो रहा है विचार

मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार को मौजूदा पेटेंट कानूनों के तहत यह अधिकार है कि वह आपात जन स्वास्थ्य की परिस्थितियों के चलते किसी दवा या टीके के निर्माण की अनुमति दूसरी कंपनियों को भी दे सकती है ताकि उसकी उपलब्धता को बढ़ाया जा सके। 18 साल से अधिक आयु के लोगों को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किए जाने के बाद आने वाले दिनों में टीके की मांग में भारी बढ़ोतरी होने का अनुमान है। सूत्रों ने कहा कि सरकार टीकाकरण अभियान को तेज करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। ऐसे में सरकार के पास स्वदेशी टीके का तत्काल उत्पादन बढ़ाना ही एकमात्र विकल्प हो सकता है। इसके लिए सरकार कुछ और सरकारी और निजी दवा कंपनियों को अनिवार्य लाइसेंस जारी कर टीका बनाने की अनुमति दे सकती है।

 

अभी तक देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में गुरुवार को (24 घंटे में) कोरोना संक्रमण के 414,433 नए मामले दर्ज किए गए और 3920 लोगों ने इस महामारी से जान गंवाई। इस तरह से देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामले करीब 2,14,84,911 हो गए और मृतकों की संख्या 2,30,168 पर पहुंच गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 35,66,398 है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.92 प्रतिशत है। कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर गिरकर 81.99 प्रतिशत हो गई है। बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढक़र 1,75,97,137 हो गई है, जबकि मृत्यु दर 1.09 प्रतिशत है।

 

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