पीएम मोदी ने किया बनास अमूल डेयरी का उद्घाटन, पशुपालक किसानों की होगी आय में वृद्धि

Share Product प्रकाशित - 24 Feb 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

पीएम मोदी ने किया बनास अमूल डेयरी का उद्घाटन, पशुपालक किसानों की होगी आय में वृद्धि

जानें, अमूल के सबसे बड़े दुग्ध प्लांट की खास बातें और इससे पशुपालकों को क्या होगा लाभ

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बनारस में अमूल डेयरी (Amul Dairy) के सबसे बड़े प्लांट बनास अमूल डेयरी का उद्घाटन किया। पीएम मोदी दो दिवसीय बनारस के दौरे पर आए हुए हैं। दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी द्वारा बनारस के लोगों को बनास डेयरी की तोहफा दिया है। इससे पशुपालकों की आय बढ़ने के साथ ही एक लाख युवाओं को रोजगार का अवसर मिल सकेगा।

बनास डेयरी के उद्‌घाटन कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मैंने 10 साल पहले बनास डेयरी का शिलान्यास किया था और आज उसका उद्घाटन हो गया। उन्होंने कहा कि मोदी की गारंटी आपके सामने है। मोदी की गारंटी यानी गारंटी की गारंटी है। उन्होंने कहा कि अमूल बनास डेयरी से पूर्वांचल के लोगों को लाभ होगा। इससे पशुपालकों की आय बढ़ेगी। इतना ही नहीं पशुपालकों को दूध के साथ ही गोबर से भी कमाई के अवसर मिलेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि "डेयरी प्लांट में सीएनजी बनाई जाएगी जिसमें गोबर का उपयोग होगा। इससे तीन लाख से अधिक किसानों की आय बढ़ेगी।"

अमूल के बनास डेयरी प्लांट की खास बातें

  • यह अमूल का देशभर में सबसे बड़ा डेयरी प्लांट होगा जिसका पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया है।
  • बनास डेयरी अमूल इंडस्ट्रियल एरिया का निर्माण, करखियांव, एग्रो पार्क में 30 एकड़ में किया गया है।
  • इस दुग्ध संयंत्र के निर्माण में करीब 650 करोड़ रुपए की लागत आई है।
  • इस प्लांट में अत्याधुनिक तकनीक के उपकरण लगाए गए हैं जो स्वचालित हैं।
  • प्लांट के 5 से 50 किलोमीटर के दायरे में दूध कलेक्शन के लिए 5 चिलिंग सेंटर शुरू कर दिया गया है। पूर्वांचल में कुल 13 चिलिंग सेंटर बनाए जाएंगे।
  • कंपनी की ओर से प्रत्येक गांव में दूध कलेक्शन सेंटर खोले जाएंगे।
  • हर गांव में दुग्ध समिति बनाई जा रही है। दुग्ध समिति ऑपरेटिंग प्रोसेस के तहत दूध की खरीद करेगी।
  • निर्धारित समय पर कंपनी की गाड़ी से दुग्ध समिति से दूध का कलेक्शन किया जाएगा।

अमूल बनास डेयरी के संलाचन से पशुपालक व युवाओं को क्या होगा लाभ

अमूल बनास डेयरी के प्लांट के संचालित होने के बाद पूर्वाचल के करीब 1346 गावों के युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा। इस परियोजना से डेयरी में करीब 750 लोगों को प्लांट में प्रत्यक्ष और करीब 2350 लोगों को फील्ड में रोजगार मिल सकेगा। वहीं पशुपालकों से दूध की खरीद की जाएगी जिसका उन्हें निर्धारित दर से उचित मूल्य प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा प्लांट में गोबर से सीएनजी बनाई जाएगी जिससे दूध और गोबर को बेचकर पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी होगी।

पूर्वांचल के इन जिलों के पशुपालक किसानों को होगा लाभ

अभी फिलहाल इस परियोजना का लाभ 5 जिलों के किसान को लाभान्वित किया जा रहा है। इसमें गाजीपुर, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संतरविदास नगर शामिल हैं। बनास डेयरी के एमडी संग्राम चौधरी के मुताबिक आने वाले समय में जौनपुर, कौशांबी, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, बलिया, कुशीनगर, मऊ, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, संतकबीर नगर, बस्ती, गोरखपुर के किसान और पशुपालकों को लाभ मिल सकेगा।

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