क्या है एक मुश्त समाधान योजना ( ek musht samadhan yojna )
किसानों को खेती से संबंधित कई कार्यों के लिए ऋण की आवश्यकता होती है। साहूकार से ऋण लेना किसानों को बहुत महंगा पड़ता है। ये साहूकार किसानों को ऊंची ब्याज दर पर ऋण देते हैं जिसे चुकाना किसान के लिए आसान नहीं होता है। कभी-कभी तो ब्याज चुकाने में ही किसान की पूरी जिंदगी गुजर जाती है। इसलिए सरकार ने किसानों के हित के लिए कम ब्याज दर पर कई ऋण योजनाएं चला रखी है जिससे किसानों को ऋण लेने और उसे चुकाने में आसानी हो। सरकारी योजनाओं में ऋण लेने का फायदा यह है कि एक तो यह ऋण सरल प्रक्रिया से आवेदन करने पर मिल जाते हैं और इसकी ब्याज दर भी साहूकारों की तुलना में बहुत कम होती है जिसे किसान आसानी से चुका सकता है। लेकिन कई बार किसान को प्राकृतिक आपदाओं व अन्य कारणों से ऋण नहीं चुका पाता है। ऐसे किसानों के लिए सरकार उन्हें ऋण के ब्याज में छूट देती है ताकि वे ऋण का आसानी से भुगतान कर सके।
यह छूट अलग-अलग राज्यों की सरकारे अपने नियमानुसार तय करती हैं। इसी क्रम में उत्तरप्रदेश सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाते हुए एक मुश्त समाधान योजना शुरू की है। इसमें किसान को एक मुश्त ऋण चुकाने पर 35 प्रतिशत से लेकर शत-प्रतिशत छूट दी जा रही है। किसान भाई इस योजना का फायदा उठा कर अपने ऋण का भुगतान कर सकते हैं। बता दें इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो 31 जुलाई से पहले अपने ऋणों का भुगतान करते हैं। इसके बाद इस किसान को इस छूट का लाभ नहीं मिल पाएगा तो किसान भाई मौके का फायदा उठाते हुए ऋण का एक मुश्त भुगतान कर मिल रही छूट का फायदा उठा सकते हैं।
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क्या है एक मुश्त समाधान योजना और इसमें कैसे मिलता है छूट का लाभ
इस योजना के तहत किसानों को लिए गए ऋण का एक मुश्त भुगतान करने पर छूट दी जाती है। यह छूट 35 प्रतिशत से शत-प्रतिशत तक दी जा सकती है। इसके लिए इस योजना में तीन श्रेणियां निर्धारित की गई हैं जो इस प्रकार हैं-
श्रेणी एक
31 मार्च 1997 या इस तिथि से पूर्व बांटे गए ऋण के मामलों में बकाएदार किसानों पर देय शेष मूलधन की वसूली की जाएगी तथा उस पर देय पूरा ब्याज माफ कर दिया जाएगा।
श्रेणी दो
एक अप्रैल 1997 को या उसके बाद 31 मार्च 2007 तक के बीच ऋण लेने वाले किसान, जो 30 जून 2017 को बकाएदार हो गए हैं उन्हें इस तरह ब्याज में छूट दी जाएगी-
- जिन मामलों में वितरित ऋण राशि के बराबर या अधिक ब्याज की वसूली कर ली गई है, उनमें शेष मूलधन लिया जाएगा।
- जिन मामलों में वितरित ऋण राशि से कम ब्याज की वसूली की गई उनमें वितरित ऋण राशि की सीमा तक (पूर्व में वसूल ब्याज को घटाते हुए) शेष ब्याज व शेष मूलधन की वसूली की जाएगी।
श्रेणी तीन
एक अप्रैल 2007 को या उसके बाद 31 मार्च 2012 तक के बीच ऋण लेने वाले किसान जो 30 जून 2017 को बकाएदार हो गए हैं उन्हें इस तरह ब्याज में छूट मिलेगी-
- बकाएदार किसानों पर देय समस्त मूलधन की शत-प्रतिशत वसूली की जाएगी। 2. योजना शुरू की तिथि से 31 जुलाई 2018 तक के बीच समझौता कर खाता बंद करने पर ब्याज में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
- एक अगस्त 2018 से 31 अक्टूबर 2018 के बीच समझौता कर खाता करने पर ब्याज में 40 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
- एक नवंबर 2019 से 31 जनवरी 2020 के बीच समझौता कर खाता बंद करने पर ब्याज में 35 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
कैसे करें एक मुश्त समाधान योजना के लिए आवेदन
इस योजना के लिए किसान ऑफ व ऑनलाइन दोनों तरीके से आवेदन दे सकते हैं। ऑफ लाइन आवेदन करने के लिए किसान को सहकारी ग्राम विकास बैंक लखनऊ से संपर्क किया जा सकता है। वहां बैंक से फार्म लेकर भरना होगा और उसे जमा कराना होगा। वहीं ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको इसकी अधिकारिक बेवसाइट http://upgramvikasbank.up.nic.in/ पर जाकर आवेदन करना होगा।
विशेष
यदि आपको इस योजना के संबंध में किसी भी प्रकार की शंका या शाखा स्तर से कोई समस्या होने की स्थिति में सहकारी ग्राम विकास बैंक लखनऊ से संपर्क कर समस्या का समाधान सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ले सकते हैं।
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