कमजोर मानसून फिर से हुआ सक्रिय, तिलहन की फसल को होगा फायदा

Share Product Published - 10 Aug 2020 by Tractor Junction

कमजोर मानसून फिर से हुआ सक्रिय, तिलहन की फसल को होगा फायदा

पिछले दिनों कई राज्यों में हुई औसत से 45 प्रतिशत अधिक बारिश

देश के विभिन्न राज्यों में पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश ने तिलहन किसानों के चहरे पर खुशी ला दी है। इस दौरान कई जगह पर औसत से 45 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इससे मध्य और पश्चिमी भारत में तिलहन और मोटे अनाज वाली फसलें को फायदा मिला है। इससे किसानों को तिलहन की फसल का उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि बीच में मानसून कमजोर पड़ गया था जिससे किसानों की तिलहन की फसल पानी की कमी के कारण खराब होने के कगार पर पहुंच गई थी। लेकिन एक फिर से मानसून की सक्रियता ने किसानों को खुश कर दिया। 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक एम महापात्रा के  अनुसार मध्य भारत में मानसून मजबूत है। मध्यप्रदेश में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। उन्होंने कहा कि मध्य भारत में बढिय़ा बारिश हो रही है इससे बारिश की कमी दूर होगी। इसका असर गुजरात और राजस्थान पर भी पड़ेगा। हालांकि, उत्तर भारत में असामान्य वर्षा हो रही है। इस इलाके में 1 जून से शुरू होने वाले मानसूनी सीजन के बाद से 22 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। अगस्त का पहला सप्ताह भी कमजोर रहा है। इस दौरान बारिश सामान्य से लगभग आधी हुई है। 

 

देश में कहां - कहां होता है तिलहन का उत्पादन

भारत में तिलहन उत्पादन में सबसे अग्रणीय राज्य मध्यप्रदेश है। यहां सोयाबीन का सबसे अधिक उत्पादन होता है। वहीं गुजरात में मूंगफली, राजस्थान में सरसों, कर्नाटक में सूरजमुखी, तमिलनाडु में नारियल, महाराष्ट्र में कुसुम का उत्पादन सबसे अधिक होता है। 

 

बारिश से तिलहन के उत्पादन पर कितना असर

कृषिविदों के अनुसार इस समय यदि बारिश होती रहती है तो तिलहन फसलों के लिए अमृत समान फायदा देगी। इससे तिलहन की फसलों को पर्याप्त पानी मिल सकेगा जो इसके उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होगा। यदि मानसून मेहरबान रहा तो तिलहन की फसल की बंपर पैदावार होगी जिससे किसानों को लाभ होगा।

 

 

तिलहन के अच्छे उत्पादन से बाजार पर क्या असर

बाजार सूत्रों की मानें तो तिलहन के भाव इन दिनों विदेशों से आयातित तेल के कारण गिर रहे हैं लेकिन यह स्थिति लंबे समय तक नहीं चलेगी क्योंकि सरकार खुद चाह रही है कि खाद्यान्न तेलों के लिए विदेशों पर हमारी निर्भरता कम हो और देशी तिलहन का उत्पादन बढ़े ताकि किसानों के साथ-साथ व्यापारियों को फायदा पहुुंचे।

लेकिन बाजार में कुछ व्यापारियों द्वारा विदेशों से सस्ता तेल आयात किया जा रहा है और सस्ता ही बेचा जा रहा है जिससे व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है। सरकार को इस दिशा में कदम उठाते हुए इस पर रोक लगानी चाहिए जिससे देशी तिलहन को फायदा पहुंच सके। हालांकि इस साल तिलहन की बंपर पैदावार होने की उम्मीद की जा रही है और यदि  बाजार का रूख सही रहा तो इससे किसान और व्यापारी दोनों को अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद की जा सकती है।

 

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