प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना : अब देश के हर खेत में होगी सिंचाई, सरकार देगी 90 प्रतिशत सब्सिडी

Share Product Published - 07 May 2020 by Tractor Junction

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना : अब देश के हर खेत में होगी सिंचाई, सरकार देगी 90 प्रतिशत सब्सिडी

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में आवेदन की सारी जानकारी

ट्रैक्टर जंक्शन पर किसान भाइयों का स्वागत है। आज हम बात कर रहे हैं देश के करोड़ों किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की। सभी जानते हैं कि आजादी के 72 साल बीत चुके हैं। इसके बाद देश के महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड सहित सभी राज्यों में कृषि के एक बड़े हिस्से में सिंचाई की व्यवस्था नहीं है। भारत में कुल 14.2 करोड़ हैक्टेयर भूमि पर कृषि होती है। इसमें से 52 फीसदी हिस्सा अनियमित सिंचाई और बारिश पर निर्भर है। मोदी सरकार किसानों की स्थिति बदलने के लिए लगातार नई-नई योजनाएं ला रही है। सरकार ने मानसून पर खेती की निर्भरता कम करने और हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को लागू किया है। भारत सरकार के बजट 2020 में कृषि, सिंचाई के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपए की राशि शामिल है। योजना का फायदा लेने वाले किसान के पास अपनी जमीन और सिंचाई के पानी का स्रोत होना चाहिए।
 

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1

 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2020 की खास बातें

  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय वाली योजना है। इसकी शुरुआत एक जुलाई, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सही मायनों में हर खेत को समय से पानी उपलब्ध कराने और उपलब्ध पानी की बर्बादी को रोकने जैसे दोनों महत्वपूर्ण काम करती है।
  • इतने बड़े देश में हर खेत को पानी देना आसान नहीं है। इसलिए सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के रूप में एक राष्ट्रीय लक्ष्य तय किया है। इसके तहत सरकार हर खेत को आधुनिक तरीकों से सिंचित करने का प्रयास करेगी।
  • इस योजना के अंतर्गत 99 बड़ी और छोटी परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इसमें तीन मंत्रालयों के जरिए काम किया जा रहा है। इसमें जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा कृषि मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं को जोड़ा गया है।
  • राज्यों के लिए कार्यक्रम के तहत धनराशि का आवंटन बढ़ाया भी जा सकता है। कुल मिलाकर मकसद यह है कि हर खेत तक पानी पहुंचे। फसल का उत्पादन बढ़े। इससे खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
  • केंद्र सरकार इस योजना के कुल संभावित खर्च का 75 फीसदी हिस्सा वहन करती है। बाकी बोझ राज्य सरकारें उठाती हैं।
  • वह कृषि क्षेत्र जो ऊंचाई वाले स्थान पर है, उसके लिए केंद्र सरकार 90 फीसदी खर्च एवं राज्य सरकारें 10 फीसदी खर्च वहन करती हैं।

 

 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2020 का उद्देश्य 

  • पौधों में उनकी जरूरत के मुताबिक पानी का इस्तेमाल करना।
  • खुली सिंचाई में बर्बाद होने वाले पानी की बचत करके जमीन के अंदर पानी के लेवल को कम होने से बचाना।
  • बागवानी, कृषि फसलों में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक को अपनाकर फसल की क्वालिटी और पैदावार में इजाफा करना।
  • पौधों की जड़ों में ड्रिप सिंचाई के साथ ही खाद और कीट मारने वाले केमिकलों इस्तेमाल करके केमिकलों के इस्तेमाल में कमी लाना।
  • इस तकनीक से ऊंची-नीची जमीन पर भी खेती की जा सकती है।

 

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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लक्ष्य

  • जहां भी सिंचाई के लिए पानी कम है, वहां वितरण को ठीक करना। भूजल विकास, लिफ्ट इरिगेशन के माध्यम से पानी पहुंचाने का लक्ष्य।
  • कृषि योग्य भूमि का विस्तार करना तथा विस्तारित भूमि के लिए सिंचाई का प्रबंधन करना।
  • उपजिला/जिला तथा राज्य स्तर पर सिंचाई योजना तैयार कर किसानों के खेतों तक जल को पहुंचाना।
  • पानी की पुरानी टंकियों या स्रोतों की दोबारा मरम्मत करना। इन्हें रेनोवेट करके उसमें दोबारा जल संचयन कर पानी को बचाकर ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाना।
  • जलाशयों को दोबारा भरना, वर्षा जल का संचयन, पानी के बहाव को रोककर उपयोग में लाना, ड्रिप एवं स्प्रिंकलर कार्यक्रम को लागू करना।

 

 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की पात्रता 

  • योजना का फायदा सभी वर्ग के किसान उठा सकते हैं। योजना का फायदा लेने वाले किसान के पास अपनी जमीन और सिंचाई के पानी का स्रोत होना चाहिए।
  • योजना का लाभ सहकारी समिति के सदस्यों, सेल्फ हेल्प गु्रप, इनकार्पोरेटेड कंपनीज, पंचायती राज संस्थाओं, गैर सहकारी संस्थाओं, ट्रस्ट्स, उत्पादक कृषकों के समूह के सदस्यों को भी दिया जा रहा है। 
  • ऐसे लाभार्थियों/संस्थाओं को भी योजना का लाभ मिल रहा है जो संविदा खेती (कान्टै्क्ट फार्मिंग) अथवा न्यूनतम 07 वर्ष के लीज ( एग्रीमेन्ट) की जमीन पर बागवानी/खेती करते हैं। 
  • एक लाभार्थी कृषक/संस्था को उसी भू-भाग पर दूसरी बार 7 वर्ष के बाद ही योजना का लाभ ले सकता है। लाभार्थी किसान अनुदान के अतिरिक्त अवशेष धनराशि स्वयं के स्रोत से अथवा ऋण प्राप्त करके अदा करने के लिए सक्षम हों।

 

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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में रजिस्ट्रेशन/ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2020 में ऑन लाइन आवेदन

 इस योजना के लिए राज्य सरकारे अपने प्रदेश की कृषि विभाग की अधिक वेबसाइट पर आवेदन स्वीकार कर सकती है। यहां पर हम आपको केंद्र सरकार व कुछ राज्यों की वेबसाइट पर योजना से समबन्धित जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

किसान भाई प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना http://pmksy.gov.in/ आधिकारिक वेबसाइट पर योजना के संबंध में सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इस योजना का फायदा उठाने के लिए अलग-अलग राज्यों ने रजिस्ट्रेशन के लिए अलग-अलग नियम और पोर्टल तैयार किए हुए हैं।
- उत्तर प्रदेश के किसान http://www.upagriculture.com/ पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
- मध्य प्रदेश के किसान dbt.mpdage.org पर रजिस्ट्रेशन और योजना के बारे में जानकारी ले सकते हैं.
बिहार के किसान http://horticulture.bihar.gov.in/PMKSYMI/AboutPMKSY.aspx पर रजिस्ट्रेशन और योजना के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
महाराष्ट्र के किसान https://cmdashboard.maharashtra.gov.in/hi/scheme/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A4%BF-%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%88-%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%BE 

पर योजना के बारे में जानकारी ले सकते हैं।

 

 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • वोटर आईडी कार्ड
  • बैंक खाते की जानकारी
  • मोबाइल नंबर
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • जमीन के कागजात
  • भूमि का लीज एग्रीमेंट
  • भूमि की जमाबंदी नकल

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में अनुदान

  • योजना के तहत सिंचाई के उन उपकरणों और योजनाओं पर सरकार भारी सब्सिडी दे रही है, जिनमें पानी, खर्च और मेहनत सबकी बचत होती है। 
  • योजना के अन्तर्गत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली को प्रभावी ढंग से विभिन्न फसलों में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। 
  • इस सिंचाई पद्धति को अपनाकर 40-50 प्रतिशत पानी की बचत के साथ ही 35-40 प्रतिशत उत्पादन में वृद्धि और उपज के गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
  • इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार 90 फीसदी (लघु सीमान्त किसान) और 80 फीसदी (सामान्य किसान) तक की सब्सिडी दे रही है। 
  • मध्य प्रदेश सरकार स्प्रिंकलर सेट, ड्रिप सिस्टम पर 80 फीसदी तक का अनुदान दे रही है। अन्य प्रदेशों की सरकारें भी अनुदान दे रही है।

 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2020 : कम कीमत पर इरीगेशन सिस्टम लगाएं

देश में 80 फीसदी खेती बारिश के भरोसे है। कहीं ज्यादा बारिश तो कहीं सूखा की वजह से हर साल बड़ी तादाद में किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। इसके अलावा हर जगह नाले-नहर से भी सुविधा नहीं होने की वजह से किसानों को डीजल पंप सेट से सिंचाई करनी पड़ती है। पंप सेट सिंचाई करने पर सिंचाई का करीब 30 फीसदी पानी बर्बाद हो जाता है। सिंचाई में एक-एक बूंद पानी का इस्तेमाल करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने ''प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना'' चलाई हुई है। सरकार ने इस योजना का नाम 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप- माइक्रो इरीगेशन' स्कीम चलाई है। इस स्कीम में सिंचाई की आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करने पर जोर दिया गया है। माइक्रो इरीगेशन तकनीक के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के लिए किसानों को जागरुक किया जा रहा है और किसानों को इसके लिए सब्सिडी दी जा रही है।

 

भारत सरकार की गाइडलाइन 

भारत सरकार के ऑपरेशनल गाईडलाइन्स 2017 के अनुसार बागवानी, कृषि एवं गन्ना फसल में अधिक दूरी एवं कम दूरी वाली फसलों के 14 विभिन्न लेटरेल स्पेसिंग के आधार पर उपयुक्त फसलों में ड्रिप सिंचाई पद्धति को लगाकर उन्नतिशील उत्पादन एवं जल संचयन किया जा सकता है। स्प्रिंकलर सिंचाई मटर, गाजर, मूली , विभिन्न प्रकार की पत्तेदार सब्जियां, दलहनी फसलें, तिलहनी फसलें, अन्य कृषि फसलें, औषधीय एवं सगंध फसलों में मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर, सेमी परमानेन्ट, पोर्टेबल एवं लार्ज वैक्यूम स्प्रिंकलर (रेनगन) द्वारा सरलता से सिंचाई प्रबन्धन किया जा सकता है।

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