इस किसान के पास है डेढ़ करोड़ का बैल, खुराक जानकर रह जाओगे हैरान

Share Product Published - 03 Feb 2021 by Tractor Junction

इस किसान के पास है डेढ़ करोड़ का बैल, खुराक जानकर रह जाओगे हैरान

जानें, क्यों है इसकी कीमत इतनी और रखरखाव पर कितना खर्चा?

इन दिनों सोनीपत के पास नांगल कला का रहने वाला यह किसान काफी चर्चा में बना हुआ है। चर्चा का कारण किसान नहीं बल्कि इसका पाला हुआ बैल है जिसका नाम झोटा कर्ण है। आमतौर पर बैल को दस या बारह हजार रुपए में खरीदा जा सकता है। पर इस झोटे (बैल) की कीमत हजारों नहीं, लाखों में नहीं, करोड़ों में है। हां, पूरे डेढ़ करोड़।

मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर हाल ही में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान सोनीपत सिंघु बॉर्डर पर नांगल कला का रहने वाला एक किसान जोगिंदर अपने डेढ़ करोड़ के झोटे के साथ किसानों को समर्थन देने पहुंचा था। जब से ही वह किसानों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सब तरफ इस किसान और इसके झोटे बैल की चर्चा हो रही है। जोगिंदर की माने तो उसके इस झोटे (बैल) की कीमत लगभग डेढ़ करोड़ आंकी गई है, लेकिन उनका कहना है कि मैं इसे किसी भी कीमत पर नहीं बेचूंगा क्योंकि यह मेरे बच्चे की तरह है।

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1

यह है इस झोटे (बैल) की एक दिन की खुराक

इस झोटे की एक दिन की खुराक के बारे में जानकार आप हैरान रह जाएंगे। किसान जोगिंदर ने अपने डेढ़ करोड़ के झोटे की खुराक को लेकर बताया कि यह हर रोज 5 किलो बिनौले, 5 किलो दूध और 5 किलो खल के साथ-साथ आधा किलो घी खा जाता है। इस हिसाब से देखा जाए तो इसके रखरखाव पर प्रतिदिन का खर्चा 1000-1200 रुपए तक बैठता है।

क्यों है इतना महंगा

मुर्रा नस्ल के इस बैल के सीमन की देश में काफी मांग है। उन्नत नस्ल का होने के कारण ऐसे पशुओं के सीमन के उपयोग से उन्नत प्रजाति का विकास संभव हो पाता है। इससे पशुपालन के लिए उन्नत नस्ल तैयार की जाती हैं।

इधर जोधपुर में 14 करोड़ का भैंसा, खाता है काजू-बादाम

जोधपुर में एक पशुपालक के पास मुर्रा नस्ल का 13 सौ किलो वजनी भैंसा हैं जिसकी कीमत 14 करोड़ बताई जाती है। मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर एक साल पहले लगे पुष्कर मेले में इसे प्रदर्शित किया गया था। इस अनूठे भैंसे का मालिक जोधपुर निवासी जवाहरलाल जागिड़ है।

यह भी पढ़ें : स्टार्टअप इंडिया सीड फंड : सही हकदारों को मिलेगा 1000 करोड़ रुपए का फंड 

प्रतिमाह डेढ़ लाख का खर्चा

मुर्रा नस्ल के इस भीमकाय भैंसे के रखरखाव व खुराक पर करीब प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपए खर्च हो रहा है। अरविंद ने बताया कि भैंसे को प्रतिदिन एक किलो घी, आधा किलो मक्खन, दो सौ ग्राम शहद, 25 लीटर दूध, एक किलो काजू-बादाम आदि खिलाया जाता है।

14 करोड़ रुपए का मिल चुका है ऑफर

मालिक पुत्र अरविंद की माने तो उन्हें इस भैंस का 14 करोड़ रुपए का ऑफर मिल चुका है लेकिन वे भीम को बेचना नहीं चाहते हैं। वे मेले में भी भैंसे को बेचने के लिए नहीं बल्कि मुर्रा नस्ल के संरक्षण व संवर्धन के उद्देश्य से केवल प्रदर्शन करने के लिए लाते हैं। अरविंद के अनुसार इससे पहले वे गत वर्ष पहली बार पुष्कर मेले में भीम को लेकर आए थे। अब तक वे इसे बालोतरा, नागौर, देहरादून समेत कई मेलों में इसका प्रदर्शन कर चुके हैं तथा मेलों में आयोजित पशु प्रतियोगिता में भी भाग लेकर पुरस्कार जीते हैं। मुर्रा नस्ल के इस भैंसे के सीमन की देश में बड़ी मांग है।

अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Quick Links

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back