किसान पहचान पत्र : कार्ड से मिलेगा सभी सरकारी योजनाओं का फायदा

Share Product Published - 21 Apr 2020 by Tractor Junction

किसान पहचान पत्र : कार्ड से मिलेगा सभी सरकारी योजनाओं का फायदा

देश के 10 करोड़ किसानों को सरकार का तोहफा

ट्रैक्टर जंक्शन पर किसान भाइयों का एक बार फिर स्वागत है। आज हम बात करते हैं यूनिक फार्मर आईडी यानी किसान पहचान पत्र की। केंद्र सरकार किसानों के लिए किसान पहचान पत्र (यूनिक फार्मर आर्डडी) बनाने की तैयारी कर रही है। इस आईडी के बनने के बाद किसान सरकारी की सभी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना पहले चरण में पीएम-किसान योजना के तहत रजिस्टर्ड करीब 10 करोड़ किसानों को कवर किया जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार पीएम-किसान सम्मान निधि स्कीम और अन्य योजनाओं के डेटा को राज्यों द्वारा बनाए जा रहे भूमि रिकॉर्ड डेटाबेस से जोडऩे की योजना है। इस डेटाबेस के आधार पर किसानों का विशिष्ट किसान पहचान पत्र बनेगा।

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किसान यूनिक पहचान पत्र (यूनिक फार्मर आईडी) कब बनेंगे?

  • अभी देश-प्रदेश की सरकारें कोरोना से लड़ रही है। देश से कोरोना को भगाने के बाद केंद्र की मोदी सरकार किसानों के लिए ‘किसान यूनिक पहचान पत्र योजना’ की शुरुआत करेगी। 
  • केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार इस योजना के अंतर्गत पीएम किसान सम्मान निधि योजना और अन्य सरकारी योजनाओं के डेटा को राज्यों द्वारा बनाए जा रहे भूमि रिकॉर्ड डेटाबेस से जोड़ा जाएगा। इसके बाद इस डेटाबेस के आधार पर देश के सभी किसानों का विशिष्ट किसान पहचान पत्र बनाया जाएगा। 
  • इस यूनिक फार्मर आईडी के जरिये किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में आसानी हो जाएगी। इसकी जानकारी केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने एक निजी समाचार चैनल के साक्षात्कार कार्यक्रम में पिछले दिनों दी थी।
  • केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के अनुसार इस योजना के विषय पर चर्चा हुई है। और इस पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद ही योजना का क्रियान्वयन किया जा सकेगा। देश से कोरोना के खातमे के बाद ही आगे की कार्रवाई शुरू हो सकेगी। 

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किसान पहचान पत्र से किसानों को फायदा 

  • मोदी सरकार किसानों के लिए यूनिक फार्मर आईडी यानी पहचान पत्र बनाने की तैयारी में है। 
  • पीएम-किसान सम्मान निधि स्कीम के साथ-साथ अन्य योजनाओं का भी डेटाबेस इस पहचान पत्र से जोडऩे की योजना है। 
  • योजना में डेटा जोडऩे की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी।
  • अब किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ विशिष्ट किसान पहचान पत्र  के आधार पर मिलेगा। 
  • किसान पहचान पत्र बनने के बाद किसानों तक खेती से जुड़ी योजनाओं को पहुंचाना आसान हो जाएगा।
  • इस प्रक्रिया के पहले चरण में पीएम-किसान योजना में रजिस्टर्ड लगभग 10 करोड़ किसानों को कवर किया जाएगा।
  • यूनिक फार्मर आईडी नंबर की सहायता से वास्तविक किसान तक उसकी जरूरत और स्थिति के अनुरूप राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी कृषि और गैर कृषि सरकारी योजनाओं का लाभ देने में सहूलियत मिल सकेगी।

 

 

जानिए, तकनीकी तौर पर कौन कहलाता है किसान?

इस समय देश में 14.5 करोड़ किसान परिवार हैं। जिनमें से 12 करोड़ लघु एवं सीमांत किसान हैं। यानी जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम खेती है। तकनीकी तौर पर किसान कहलाने के लिए सरकारी पैमाना है। इस पैरामीटर पर खरे उतरने वाले ही खेती-किसानी से जुड़ी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। राष्ट्रीय किसान नीति-2007 के अनुसार ‘किसान’ शब्द का मतलब उगाई गई फसलों की आर्थिक या आजीविका क्रियाकलाप में सक्रिय रूप से शामिल व्यक्ति तथा अन्य प्राथमिक कृषि उत्पादों को उगाने वाले व्यक्ति से है। इसमें काश्तकार, कृषि श्रमिक, बटाईदार, पट्टेदार, मुर्गीपालक, पशुपालक, मछुआरे, मधुमक्खी पालक, माली, चरवाहे आते हैं। रेशम के कीड़ों का पालन करने वाले, वर्मीकल्चर तथा कृषि-वानिकी जैसे विभिन्न कृषि-संबंधी व्यवसायों से जुड़े व्यक्ति भी किसान हैं।

कितने गांवों का रेवेन्यू डेटा हुआ डिजिटल

देश में 6,55,959 गांव हैं। इनमें से 5,91,421 गांवों के रेवेन्यू रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन या कंप्यूटरीकरण हो गया है। भूमि रिकॉर्ड डेटाबेस का कंप्यूटरीकरण होने के बाद किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने वालों का वेरीफिकेशन आसान हो जाएगा। केंद्र सरकार के पास करीब 10 करोड़ किसान परिवारों का आधार, बैंक अकाउंट नंबर और उनके रेवेन्यू रिकॉर्ड की जानकारी प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि के तहत एकत्र हो चुकी है। इस डेटाबेस को मिलाकर यदि पहचान पत्र बनाने की कल्पना यदि साकार होती है तो किसानों का काम काफी आसान हो जाएगा।

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