मंडी में गेहूं के भाव में आई तेजी : एमएसपी पर उपज बेचने से दूरी बना रहे किसान

Share Product Published - 31 Mar 2022 by Tractor Junction

मंडी में गेहूं के भाव में आई तेजी : एमएसपी पर उपज बेचने से दूरी बना रहे किसान

जानें, प्रमुख मंडियों में गेहूं का ताजा भाव और आगे बाजार का रूख

इन दिनों देश की मंडियों में गेहूं के भावों में उछाल आया हुआ है। किसानों को प्राइवेट मंडियों में गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी से अधिक दाम मिल रहे हैं जिससे किसानों के चहरे पर खुशी है। बता दें कि कई राज्यों में गेहूं की खरीद शुरू हो गई है और अन्य राज्यों में इसकी खरीद शुरू होने वाली है। बात करें मध्यप्रदेश की तो यहां न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन की शुरुआत सोमवार से हो चुकी है। लेकिन मंडी में किसानों की कोई खासी भीड़ दिखाई नहीं दे रही है। ऐसा लगता है कि इस बार किसान शायद ही एमएसपी पर अपनी गेहूं की उपज बेचे। ऐसा इसलिए कि उन्हें एमएसपी से ज्यादा भाव तो मंडियों में ही मिल रहे है तो वे क्यों एमएसपी पर गेहूं बेचेंगे।

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गेहूं के भाव बढ़ने का क्या है कारण

मंडी में गेहूं के भाव बढऩे के पीछे कारण रूस-यूक्रेन युद्धको बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आयात की मांग बढऩे से गेहूं के दामों में तेजी देखी जा रही है। इसलिए किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने से फिलहाल किनारा कर लिया है। दूसरा कारण सहकारी समिति कर्मचारियों की हड़ताल का भी रहा, जिसने समर्थन मूल्य पर खरीद को प्रभावित किया है।

गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी भाव में कितना अंतर

बता दें कि किसानों को मंडी में गेहूं का दाम 2100 से लेकर 2500 रु प्रति क्विंटल के बीच मिल रहा है, जबकि समर्थन मूल्य 2015 रुपए /क्विंटल है। यही कारण है कि किसान पंजीयन कराने के बावज़ूद समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। इससे सरकारी खरीद केंद्रों पर इस बार किसानों की भीड़ दिखाई नहीं दे रही है। लगता है किसान इस बार शायद ही अपनी गेहूं की उपज सरकारी केंद्रों तक लाएं। हालांकि ये किसानों के लिए अच्छी बात है कि गेहूं का भाव बढ़ रहा है जिससे किसानों को लाभ होगा।

सरकारी खरीद केंद्रों पर फीकी रही शुरुआत, नाममात्र की हुई खरीद

मिडिया रिपोट्स के अनुसार मध्यप्रदेश के इंदौर -उज्जैन संभाग के जिलों में सोमवार को समर्थन मूल्य पर खरीदी की शुरुआत फीकी रही। खरगोन जिले के 73 केंद्रों में से 64 केंद्र सहकारी समिति कर्मचारियों की हड़ताल से बंद रहे। शेष 9 केंद्रों पर भी कोई किसान गेहूं बेचने नहीं आए। बड़वानी जिले में भी खरीदी नहीं हुई। तलुन केंद्र पर मात्र दो किसानों ने 10 अप्रैल का स्लॉट बुक कराया है। खंडवा जिले में 79 उपार्जन केंद्र बनाए हैं। 33 हजार किसानों ने पंजीयन भी कराया, लेकिन मात्र 4 किसानों ने स्लॉट बुक कराया। मंदसौर जिले में सिर्फ पांच किसानों से 250 क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई। देवास जिले में भी ऐसी ही स्थिति रही। 139 केंद्रों पर गिनती के किसान पहुंचे। उज्जैन जिले के 172 केंद्रों में से 19 केंद्रों पर मात्र 1200 क्विंटल गेहूं का उपार्जन हुआ। धार जिले में 109 केंद्र शुरू किए गए, लेकिन पहले दिन किसी किसान ने गेहूं नहीं बेचा। झाबुआ जिले में भी 17 किसानों ने बुकिंग कराई थी ,लेकिन सिर्फ 7 किसानों ने ही 35 क्विंटल गेहूं बेचा। इंदौर जिले में भी गेहूं खरीद केंद्रों के यही हालात हैं।

इस बार क्या है गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23

केंद्र सरकार की ओर से हर रबी और खरीफ सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए जाते हैं। रबी फसलों की बुआई से पहले ही रबी की विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए जा चुके हैं, जिस पर ही सभी राज्यों में इन फसलों की सरकारी खरीद की जाएगी। इस वर्ष 2022-23 के लिए गेहूं, चना, सरसों तथा जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य इस प्रकार है-

  • गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2015 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है।
  • चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5230 रुपए प्रति क्विंटल है।
  • सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपए प्रति क्विंटल रहेगा।
  • जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1635 रुपए प्रति क्विंटल है।

किसान को गेहूं खुले बाजार में बेचने से होगा लाभ

हमने ऊपर आपको इस रबी सीजन के लिए जो केंद्र सरकार की ओर से फसलों का न्यूनत समर्थन मूल्य यानि एमएसपी तय किया गया है उसकी लिस्ट दी है। लेकिन बता दें कि इस वर्ष बाजार में गेहूं एवं सरसों का मूल्य सरकार की ओर से तय किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक चल रहा है। ऐसी स्थिति में किसानों के लिए गेहूं खुले बाजार में बेचना ज्यादा अच्छा रहेगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन करने के बावजूद भी अच्छा दाम मिलने पर किसान चाहे तो अपनी उपज व्यापारियों को सीधे बेच सकते हैं।

देश की प्रमुख मंडियों में गेहूं के ताजा भाव

किसानों की सुविधा के लिए हम नीचे देश के प्रमुख राज्यों की मंडियों में गेहूं के रेट बता रहे हैं ताकि किसानों को जहां गेहूं के ऊंचे दाम मिलें, वहां वे अपनी उपज को बेच सकें। प्रमुख मंडियों में भाव इस प्रकार से हैं-

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूं का भाव

मध्यप्रदेश की अजयगढ़ मंडी में गेहूं का भाव  2050 रुपए, बाबई में 2022 रुपए, बडऩगर में 2353 रुपए, बैतूल में 2155 रुपए, भानपुरा में 2020 रुपए, भीकनगांव में 2350 रुपए, भिंड में 2101 रुपए, झाबुआ में 2020 रुपए, खरगोन में 2300 रुपए, खातेगांव में 2395 रुपए, खुजनेर में 2050 रुपए, मन्दसौर में 2292 रुपए, नलकेहड़ा में 2040 रुपए, रेहटी में 2082 रुपए, सांवेर में 2450 रुपए, सेगांव में 2134 रुपए, सेमरीहरचंद में 2031 रुपए, श्योपुरकला में 2201 रुपए, सोनकच्छ में 2265 रुपए और उज्जैन मंडी में 2536 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं का भाव रहा।

राजस्थान की मंडियों में गेहूं का भाव

बारां मंडी में गेहूं का भाव 2280 रुपए, बेगु में 2540 रुपए, बिजय नगर में 2190 रुपए, छाबड़ा में 2376 रुपए, डीईआई (बूंदी) में 2198 रुपए, जोधपुर (अनाज) (मंदोर) में 2600 रुपए, कोटा में 2550 रुपए, लालसोत में 2363 रुपए, लालसोठ (मंडाबारी) में 2256 रुपए, लुनकरणसर में 2100 रुपए, सूरतगढ़ में 2110 रुपए, टोंक में 2250 रुपए, विजय नगर (गुलाबपुरा) में 2190 रुपए प्रति क्विंटल रहा।

गुजरात की मंडियों में गेहूं का भाव

गुजरात की भावनगर मंडी में गेहूं का भाव 2975 रुपए, दाहोद में 2405 रुपए, धोराजी में 2390 रुपए, गोधरा (काकनपुर) में 2200 रुपए, गोधरा (टिम्बारोड) में 2250 रुपए, हिम्मतनगर में 2975 रुपए, जंबुसार में 2200 रुपए, मेहमदाबाद में 2050, मोडासा में 2500 रुपए, मोडासा (तिनतोई) में 2400, तारापुर में बेहतरीन क्वालिटी गेहूं 4425 रुपए व अन्य 2371 प्रति क्विंटल, वाधवन में भाव 2500 रुपए प्रति क्विंटल रहा।

महाराष्ट्र की मंडियों में गेहूं का भाव

अंबाद (वाडिगोदरी) मंडी में गेहूं का भाव 2699 रुपए, औरंगाबाद में 2551 रुपए, बीड में 2800 रुपए, भोकर में 2309 रुपए, भोकरदान (पिंपलगांव रेणु) में 2100 रुपए, देओलगांव राजा में 2351 रुपए, गंगापुर में 2400 रुपए, जलगांव (मसावत) में 2100 रुपए, काटोल 2094 रुपए, लातूर 2650 रुपए, नागपुर में 2135 रुपए, पालघर में 2590 रुपए, परभनी में 2400 रुपए, पार्टुर में 2200 रुपए, पुणे में 5500 रुपए, राहाता में 2249 रुपए, राहुरी (वम्बोरी) में 2575 रुपए, सांगली में 3550 रुपए, शेवगांव में 2400 रुपए, शेवगांव (बोधेगांव) में 2400 रुपए, सिल्लोड में 2150 रुपए,  सोलापुर में 3250 रुपए, तुलजापुर में 3000 रुपए, वर्धा में 2175 रुपए और यवल में 2420 रुपए प्रति क्विंटल रहा।

उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूं का भाव

उत्तरप्रदेश की अछनेरा मंडी में गेहूं का भाव 2240 रुपए, आगरा में 2150 रुपए, अजुहा में 2100 रुपए, अकबरपुर में 2050 रुपए, अलीगढ़ में 2120 रुपए, आनंदनगर 2045 रुपए, औरैया में 2070 रुपए, आजमगढ़ में 2030 रुपए, बलिया में 2050 रुपए, बलरामपुर में 2150 रुपए, बांगरमऊ में 2075 रुपए, बाराबंकी में 2025 रुपए, बरेली में 2050 रुपए, बिजनौर में 2100 रुपए, बुलंदशहर में 2165 रुपए, दादरी में 2200 रुपए, इटावा में 2025 रुपए, फैजाबाद में 2060 रुपए, फर्रुखाबाद में 2080 रुपए, फतेहपुर सीकरी में 2150 रुपए, हाथरस में 2100 रुपए, हापुड़ में 2200 रुपए, हरदोई में 2070 रुपए, खुर्जा में 2200 रुपए, लखनऊ में 2080 रुपए, मैनपुरी में 2150 रुपए, मथुरा में 2048 रुपए, मेरठ में 2200 रुपए, मिर्जापुर में 2065 रुपए, मुरादाबाद में 2060 रुपए, मुजफ्फर नगर में 2165 रुपए, पीलीभीत में 2110 रुपए, सहारनपुर में 2220 में शाहजहांपुर में 2150 रुपए, सुल्तानपुर में 2150 रुपए, वाराणसी (अनाज) में 2060 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं का भाव रहा।

पश्चिम बंगाल की मंडियों में गेहूं के भाव

पश्चिम बंगाल की आसनसोल मंडी में गेहूं का भाव 2300 रुपए, बीरभूम में 2300 रुपए, बिष्णुपुर (बांकुरा) में 2100 रुपए, बोलपुर में 2300 रुपए, दुर्गापुर 2300 रुपए, करीमपुर 210 रुपए, रामपुरहाट में 2250 रुपए, सैंथिया में 2250 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं का भाव रहा।

कर्नाटक की मंडियों में गेहूं का भाव

बैंगलोर मंडी में गेहूं का भाव 3500/2750 रुपए प्रति क्विंटल, बसवा कल्याण में 3340 रुपए, बीदर में 2900 रुपए, हुबली (अमरागोल)में 2511 रुपए तथा शिमोगा मंडी में गेहूं का भाव 2800 रुपए प्रति क्विंटल रहा।

  • बिहार की शेखपुरा मंडी में गेहूं का भाव 2200 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
  • छत्तीसगढ़ की दुर्ग मंडी में गेहूं का भाव 2305 रुपए, कुसमी में 2100 रुपए चल रहा है।
  • केरल की अलपुझा मंडी में गेहूं का भाव 2200 रुपए प्रति क्विंटल रहा।

गेहूं के भावों को लेकर आगे बाजार का रूख

बाजार एक्सपर्ट्स की मानें तो गेहूं के भाव आगे भी एमएसपी से ऊपर बने रहने की संभावना है। जैसा कि कहा जा रहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से गेहूं के भाव बढ़े हैं तो इसे देखते हुए अभी फिलहाल गेहूं के भावों में कमी आने की कोई संभावना नजर नहीं आती है। रूस-यूक्रेन युद्ध विराम के बाद ही इसके भाव कमी देखी जा सकती है।

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