Published - 23 Jan 2021
साल के शुरुआती महीने में ही भारतीय कृषि जगत की ओर से दो उपलब्धियां दर्ज की गई हैं। एक ओर इफको दुनिया की शीर्ष सहकारी संस्था बन गई हैं, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ ने अधिक धान की सरकारी खरीद में रिकार्ड बना लिया है। मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर मिली जानकारी के अनुसार उर्वरक कंपनी इफको (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड) दुनिया की शीर्ष सहकारी संस्था बन गई है। पिछले साल दुनिया में इफको ने 125वें स्थान से ओवरऑल टर्नओवर रैंकिंग में 65वां स्थान प्राप्त किया है। वहीं इस साल इफको ने भारत के पाले में एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज करा दी है। इसके साथ ही इफको अब दुनिया की शीर्ष 300 सहकारी संस्थाओं के बीच प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद से अधिक कारोबार के अनुपात के आधार पर पहले स्थान पर आ गई है।
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दुनिया की शीर्ष सहकारी संस्था बनने इस पर इफको ने कहा कि, ‘इफको राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (आईसीए) द्वारा प्रकाशित नौवीं वार्षिक विश्व सहकारी मॉनिटर रिपोर्ट के अनुसार, यह उद्यम के टर्नोवर और देश की संपत्ति को दर्शाता है।’ इफको ने एक बयान में कहा कि इस रिपोर्ट के सातवें संस्करण ने प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले कारोबार के अनुपात के आधार पर इफको को दुनिया की शीर्ष सहकारी कंपनी बताया है। इस रिपोर्ट में प्रति व्यक्ति जीडीपी पर किए गए कारोबार को आधार बनाया गया है। प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात के आधार पर कारोबार के हिसाब से श्रेणी तय करने का मतलब सहकारी संस्था के कारोबार को उस देश की क्रय शक्ति से संबंधित करना है जहां कंपनी परिचालन करती है।
छत्तीसगढ़ राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी अब तक सर्वाधिक धान खरीदी हो चुकी है। राज्य निर्माण के 20 वर्ष में इस साल सर्वाधिक धान खरीदी का रिकॉर्ड आज बन गया है। इस साल चालू धान खरीदी सीजन में 21 जनवरी तक 84 लाख 44 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है, जो बीते वर्ष राज्य में क्रय किए गए कुल धान 83.94 लाख मीट्रिक टन से 50 हजार मीट्रिक टन अधिक है, जबकि धान खरीदी के लिए कुछ दिन अभी बाकी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में बीते 2 सालों में धान खरीदी की मात्रा और खेती-किसानी और किसानों की संख्या में लगातार रिकॉर्ड बढ़ोतरी कृषि प्रधान राज्य छत्तीसगढ़ के लिए एक शुभ संकेत है।
खरीफ वर्ष 2020-21 में 21 जनवरी 2021 तक राज्य के बस्तर जिले में एक लाख 20 हजार 471 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। इसी प्रकार बीजापुर जिले में 55 हजार 401 मीट्रिक टन, दंतेवाड़ा जिले में 13 हजार 401 मीट्रिक टन, कांकेर जिले में 2 लाख 65 हजार 350 मीट्रिक टन, कोण्डागांव जिले में एक लाख 25 हजार 945 मीट्रिक टन, नारायणपुर जिले में 17 हजार 252 मीट्रिक टन, सुकमा जिले में 33 हजार 711 मीट्रिक टन, बिलासपुर जिले में 4 लाख 30 हजार 664 मीट्रिक टन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 64 हजार 991 मीट्रिक टन, जांजगीर-चांपा जिले में 7 लाख 71 हजार 608 मीट्रिक टन, कोरबा जिले में एक लाख 15 हजार 821 मीट्रिक टन, मुंगेली जिले में 3 लाख 44 हजार 629 मीट्रिक टन खरीदी की गई है। इसी तरह रायगढ़ जिले में 4 लाख 98 हजार 428 मीट्रिक टन, बालोद जिले में 4 लाख 96 हजार 276 मीट्रिक टन, बेमेतरा जिले में 5 लाख 70 हजार 736 मीट्रिक टन, दुर्ग जिले में 3 लाख 81 हजार 633 मीट्रिक टन, कवर्धा जिले में 3 लाख 86 हजार 87 मीट्रिक टन, राजनांदगांव व जिले में 7 लाख 3 हजार 423 मीट्रिक टन, बलौदाबाजार जिले में 6 लाख 4 हजार 191 मीट्रिक टन, धमतरी जिले में 4 लाख 7 हजार 864 मीट्रिक टन, गरियाबंद जिले में 2 लाख 94 हजार 996 मीट्रिक टन, महासमुंद जिले में 6 लाख 38 हजार 190 मीट्रिक टन, रायपुर जिले में 4 लाख 68 हजार 276 मीट्रिक टन, बलरामपुर जिले में एक लाख 34 हजार 643 मीट्रिक टन, जशपुर जिले में एक लाख 273 मीट्रिक टन, कोरिया जिले में एक लाख 3 हजार 960 मीट्रिक टन, सरगुजा जिले में एक लाख 35 हजार 683 मीट्रिक टन और सूरजपुर जिले में एक लाख 59 हजार 690 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है।
छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य में फसल उत्पादकता को बढ़ावा मिला है। चालू वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार इस योजना के तहत राज्य के 19 लाख किसानों को 5750 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है। अब तक राज्य के 19 लाख 54 हजार 332 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेच चुके हैं। कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स को 27 लाख 70 हजार 693 मीट्रिक टन धान का डी.ओ. जारी किया जा चुका है, जिसके विरूद्ध अब तक 25 लाख 45 हजार 512 मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है।
बता दें कि प्रदेश में वर्ष 2017-18 में जहां 56.88 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। वहीं वर्ष 2018-19 में 80.83 लाख मीट्रिक तथा वर्ष 2019-20 में 83.94 लाख मीट्रिक टन धान समर्थन मूल्य पर क्रय किया गया था। पंजीकृत किसानों की संख्या में भी साल-दर-साल बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2017-18 में धान बेचने के लिए पंजीकृत कृषकों की संख्या 15.77 लाख थी, वह वर्ष 2018-19 में बढक़र 16.96 लाख तथा वर्ष 2019-20 में बढक़र 19.55 लाख हो गई थी। इस साल समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है, जो 21.52 लाख है।
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