हरियाणा सरकार का बजट 2020.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने शुक्रवार को वित्तमंत्री के हैसियत से बजट पेश किया। सीएम ने 1.42 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया। जबकि पिछले साल बजट 1.32 लाख करोड़ रुपए का था। सरकार ने किसानों के लिए बिजली की दरें सस्ती की है। साथ ही बजट में सतत कृषि विकास के साथ जैविक और प्राकृतिक खेती पर जोर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बड़ी पहल करते हुए कृषि एवं किसान कल्याण गतिविधियों के लिए बजट अनुमान 2020-21 में कुल 6481.48 करोड़ के परिव्यय का प्रस्ताव किया है, जो कि बजट अनुमान 2019-20 के 5230. 54 करोड रुपये की तुलना में 23.92 प्रतिशत अधिक है। इसमें कृषि क्षेत्र के लिए 3364.90 करोड़, पशुपालन के लिए 1157.41 करोड़, बागवानी के लिए 492.82 करोड़ और मत्स्य पालन के लिए 122.42 करोड़ का परिव्यय शामिल है।
हरियाणा बजट 2020 की खास बातें
- हरियाणा में अब किसानों को 7.50 रुपये प्रति यूनिट की जगह 4.75 रुपये देंगे होंगे।
- राष्ट्रीयकृत बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों को भी ब्याजमुक्त ऋण की सुविधा मिलेगी।
- 3 वर्ष में एक लाख एकड़ क्षेत्र में जैविक एवं प्राकृतिक खेती का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए उपयोग धनराशि का प्रावधान किया है।
- खेती को जोखिम फ्री करने का प्रावधान। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ के लिए प्रत्येक खंड कार्यालय में बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि उपलब्ध रहेंगे। योजना ट्रस्ट माडल के रूप में चलेगी। सीएम ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को 3 वर्षों में दिए गए मुआवजे का विस्तार से उल्लेख किया।
- कृषि को उन्नत बनाने व किसानों की आय दो गुनी करने पर जोर। 54 मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार से जोड़ा जा रहा है।
- रासायनिक खादों का अंधाधुंध इस्तेमाल रोकने की कार्ययोजना।
- 111 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं बनेंगी।
- हरियाणा की सभी बड़ी मंडियों में क्रॉप ड्रायर लगाए जाएंगे, ताकि किसानों को फसल उत्पादन सुखाने में कोई परेशानी न आए। उनको फसलों का पूरा भाग बिना किसी कट के मिल सके।
- सभी सब्जी मंडियों में महिला किसान के लिए अलग से 10 प्रतिशत स्थान आरक्षित किया गया है।
- महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने हेतु किसान कल्याण प्राधिकरण में विशेष महिला सेल की स्थापना की जाएगी।
- गोदाम में चोरी की समस्या को रोकने के लिए राज्य के भंडारण निगम हेफेड, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग इत्यादि के सभी गोदामों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इस वर्ष 52 गोदामों में कैमरे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। शेष गोदामों को अगले चरणों में लिया जाएगा।
- जिन प्रगतिशील किसानों ने फसल विविधीकरण को अपनाया है, उन्हें मास्टर ट्रेनर के रूप में चयनित किया जाएगा। इन मास्टर ट्रेनर को दूसरे किसानों को फसल विविधीकरण के सफलतापूर्वक प्रोत्साहन करने पर पुरस्कृत किया जाएगा।
- अल्प बजट प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। किन्नू, अमरूद और आम के बगीचे पर 20 हजार रुपए प्रति एकड़ का अनुसान दिया जाएगा।
- हर ब्लॉक में पराली खरीद केंद्र बनाए जाएंगे।
- मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां शुरू होंगी।
- दुग्ध उत्पादकों की सब्सिडी चार रुपए से बढ़ाकर 5 रुपए प्रति लीटर की गई है।
- प्रदेश में पहला सरकारी टेट्रा पैक संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
- कृषि उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल ऐप बनाई जाएगी।
- कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।
- विशेष कृषि आधारित गतिविधियों के नाम से एक नई कैटेगिरी बनाई जाएगी जिससे बिजली बिलों की राशि पहले से कम होगी।
- हरियाणा में किसानों को कृषि पंप सेट के लिए फरीदाबाद व यमुनानगर में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित होंगे।
- 200 गोशालाओं में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित होंगे। 33 हजार सौर इनवर्टर चार्जर स्थापित होंगे।
- हरियाणा सरकार को समझौता ज्ञापन के तहत उपरी यमुना नदी बोर्ड को 458.42 करोड़ रुपए की प्रारंभिक राशि 5 सालों में चरणबद्ध रूप में देनी है, ताकि इन बांधों का निर्माण हो सके।
- सूक्ष्म सिंचाई के लिए 1200 करोड़ की योजनाएं।
- एक लाख 80 हजार रुपये से कम आय व पांच एकड़ से कम जमीन वालों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलेगा।
- बागवानी उत्पादन इकाइयों को प्रोत्साहित करने की योजना। गन्ना उत्पादों को 340 रुपये क्विंटल दिया जा रहा है।
- 355 करोड़ की लागत से पानीपत व 263 करोड़ से करनाल चीनी मिलों का आधुनिकीकरण होगा।
- शाहबाद चीनी मिल में 60 करोड़़ से एथोनाल संयंत्र लगाया जाएगा।
- जींद, झज्जर, नूंह, गुरुग्राम, फरीदाबाद के जल भराव के क्षेत्रों में 2500 एकड़ में मत्स्य पालन के अंतर्गत लाया जाएगा।
- विदेशी व संकर नस्ल के सांडों से निपटने की कार्ययोजना बनेगी।
- पशुपालकों को 200 रुपये प्रति स्ट्रा की दर से अच्छे पशुओं के प्रजनन के लिए सीमन देंगे।
- 11 लाख एकड़ लवणीय व जल भराव वाली एक लाख एकड़ जमीन को सुधारा जाएगा। यह कार्य पीपीपी के तहत किया जाएगा।
- हरियाणा में फसल अवशेष प्रबंधन पर रहेगा खास जोर। खेतों में फसल अवशेष प्रबंधन करने वालों को प्रोत्साहन।
कृषि, ट्रैक्टर एवं कृषि उपकरणों के क्षेत्र में नई तकनीक व सरकारी योजनाओं की नवीनतम जानकारी के लिए हमेशा बने रहिये
ट्रैक्टर जंक्शन के साथ।
Social Share ✖