आधार कार्ड और पैन कार्ड से ठगी : किसान रहे सचेत, ऐसे हो सकते हैं ठगी के शिकार

Share Product Published - 02 Dec 2020 by Tractor Junction

आधार कार्ड और पैन कार्ड से ठगी : किसान रहे सचेत, ऐसे हो सकते हैं ठगी के शिकार

आधार कार्ड से जाली बैंक खाता खुलवा कर ठगी करता था ये गिरोह, पुलिस ने पकड़ा, जानें, क्या है पूरा मामला

यदि आप अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड सुरक्षित नहीं रखते हैं तो आपके साथ रुपए पैसों को लेकर ठगी हो सकती है। कोई आपके आधार कार्ड से फर्जी खाता खुलवाकर फायदा उठा सकता है जिसका आपको पता भी नहीं चल पाएगा। ऐसा ही एक मामला लुधियाना में सामने आया है। जानकारी के अनुसार बीते दिनों में पंजाब की लुधियाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है जो गांव के अनपढ़ व कम पढ़े लिखे लोगों का आधार कार्ड हासिल कर जाली बैंक खाते खुलवा कर ठगी करता था। पकड़ा गया गिरोह उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुणे और पंजाब आदि राज्यों में सक्रिय बताया गया है। इस गिरोह ने कई लोगों से करीब 30 लाख रुपए की ठगी की है। हम यह घटना आपको डराने के लिए नहीं बता रहे हैं बल्कि आपको सावधान और सचेत करने के लिए बता रहे है ताकि कहीं आप ठगी के शिकार न हो जाएं। यदि आप अब तक अपना आधार व पैन कार्ड संभाल कर नहीं रखते हैं तो इस घटना को पढऩे के बाद आप इसे संभाल कर रखेंगे ऐसी हम आपसे उम्मीद करते हैं।

 

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आधार कार्ड व पेन कार्ड से करते थे ठगी, भोले-भाले गांव के लोगों को बनाते थे शिकार

लुधियाना पुलिस द्वारा पकड़ा गया गिरोह ज्यादातर अनपढ़ और भोले-भाले गांव के लोगों को अपना शिकार बनाता था। गिरोह के शातिर, किसी तरह व्यक्ति का आधार कार्ड और पैन कार्ड हासिल करते थे, इसके बाद बैंक में खाता खुलवाते थे। कुछ बैंक ने ऑनलाइन बैंक खाता खुलवाने की सुविधा दे रखी है। गिरोह का सरगना विजय कुमार पहले एक मोबाइल कंपनी में सिम कार्ड प्रमोशन का काम करता था, इसलिए उसे सिम कार्ड जारी करवाने के सभी तरीके पता थे।

आरोपी रामनारायण एक कोरियर कंपनी में काम करता है। वह जाली तरीके से खुलवाए जाने वाले बैंक खातों के एटीएम और चेकबुक को लुधियाना के पते पर मंगवाने का काम करता था। आरोपी जाली खाते खुलवाकर इन्हें आगे यूपी और पश्चिम बंगाल के कुछ गैंग को महज 15 सौ से तीन हजार रुपये में बेच रहे थे। ये शातिर इन खातों का इस्तेमाल ओएलएक्स पर वाहन या अन्य सामान बेचने के लिए करते थे। जैसे ही कोई व्यक्ति पैसा खाते में भेजता, आरोपी तुरंत निकलवा लेते थे। पुलिस कमिश्नर ने बताया जांच के दौरान पता चला है कि गिरोह के शातिर हैदराबाद, दिल्ली व पुणे में ओला चालकों को जाली राइड बुक करते थे। उनके पास ओला कैब चालक का नंबर आ जाता था। इसके बाद दूसरे नंबर से कंपनी का अधिकारी बनकर आधार कार्ड और पैन कार्ड की मांग करते थे।

इसके बाद उनके नाम पर विभिन्न बैंक में खाता खुलवा ऑनलाइन नकदी इधर से उधर करने के साथ लोन भी हासिल कर लेते थे। आरोपी कई बार धनी एप व रेड कारपेट से लोन भी हासिल कर चुके है। इन दोनों एप के माध्यम से अब तक करीब तीस लाख रुपये ठग चुके हैं। पुलिस ने ठगी के इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुणे और पंजाब समेत कई प्रदेशों में ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने आरोपियों के पास से 5.45 लाख रुपए नगद, 11 मोबाइल फोन, तीन क्रेडिट कार्ड, 17 सिम, दो लैपटाप, एक कलर प्रिंटर, 45 आधार कार्ड और 11 एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। पुलिस आरोपियों से गिरोह के बारे में अन्य जानकारी जुटा रही है।

 


यूपी में भी पकड़ा गया था ऐसा ही एक मामला

एक माह पहले भी इसी तरह का मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पकड़ में आया था। मामले के अनुसार उत्तर प्रदेश के मेरठ में साइबर सैल ने दो ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो लोगों के आधारकार्ड व पैनकार्ड को स्कैन कराकर फर्जी आधारकार्ड व पैनकार्ड तैयार कर विभिन्न बैंकों में फर्जी नाम से खाता खुलवाने वाले का काम करते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, आधार कार्ड और नकदी बरामद किए थे।

पुलिस के अनुसार जिले के थाना नौचंडी में प्रभारी साइबर सैल के नेतृत्व में टीम गठित की। इस टीम ने लोगों के आधार कार्ड व पैनकार्ड का दुरुपयोग कर फर्जी आधारकार्ड व पैनकार्ड तैयार कर विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाने वाले दो शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार मुज्जमिल पुत्र ईश्त्याक अली निवासी शास्त्रीनगर मेरठ द्वारा पुलिस अधीक्षक अपराध के समक्ष उपस्थित होकर एक प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिसमें उसने किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसके आधार कार्ड व पैनकार्ड का दुरुपयोग कर उसके नाम से विभिन्न बैंकों में फर्जी खाते खुलवाने की शिकायत की थी। उसका कहना था कि इसकी जानकारी उसे बैंक द्वारा पैनकार्ड सर्च कराने पर हुई। उसके प्रार्थना पत्र को जांच कर वैधानिक कार्यवाही के लिए पुलिस अधीक्षक अपराध ने साईबर सैल मेरठ को प्रेषित किया। जिस पर तुरन्त कार्यवाही करते हुए साइबर सैल मेरठ द्वारा दो अभियुक्त शहजाद व रिजवान को गिरफ्तार किया गया।

अभियुक्तों ने पूछताछ करने पर बताया था कि हम विभिन्न बैंकों से लोन दिलाने का कार्य करते हैं। लोन कराने के लिये लोगों से उनका आधार कार्ड, पैनकार्ड, प्रॉपर्टी के कागजात आदि ले लेते हैं तथा कागजातों को फोटोशॉप साफ्टवेयर के जरिए कम्प्यूटर द्वारा स्कैन कर उस पर अपना फोटो लगाकर फर्जी दूसरा पैनकार्ड तथा आधारकार्ड बना लेते हैं। बनाये गये फर्जी आधार कार्ड व पैनकार्ड का प्रयोग कर खाता खुलवाने व फर्जी सिम लेने के लिए करते थे।


आप क्या रखें सावधानी ताकि न हो ठगी के शिकार

  • अपना आधार एवं पैन कार्ड किसी भी अनजान व्यक्ति को न दें और न ही इसकी स्वयं के हस्ताक्षरयुक्त फोटो कॉपी।
  • अपना आधार और पैन कार्ड किसी भी अपरिचित को वाट्अप पर शेयर नहीं करें।
  • हमेशा अपने आधार और पैन कार्ड को सुरक्षित रखें ताकि वे अवांछनीय लोगों की पहुंच से दूर रहे।
  • किसी भी कंपनी या लोन देने वाली कोई नई संस्था खुली हो तो उसकी वित्तीय स्थिति और इसका रजिस्ट्रेशन आदि के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त करें। इसके बाद ही उस संस्था या कंपनी की किसी योजना में निवेश करें।
  • आजकल सब्सिडी पर सोलर सिस्टम देने की कई फर्जी बेवसाइट चल रही है जो भोले-भाले किसानों से भारी छूट दिलाने के नाम पर ठगी करती है अत: किसान भाई कोई भी सरकारी योजना का लाभ लेने से पहले अपने क्षेत्र के निकटतम कृषि विभाग से उस योजना के संबंध में जानकारी लें। उसके बाद ही योजना के लिए आवेदन करें।
  • इस संबंध में कृषि विभाग भी किसानों को सूचनाओं के माध्यम से आगाह कर चुका है। इसलिए सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है। और यदि आपके क्षेत्र या उसके आसपास ऐसी कोई फर्जी संस्था संचालित है तो चुप न रहें। उसकी शिकायत संबंधित विभाग या पुलिस से अवश्य करें ताकि भोले-भाले लोग ऐसी फर्जी संस्थाओं या कंपनी के जाल में फंसने से बच सकें।
  • आजकल सभी बैंकों में खातों को आधार से लिंक करना जरूरी होता है। यदि आपने इसे अभी तक लिंक नहीं कराया है तो कराएं, लेकिन इस मामले में भी सावधानी बरते, हमेशा एनएसडीएल पैन सेवा केंद्र और यूटीआईटीएसएल जैसे ऑफलाइन सेवाओं के जरिये या फिर ऑनलाइन या एसएमएस के जरिये ही लिंक करवाएं। किसी भी एजेंट या अनजान व्यक्ति से इसकी लिकिंग न करवाएं क्योंकि आधार और पैन आपके महत्वपूर्ण दस्तावेज है। अगर यह किसी गलत व्यक्ति के हाथों में लग गए तो आप ठगी के शिकार हो सकते हैं।
  • यदि कोई आपको बैंक अधिकारी बनकर फोन करता है और आपसे आधार या पैन की मांग करता है तो तुरंत अपने बैंक जाकर पता करें, क्योंकि बैंक अधिकारी कभी भी आपसे फोन करके आधार या पैन की मांग नहीं करते हैं बल्कि सूचना देकर आधार या पैन कार्ड के लिए आपको बैंक बुलाते हैं। अत: बैंक जाकर ही अपना आधार और पैन कार्ड खाते से लिंक कराएं।

 

 

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