Published - 23 Jan 2021 by Tractor Junction
एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाना है। जिसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बजट को लेकर किसानों व उद्योग जगत को काफी उम्मीदें हैं। आशा की जा रही है कि सरकार इस बजट में किसानों व कृषि से जुड़े उद्योगों पर विशेष ध्यान देगी और इस लिहाज से इस बजट में सरकार किसानों व कृषि उद्योग जगत को कई सौगातें दे सकती है। बता दें कि संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा और एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी।
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उद्योग संगठन क्रॉपलाइफ इंडिया ने आगामी केंद्रीय बजट में कृषि रसायनों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटाकर 12 फीसदी करने की मांग की है। उसने कहा है कि जीएसटी घटाने से कृषि रसायनों (एग्रोकेमिकल्स) की कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे किसानों को फायदा होगा। अभी कृषि रसायनों पर जीएसटी दर 18 फीसदी है। क्रॉपलाइफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) असित्व सेन ने कहा कि सरकार को जीएसटी के नियमों को भी सरल बनाना चाहिए। कंपनियों को किसी राज्य में चुकाए गए टैक्स पर दूसरे राज्य के इनपुट क्रेडिट को समायोजित करने की अनुमति देनी चाहिए।
क्रॉप लाइफ ने सरकार से एग्रोकेमिकल कंपनियों के अनुसंधान एवं विकास (आरएंडटी) खर्च पर 200 फीसदी भारित कटौती प्रदान करके अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने की कोशिश करनी चाहिए। सेन ने कहा कि सरकार उन इकाइयों को यह सुविधा प्रदान करने पर विचार कर सकती है, जिनके पास 50 करोड़ रुपये की न्यूनतम अचल संपत्ति है और जो 10 करोड़ रुपये का खर्च कर रही हैं। उद्योग ने यह भी मांग की कि सरकार तकनीकी कच्चे माल और तैयार उत्पादों दोनों पर एक समान मूल सीमा शुल्क 10 फीसदी बनाए रखे। क्रॉप लाइफ इंडिया फसल सुरक्षा में शोध और विकास आधारित कंपनियों का संगठन है।
भारतीय कृषक समाज ने डीजल पर टैक्स कम करने और फल एवं सब्जियों पर परिवहन सिब्सडी की मांग की है। बीकेएस ने कृषि क्षेत्र की विकास और किसानों के कल्याण के लिए वित्त मंत्रालय को 15 सुझाव दिए। इसमें डीजल पर कर की दर में कटौती तथा अल्कोहल को जीएसटी व्यवस्था में शामिल करने का सुझाव शामिल हैं। वहीं यूरिया के दाम बढ़ाए जाने और पोटाश की कीमतों में कमी करने की मांग की है।
डीएनए में छपी खबर के मुताबिक सरकार किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने पर विचार कर रही है। यह सालाना 10 हजार तक हो सकती है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि योजना के तहत मौजूदा वार्षिक किस्त को 10000 रुपये तक बढ़ा सकती है. इस बजट में, किसानों ने सरकार से मांग की है कि 6 हजार की राशि कृषि के लिए अपर्याप्त है और इसे बढ़ाया जाना चाहिए। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बजट अनुमान (बीई) लगभग 1.51 लाख करोड़ रुपये था, जो अगले वित्त वर्ष 2020-21 में बढक़र 1.54 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, 2019-20 में लगभग 1.40 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 2020-21 में ग्रामीण विकास के लिए आवंटन को बढ़ाकर 1.44 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत, इसे 2019-20 में 9682 करोड़ से बढ़ाकर 2020-21 में 11,127 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
इस समय केंद्र के नए तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध जारी है। और सरकार चाहती है कि किसी भी तरह किसान आंदोलन खत्म कर दें। इस लिहाज से माना जा रहा है कि इस बार आम बजट में सरकार किसानों का विशेष ख्याल रखते हुए उन्हें कई सौगातें दे सकती है ताकि नए कृषि कानूनों से पैदा हुआ गतिरोध दूर हो सके। हालांकि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए पहले से कई लाभकारी योजनाएं चला रखी हैं जिनका किसानों को लाभ मिल रहा है। इसमें पीएम सम्मान निधि योजना प्रमुख रूप से हैं। इस योजना के द्वारा किसानों के खाते में सीधा पैसा आता है जिससे किसानों को काफी सहायता मिलती है।
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