Published - 22 Sep 2021
बकरी पालन की तरह ही भेड़ पालन को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से भेड़ पालन के लिए सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके अलावा राज्य सरकारें भी अपने-अपने स्तर पर भेंड़ पालन के लिए सब्सिडी का लाभ प्रदान करती हैं। अधिकांश गरीब ग्रामीण जो गाय, भैंस नहीं खरीद सकते हैं। वे बकारी या भेंड पालन करके अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं। भेड़ पालन के लिए सरकार की ओर से सहायता प्रदान की जाती है। इसके तहत सरकार की ओर से 50 हजार रुपए की राशि बिना ब्याज के उपलब्ध कराई जाती है।
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बकरी पालन की तरह ही भेड़ पालन (Bhed Palan Business) ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आय का एक प्रमुख साधन है। भेड़ का पालन करके तथा इनकी अच्छी तरह देखभाल तथा पोषण करके इनसे ऊन, मांस तथा दूध प्राप्त किया जा सकता है। भेड़ का गोबर बहुत अच्छे प्रकार का उर्वरक होता है जिससे खेतों की उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है। भेड़ के दूध में प्रोटीन तथा वसा की अधिक मात्रा पाई जाती है। इस कारण भेड़ का दूध बहुत ही पौष्टिक तथा लाभदायक होता है। भेड़ के ऊन प्राप्त हाती है। इससे ऊन वस्त्र तैयार किए जाते हैं। इसके अलावा भेड़ का दूध चोट, मोच की सूजन को कम करने में उपयोग में लाया जाता है। इस प्रकार इसका पालन मुख्य रूप से ऊन, दूध और मांस प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
केंद्र सरकार द्वारा बकरी पालन एवं भेंड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए नेशनल लाइव स्टॉक मिशन शुरू किया गया है जिसके तहत देश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए भेड़ पालन के लिए सब्सिडी दी जाती है। नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के अंतर्गत बहुत से घटक आते हैं जिसमें अलग-अलग घटक के तहत अलग-अलग सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत अलग-अलग राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी की मात्रा भी अलग अलग होती है क्योंकि यह केंद्र की योजना है परंतु कई राज्य सरकारें इसमें राज्य की तरफ से सब्सिडी में कुछ अंश को जोड़ देती है जिससे किसान को मिलने वाली सब्सिडी बढ़ जाती है।
भेड़ पालन के लिए किस उद्देश्य से किया जा रहा है उसी अनुसार इसकी नस्ल का चयन किया जाना चाहिए। यदि आप भेड़ पालन ऊन और मांस के लिए कर रहे हैं तो अच्छे नस्लों की देशी, विदेशी और संकर प्रजातियों का चयन कर सकते हैं। मांस के लिए मालपुरा, जैसलमेरी, मंडिया, मारवाड़ी, नाली शाबाबाद और छोटानागपुरी और बीकानेरी, मैरिनो, कोरीडायल, रामबुतू आदि का चयन किया जाना चाहिए। वहीं दरी ऊन के लिए मुख्य रूप से मालापुरा, जैसलमेरी, मारवाड़ी, शहाबाबाद और छोटानागपुरी हैं उपयुक्त रहती है।
केंद्र सरकार की नेशनल लाइव स्टॉक मिशन योजना के तहत 40+2 के हिसाब से सब्सिडी दी जाती है। यानि 40 भेड़ पर दो भेड़ा पर कुल खर्चा एक लाख रुपए आता है। इसमें आपको 50 हजार रुपए का लोन बिना ब्याज के मिलता है तथा बाकी 40 प्रतिशत पर आपको ब्याज देना होता है। वहीं 10 प्रतिशत राशि आपको स्वयं लगानी होती है।
उत्तर प्रदेश राज्य में नेशनल लाइवस्टॉक मिशन के तहत रूलर बैकयार्ड बकरी/ भेड़ पालन योजना चल रही है। इसके तहत अभी लाभार्थी 10 बकरी एवं 1 बकरा अथवा 10 भेड़ एवं 1 भेड़ा उपलब्ध कराया जा रहा है। बकरी/ भेड़ पालन योजना के तहत सब्सिडी इस योजना के तहत लाभार्थियों को एक इकाई (10 बकरी एवं 1 बकरा अथवा 10 भेड़ एवं 1 भेड़ा) पर लागत का मात्र 10 प्रतिशत अंश ही देना है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के अनुसार इस योजना की कुल लागत 66,000 रुपए है। इसमें से लाभार्थी का चयन होने पर उसे मात्र 10 प्रतिशत अंश अर्थात 6,600 रुपए ही देना होगा। शेष जो भी राशि है वह लाभार्थी को सीधे बैंक खाते में दे दी जाएगी। बता दें कि इस योजना के लिए केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 30 प्रतिशत धनराशि देती है।
यह एक प्रकार का वर्किंग कैपिटल लोन है जिसका उपयोग बकरी या भेड़ पालन व्यवसाय के लिए किया जा सकता है। किसी भी व्यवसाय की तरह बकरी या भेड़ पालन व्यवसाय को शुरू करने के लिए कुछ राशि की आवश्यकता होती है। वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और कैश फ्लो को बनाए रखने के लिए, ग्राहक विभिन्न निजी और सरकारी बैंकों द्वारा दिए गए बकरी या भेड़ पालन के लिए लोन का विकल्प चुन सकते हैं।
व्यक्तिगत कृषक जिन्हें भेड पालन का समुचित अनुभव हों वे सब्सिडी पर भेड पालन शुरू कर सकते हैं। इसके तहत महिला, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के पालकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
बैंक क्षेत्र के इच्छुक लाभार्थियों के प्रार्थना पत्र योजना प्रति सहित प्राप्त करेगी। योजनान्तर्गत ऋण केवल उन्हीं लाभार्थियों को दिया जाए जो कि पारंपरिक गड़रिया परिवार से हों, उन्हें भेड़-बकरी पालन का समुचित अनुभव हों।
बैंक द्वारा चयनित लाभार्थियों की योजना, बैंक स्तर पर स्वीकृत कर योजनान्तर्गत देय ब्याज मुक्त राशि की स्वीकृति हेतु लाभार्थीवार राज्य बैंक को भिजवाई जाएगी।
ब्याज मुक्त राशि की नाबार्ड से स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत ही ऋण व ब्याजमुक्त राशि का प्रार्थी को वितरण किया जाएगा। बैंक द्वारा ब्याज मुक्त राशि की प्राप्ति के एक माह की अवधि में ऋण वितरण किया जाना आवश्यक है। यदि किन्हीं कारणोंवश बैंक निर्धारित अवधि में ऋण वितरण नहीं करती है तो ब्याज मुक्त राशि नाबार्ड को वापस करनी होगी। राशि के साथ-साथ राशि की प्राप्ति दिनांक से राशि भिजवाने की दिनांक तक की अवधि का 10 प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होगा।
नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) विभिन्न बैंकों या लोन संस्थानों की मदद से बकरी पालन लोन प्रदान करता है। नाबार्ड की योजना के तहत जो इन बैंकों से बकरी या भेड़ पालन के लिए लोन लिया जा सकता है। इनमें कॉमर्शियल बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, राज्य सहकारी बैंक तथा शहरी बैंक आदि से लोन लिया जा सकता है।
भेड़ या बकरी पालन के लिए बैंक से लोन लेने के लिए आवेदन करते समय आपको कुछ दस्तावेज की आवश्यकता होगी। ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
जो भी व्यक्ति योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे योजना से संबंधित अधिक जानकारी सरकारी पशु चिकित्सालय, विकासखंड पशु चिकित्सा अधिकारी अथवा जिला पशुपालन विभाग से ले सकते हैं।
प्रश्न. भेड़ पालन के लिए अच्छी नस्लें कौन-कौनसी हैं?
उत्तर. भेड़ पालन के लिए मालपुरा, जैसलमेरी, मंडिया, मारवाड़ी, नाली शाबाबाद और छोटानागपुरी और बीकानेरी, मैरिनो, कोरीडायल, रामबुतू आदि को मांस के लिए पाला जाता हैं। जबकि मालापुरा, जैसलमेरी, मारवाड़ी, शहाबाबाद और छोटानागपुरी को ऊन उत्पादन के लिए अच्छी नस्लें मानी जाती हैं।
प्रश्न. भेड़ पालन बिजनेस शुरू करने में कितना खर्च आता है?
उत्तर. यदि आप 40 भेड़ पर दो भेड़ा पर भेड़ पालन शुरू करते हैं तो इसमें कुल खर्चा एक लाख रुपए आता है।
प्रश्न. भेड़ पालन बिजनेस के लिए सरकार से क्या सहायता मिलती है?
उत्तर. भेड़ पालन बिजनेस शुरू करने केे लिए सरकार से सब्सिडी पर लोन मुहैया कराती है। इसके तहत कुल लागत का 50 प्रतिशत ऋण ब्याज मुक्त होता है। 40 प्रतिशत ऋण पर ही ब्याज देना होता है। शेष 10 प्रतिशत राशि आपको भेड़ पालन बिजनेस शुरू करने के लिए लगानी होती है।
प्रश्न. भेड़ पालन बिजनेस के लिए सरकार की ओर से अधिकतम सहायता कितनी मिल सकती है?
उत्तर. भेड़ पालन बिजनेस के लिए सरकार की ओर से अधिकतम 50 हजार रुपए तक की सहायता मिलती है।
प्रश्न. भेड़ पालन बिजनेस के लिए कौन-कौन से बैंक ऋण देते हैं?
उत्तर. नाबार्ड की योजना के तहत जो इन बैंकों से बकरी या भेड़ पालन के लिए लोन लिया जा सकता है। इनमें कॉमर्शियल बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, राज्य सहकारी बैंक तथा शहरी बैंक आदि से ऋण लिया जा सकता है।
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