Published - 27 May 2020
by Tractor Junction
राजस्थान, मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश में किसानों की फसल को भारी नुकसान पहुंचाने के बाद टिड्डी दल के अब हरियाणा पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। संभावना है कि यह टिड्डी दल राजस्थान के बीकानेर, झुंझुनूं, नागौर, सीकर होते हुए हरियाणा राज्य के बार्डर पर लगते भिवानी, सिरसा, महेंद्रगढ़, हिसार पहुंच सकता है। राज्य की तरफ से टिड्डी दल के बढ़ते खतरे की संभावना को देखते हुए यहां कृषि विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। मीडिया व समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों में हरियाणा के कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग टिड्डी दल की समस्या के समाधान के लिए पूरी तरह तैयार है। यदि टिड्डी दल हरियाणा पहुंचता है तो उसे वहीं छिडक़ाव कर मार गिराया जाएगा।
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टिड्डियों ने शुरू में पाकिस्तान से राजस्थान में प्रवेश किया तथा राजस्थान से टिड्डियों के झुंड मध्य प्रदेश के करीब दस से बारह जिलों में नुकसान पहुंचाते हुए उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर गए हैं। उत्तर प्रदेश के 10 जिलों को प्रशासन ने अलर्ट पर रखा गया है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा से लगे क्षेत्रों में टिड्डियों के हमले के खतरे को देखते हुए, स्थानीय अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है और ट्रैक्टर में लगे स्प्रेयर, पावर स्प्रेयर और फायर ब्रिगेड को कीटनाशकों के साथ तैयार रहने के लिए कहा गया है।
जानकारी केे अनुसार टिड्डियों का लगभग 2.5 किमी से 3 किमी लंबा है। जिसने पहले राजस्थान राज्य में प्रवेश किया। एक अन्य झुंड राजस्थान के करौली में सक्रिय था, इसके बाद झांसी, ललितपुर, जालौन और औरैया और उनके आसपास के जिलों जैसे हमीरपुर, कन्नौज, इटावा और कानपुर देहात के लिए अलर्ट जारी किया गया है। अभी तक करीब 25 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जियों की फसल को नुकसान की आशंका है हालांकि कुल हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार 25 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा की दिशा में उडऩे वाला टिड्डी का दल रात में हमला करता है। एक टिड्डी दल आठ से दस घंटे में करीब सौ किमी का सफर करता है। एक बार भोजन के बाद जब सौ किमी उड़ता है और फिर भूख लगते ही वहां के क्षेत्र में पडऩे वाली फसल को चट कर जाता है। बताया गया है कि टिड्डी दल रात में पेड़ और फसलों पर ही बैठता है और फिर सूर्य की पहली किरण निकलते ही फिर उड़ान भरता है।
कृषि विभाग द्वारा किसानों को निर्देश दिए गए हैं कि टिड्डियों को देखते ही जोर-जोर से शोर मचाएं, खाली टिन के डिब्बे, थाली व ताली बजाने के साथ खेतों में धुंआ करें। इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा भी दवा का छिडक़ाव किया जा रहा है। इसके बाद भी यह लगातार आगे बढ़ते जा रहे है।
टिड्डी दल की लोकेशन को कवर करने के लिए कृषि विभाग उन्नाव के वैज्ञानिक गूगल व जीपीएस का सहारा ले रहे है। इससे उनकी लोकेशन का पता लगा कर उसी के अनुरूप छिडक़ाव कार्य कर उनको खत्म करने का प्रयास किया जा सके वहीं अन्य जगह पर पहुंचने की स्थिति में पहले से लोगों को सतर्क किया जा सके।
राजस्थान में टिड्डियों ने जमकर उत्पात मचाया। यह खेतों के साथ ही रिहायशी इलाकों में भी पहुंच गई। इन्हें राजस्थान के जयपुर शहर के परकोटा क्षेत्र में बड़ी चौपड़ के अलावा मुरलीपुरा, जवाहर नगर आदि क्षेत्रों में देखा गया। यह पहली बार है कि टिड्डियों ने रिहायशी इलाकों में प्रवेश किया है। इससे यहां रहने वाले लोग काफी परेशान दिखाई दिए।
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