Published - 21 May 2021
देश में ताउते तूफान के तबाही मचाने के बाद अब एक ओर तूफान के आने की संभावना जताई जा रही है। इसका नाम यास है। मौसम विभाग के अनुसार मौसम विभाग ने देश के पश्चिमी तट पर गंभीर चक्रवाती तूफान ताउते के आने के बाद एक अन्य चक्रवात यास के 26-27 मई को पूर्वी तट पर पहुंचने का अनुमान है। विभाग ने बताया कि उत्तर अंडमान सागर और बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी में 22 मई को कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है जो इसके बाद के 72 घंटों में चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। मौसम विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रभाग के अनुसार यह तूफान उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ सकता है और 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटों तक पहुंच सकता है।
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मौसम विभाग के अनुसार इस यास तूफान के प्रभाव से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और मेघालय में 25 मई से हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। वहीं इसके बाद के दिनों में यह बारिश तेज भी हो सकती है। मौसम विभाग ने बताया कि वर्तमान में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में सभी परिस्थितियां चक्रवात के अनुकूल बनी हुई हैं। यही एक बड़ा कारण है कि लगातार कई चक्रवाती तूफान आ रहे हैं।
भारतीय मौसम विभाग ने एक और चेतावनी जारी की है कि उनके मुताबिक बंगाल की खाड़ी के उत्तर मध्य के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसके चलते 23-24 मई को ये साइक्लोन में तब्दील हो सकता है। आने वाले दिनों में अगर ये चक्रवाती तूफान बनता है तो इसे ‘यस’ कहा जाएगा, ये नाम ओमान ने दिया है। अगले सप्ताह बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की चेतावनी जारी की गई है। आईएमडी के अधिकारियों के मुताबिक ये दबाव का क्षेत्र बढक़र चक्रवाती तूफान की शक्ल अख्तियार कर सकता है।
मौसम विभाग के चक्रवात न्यास की चेतावनी के बाद पश्चिम बंगाल सरकार और ओडिशा सरकार ने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इससे निपटने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करें। अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि बनर्जी ने एक डिजिटल बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को दवाओं, पेयजल, सूखे भोजन और तिरपाल के पर्याप्त भंडार का प्रबंध करने का निर्देश दिया। उन्होंने राज्य आपदा प्रबंधन बल और पुलिस बल के पर्याप्त कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। वहीं एक अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासनों से मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की हिदायत देने को कहा गया है।
एक अंग्रेजी समाचार पत्र के मुताबिक, आईएमडी के अधिकारी ने बताया कि यास बीते साल आए तूफान अम्फान की तरह तेज हो सकता है। आईएमडी में चक्रवातों पर नजर रखने वाली सुनीता देवी ने कहा कि हम अम्फान जैसी तीव्रता से इनकार नहीं कर सकते। अच्छी बात यह है कि अभी के मॉडल दिखा रहे हैं कि सिस्टम समुद्र के ऊपर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। समुद्र के ऊपर इसका समय कम होने पर इसकी तीव्रता प्रतिबंधित हो जाएगी।
तूफान या चक्रवात उत्पत्ति तब होती है, जब समुद्री जल का तापमान 79 डिग्री फारेनहाइट (26.1 डिग्री सेल्सियस) से बढ़ जाता है। जैसे-जैसे गर्म जल वाष्प में बदलता और ऊपर वातावरण में पहुंचता है, यह ठंडी हवा से मिलकर प्रतिक्रिया करता है और तूफान के रूप में समाने आता है। उच्च तापमान से ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, जो आखिर में हवाओं की रफ्तार, बारिश और अन्य कारकों को प्रभावित करता है। जब तापमान बढ़ता है तो वातावरण में मॉइश्चर (नमी) बढ़ जाता है। हवा में नमी अधिक होने से जब वो कम या ज्यादा तापमान वाले क्षेत्रों में पहुंचती है तो अत्यधिक शक्तिशाली सिस्टम बन जाता है जिससे बिजली गिरना, भारी बरसात, ओलावृष्टि या अत्यधिक बर्फ गिरने की स्थिति बन जाती है।
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