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मौसम विभाग की चेतावनी, कई राज्यों में हो सकती है भारी बारिश

Published - 21 Sep 2021

जानें, कल मौसम कैसा रहेगा? कहां-कहां होगी बारिश और आगे कैसा रहेगा मौसम का हाल

मौसम विभाग की ओर से 21 से 24 सितंबर के दौरान बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया है। इसके तहत राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार अगले दो-तीन दिन तक  कई राज्यों में बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, गुजरात सहित राज्यों में 23 सितंबर तक  भारी बारिश की चेतावनी दी है।

इसके तहत मध्यप्रदेश, राजस्थान, विदर्भ और छत्तीसगढ़ राज्यों में आने वाले दिनों में बारिश की गतिविधियां जारी रह सकती हैं। वहीं कोंकण एवं गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाडा आदि क्षेत्रों में आने वाले 3 दिनों तक मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा गुजरात राज्य के जिलों में आने वाले 2 दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है। उत्तराखंड राज्य में 21 से 24 सितंबर तक अधिकांश जिलों में भारी बारिश होने की संभवना है। वहीं उड़ीसा, पश्चिम बंगाल राज्यों में 21 सितंबर को भारी बारिश होने की संभावना है। 

 

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राजस्थान के इन जिलों में बारिश की संभावना

बारिश भारतीय मौसम विज्ञान विभाग जयपुर केंद्र के अनुसार राजस्थान के अजमेर, बांसवाडा, बारान, भीलवाडा, बूंदी, चित्तोडगढ़, डूंगरपुर, झालावार, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही, उदयपुर, जालोर, जोधपुर, नागौर, पाली आदि जिलों में आने वाले चार दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है। 


मध्यप्रदेश के इन जिलों में बारिश की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र की चेतावनी के  अनुसार भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, धार, इंदौर, अलीराजपुर, बडवानी, बुरहानपुर, खंडवा,खरगोन, झाबुआ, देवास, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर, उज्जैन, अशोक नगर, उमरिया, अनूपपुर, शाडोल, डिंडोरी, छिंदवाडा, बालाघाट, सिवनी, मंडला, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, सागर, बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद जिलों में आने वाले 2-3 दिनों में मध्यम से लेकर भारी बारिश होने की संभवना है।


उड़ीसा तक आया चक्रवातीय घेरा

  • इस समय बंगाल की खाड़ी में चक्रवातीय घेरा बना हुआ है, यह उड़ीसा के ऊपर सक्रिय हैं। इस चक्रवातीय घेरे की वजह से हवा में नमी आ रही है। मानसून ट्रफ लाइन सामान्य स्थिति में आने पर हवा में नमी आना शुरू हो जाएगी। 22 सितंबर को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हल्की बारिश हो सकती है।
  • 23 से 26 सितंबर के बीच तेज बारिश हो सकती है, लेकिन भारी बारिश की संभावना नहीं है। उसके बाद नया कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो जाएगा, उससे बारिश का दौर आगे तक जारी रहेगा।
  • 28 से 29 सितंबर के बीच बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इस वजह से ग्वालियर चंबल संभाग में बारिश का दौर फिर शुरू होगा। अक्टूबर के पहले सप्ताह के बाद मानसून की वापसी की शुरुआत होगी।


मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही निकला, आगरा में हुई झमाझम बारिश

मौसम विभाग का अनुमान सटीक साबित हुआ और 21 सितंबर मंगलवार दोपहर 12 बजे एकदम से काली घटाएं छाईं और जोरदार बारिश शुरू हो गई। पूरे शहर में झमाझम हुई है। हालांकि इससे पहले सुबह से ही आगरा में तेज धूप निकलने से गर्मी और उमस बढ़ गई थी। सुबह का तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। जैसा कि मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि दोपहर में मौसम बदल जाएगा और बारिश हो सकती है। यहां ठीक बिलकुल ऐसा ही हुआ और जोरदार बारिश हुई। 


आगे भी जारी रहेगी बारिश

वेदर रिपोर्ट के अनुसार चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर ओडिशा और उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। राजस्थान के पूर्वी हिस्सों और इससे सटे मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी तक फैला हुआ है। मॉनसून की ट्रफ रेखा बीकानेर, कम दबाव वाले केंद्र, सतना, डाल्टनगंज, दीघा से गुजरते हुए दक्षिण पूर्व दिशा में पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है। जबकि एक ट्रफ रेखा तेलंगाना से दक्षिण तमिलनाडु तक रायलसीमा होते हुए निचले स्तर पर बनी हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार मौजूदा मौसमी चक्र से राज्य के दक्षिणी भागों में मानसून की सक्रियता अगले एक- दो दिनों तक बनी रहेगी। इस दौरान उदयपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश व एक-दो स्थानों पर अति भारी बारिश होने की संभावना है। राज्य के शेष भागों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश आगामी दो- तीन दिन तक देखने को मिल सकती है।


बिहार के इन जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी

मानसून की ट्रफ लाइन अभी बिहार राज्य से काफी दूर होने के कारण फिलहाल बारिश का सिलसिला थोड़ा कम जरूर हुआ है, लेकिन बंद नहीं हुआ है। पश्चि बंगाल के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से राज्य में बुधवार के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं दिल्ली के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र से जारी राष्ट्रीय पूर्वानुमान के अनुसार मंगलवार को राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। बुधवार और गुरुवार को अधिक स्थानों पर बारिश के आसार हैं। बारिश की तीव्रता हल्की से मध्यम दर्जे की हो सकती है।


पटना केंद्र ने इन जिलों में बारिश का जारी किया पूर्वानुमान

मौसम विभाग के पटना केंद्र के अनुसार 22 सितंबर यानी बुधवार को पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहानाबाद, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद और अरवल जिले के कई हिस्सों में बारिश हो सकती है। वहीं 23 सितंबर यानी गुरुवार को पश्चिमी चंपारण, सिवान, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर और समस्तीपुर में बारिश के आसार अधिक हैं। हालांकि पटना केंद्र ने अगले 24 सितंबर तक के लिए बिहार के किसी जिले के लिए कोई भी अलर्ट जारी नहीं किया है।


झारखंड से सटे इलाकों में दिख सकता अधिक असर

कोलकाता केंद्र ने पड़ोसी राज्य झारखंड के लिए मंगलवार और बुधवार दोनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इसका असर झारखंड से सटे बिहार के जिलों में भी देखने को मिल सकता है। मानसून की ट्रफ लाइन फिलहाल डाल्टनगंज, रीवा, ललितपुर, कोटा आदि शहरों से होकर गुजर रही है। वहीं बंगाल के आसपास कम दबाव का एक क्षेत्र भी बना हुआ है।


ओडिशा में भारी बारिश की चेतावनी, इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी

ओडिशा में कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। ऐसे में इसके प्रभाव से राज्य के विभिन्न जिलों में बारिश का दौर जारी है। वहीं आगामी 25 सितंबर को और एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जिसके प्रभाव से प्रदेश में 26 सितंबर से भारी बारिश होने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रदेश में फिलहाल बाढ़ की कोई संभावना नहीं दिख रही है। वहीं कम दबाव के प्रभाव से लगातार हो रही बारिश के बावजूद राज्य के 12 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 19 जिले में स्वभाविक बारिश हुई है। भुवनेश्वर क्षेत्रीय मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कम दबाव के प्रभाव से तटीय एवं उत्तर तटीय ओडिशा में भारी बारिश होने की संभावना है।


उत्तराखंड में इन स्थानों पर हो सकती है बारिश

उत्तराखंड में मानसून की बारिश का दौर जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र ने पांच जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, अगले 24 घंटे में देहरादून, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जनपदों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने का अनुमान है। इन जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है।


पंजाब में हुई बारिश, लुधियाना में मानसून दोबारा से सक्रिय

पंजाब के जालंधर सहित कई जिलों में मंगलवार को तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश हुई। इसके अलावा लुधियाना में मंगलवार सुबह मानसून के दोबारा से सक्रिय होने से शहर में मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल गया। मौसम विभाग की मानें तो इस दौरान कई इलाकों में तेज तो कहीं हल्की बारिश होगी। विभाग के पूर्वानुमान की मानें तो वीरवार तक जिले में बादल छाए रहेंगे, कहीं बूंदाबांदी तो कहीं बारिश होने की संभावना है। 


दिल्ली एनसीआर में अगले 6 दिन हो सकती है बारिश

पिछले कई दिनों से शुष्क चल रहे मौसम के बीच मंगलवार से एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर में मौसम की करवट देखने को मिल सकती है। इसके बाद अगले छह दिन तक बारिश होने के भी आसार हैं। मौसम विभाग ने 26 सितंबर तक के लिए यलो अलर्ट भी जारी कर दिया है। इस दौरान मौसम भी सुहावना ही बने रहने की संभावना है। वहीं, स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने मीडिया को बताया कि राजस्थान की तरफ निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है़, जबकि छत्तीसगढ़ की ओर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। इन दोनों के मिलने से अगले कई दिन तक दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश होने का अनुमान है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले चार पांच दिन दिल्ली में मौसम राहत भरा रहेगा।


सितंबर के अंत तक नहीं होगी मानसून की विदाई

अमूमन सितंबर में इस समय तक मानसून अपने अंतिम दौर में होता है। लेकिन इस साल लगातार बनने वाले सिस्टम के कारण सितंबर अंत तक मानसून की विदाई नहीं होगी। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि सितंबर माह के मध्य तक मानसून की वापसी होने लगती है। वेदर सिस्टम कम बनते हैं। हवाओं का रुख भी बदलने लगता है, लेकिन इस बार एक के बाद एक वेदर सिस्टम बनने से मानसून अभी तक सक्रिय है। मौजूदा सिस्टम कमजोर पड़ चुका है लेकिन वातावरण में नमी मौजूद है। वहीं बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र बन गया है जो पश्चिम बंगाल में पहुंच चुका है जो आगामी दो-तीन दिन में झारखंड, छत्तीसगढ़ से होते हुए प्रदेश से गुजरेगा। उसके बाद 25 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक अन्य कम दबाव का क्षेत्र बनने के संकेत मिल रहें है। लगातार बनने वाले सिस्टम की वजह से सितंबर अंत तक वर्षा की गतिविधियां जारी रहेंगी। इस दौरान में कहीं-कहीं तेज वर्षा भी हो सकती है।

 

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