Published - 29 Nov 2021
बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने के कारण तूफान उठने की संभावना मौसम विभाग की ओर से जताई जा रही है। इससे तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में भारी बारिश संभावना है। वहीं अन्य राज्यों में भी हल्की से लेकर मध्यम बारिश हो सकती है। मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान और चेतावनी के अनुसार इस समय एक निम्न दबाव का क्षेत्र तमिलनाडु के दक्षिणी तटों पर बना हुआ है जिसके प्रभाव से उत्तर पूर्वी दिशा से नम हवाएं आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु को प्रभावित कर रही हैं। अगले 2 दिनों के दौरान कटिया आंध्र प्रदेश सहित तमिलनाडु के कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिणी अंडमान सागर के ऊपर बना हुआ है। इसके प्रभाव से इस जगह पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है। यह निम्न दबाव का क्षेत्र और अधिक शक्तिशाली होकर डिप्रेशन में तब्दील हो सकता है। यह पश्चिम उत्तरपश्चिम दिशा में आगे बढ़ते 3 दिसंबर तक उत्तरी आंध्र प्रदेश या दक्षिणी ओडिशा के तट के आसपास पहुंच सकता है। इसके गहरे डिप्रेशन में बदलने की संभावना नजर आ रही है। परंतु यह समुद्री तूफान में बदलेगा या नहीं यह कह पाना अभी मुश्किल है। यदि यह समुद्री तूफान में बदलता है तो इसका नाम जोवाद होगा।
मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार निम्न दबाव का क्षेत्र यदि शक्तिशाली तूफान में तब्दील होता है तो इसके प्रभाव से 2 दिसंबर से 5 दिसंबर के बीच उत्तरी आंध्र प्रदेश के टच के साथ-साथ उड़ीसा पश्चिम बंगाल के तटीय भागों में भारी वर्षा हो सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार यदि तूफान जोवाद आता है तो इस दौरान समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी तथा साथ ही हवाओं की रफ्तार भी बहुत अधिक होगी। हवाओं की रफ्तार 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती हैं कुछ स्थानों पर 80 से 90 किलोमीटर की रफ्तार से भी हवाओं के चलने की संभावना है। 3 दिसंबर से 5 दिसंबर के बीच मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वह समुद्र में न जाएं तथा सावधानी रखें।
मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए पूर्वानुमान के अनुसार एक ताजा सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के 30 नवंबर, 2021 की रात से उत्तर-पश्चिम और आसपास के मध्य भारत को प्रभावित करने की संभावना है। मध्य और ऊपरी क्षोभमंडल स्तरों पर मध्य अक्षांश के पश्चिमी क्षेत्रों में इस ट्रफ के प्रभाव में और निचले स्तर के ट्रफ के साथ इसकी संभावित बातचीत पुरवाई के कारण अधिक नमी आ रही है।
निचले स्तरों में कोमोरिन क्षेत्र और उससे सटे श्रीलंका के तटों पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है और परिसंचरण के उत्तर में निचले स्तरों पर तमिलनाडु तट और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश पर तेज उत्तर-पूर्वी हवाएं चल रही हैं। 29 नवंबर को अरब सागर में परिसंचरण के उभरने और उसके बाद उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढऩे की संभावना है। इसके प्रभाव से कई राज्यों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
मौसम विभाग से मिली ताजा अपडेट जानकारी के अनुसार 48 घंटे बाद बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में फिर कम दबाव के क्षेत्र बनने वाला है। 29 नवंबर को बंगाल की खाड़ी में अंडमान के पास एक कम दबाव का क्षेत्र और 30 नवंबर को अरब सागर में भी एक चक्रवात बनने जा रहा है। 2 सिस्टमों के एक्टिव होने से हवाओं के साथ वातावरण में नमी बढऩे की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अभी दो दिन तक हल्की ठंड बनी रहेगी, इसके बाद राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में बादल छाने लगेंगे। इससे न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी। वहीं बादल भी छाने लगेंगे। साथ ही मध्यप्रदेश के कई जिलों में बारिश भी हो सकती है। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आगामी 30 नवंबर से 6 दिसंबर तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा इस दौरान आसमान पर बादल विकसित होने तथा कहीं कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है।
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