Published - 20 Oct 2021
by Tractor Junction
पिछले कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में भारी बारिश से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र पं. बंगाल में हुई बारिश से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। इनमें से कई किसानों की तो पूरी फसल बर्बाद हो गई। इस बेमौसमी बारिश का दौर अभी कुछ दिन और चलेगा और 21 अक्टूबर के बाद बारिश की गतिविधियों में कमी देखी जा सकती है। हाल ही में मौसम विभाग ने कुछ राज्यों में भारी तो कुछ राज्यों में मध्यम बारिश और हल्की बारिश होने की चेतावनी दी है। बिहार के पांच जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। केरल में बारिश को लेकर भी अलर्ट किया गया हैं। बता दें कि बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवात के कारण मौसम में बदलाव आ रहा है और बारिश की गतिविधियां हो रही है। वहीं निजी मौसम एजेंसी स्काइमेट वेदर ने भी कई राज्यों में मध्यम से लेकर भारी बारिश होने की संभावना जताई है।
मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को पटना व इसके आसपास बादल छाए रहने के साथ एक दो स्थानों पर हल्की बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश के उत्तर-मध्य, उत्तर-पूर्व एवं दक्षिण-पूर्व जिले के एक या दो स्थानों पर बिजली चमकने के साथ मेघ गर्जन की संभावना है। वहीं, किशनगंज, अररिया, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल आदि जगहों पर भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञानी की मानें तो एक कम दबाव का क्षेत्र पूरे बिहार के ऊपर बना है। दूसरी ओर एक ट्रफ लाइन उत्तरप्रदेश के मध्य भाग से बिहार और इसके समीपवर्ती जगहों से होकर गुजर रही है। इसके प्रभाव के कारण कई हिस्सों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
अगले 24 घंटे में लखीमपुरखीरी में मौसम विभाग की ओर से भारी वर्षा होने की चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा प्रयागराज, सुलतानपुर, बहराइच में भी तेज बारिश की संभावना जताई गई है। वाराणसी, हरदोई, अमेठी में भी अच्छी बारिश होने के आसार बन रहे हैं। इससे पहले मंगलवार को लखनऊ के विभिन्न इलाकों में मध्यम बारिश हुई। इधर लखनऊ में हल्की व मध्यम बारिश के आसार अगले 24 घंटे तक बने रहेंगे। दिन में बादल छाये रह सकते हैं। दिन में बीच-बीच में धूप भी निकल सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार इस समय एक और मौसमी सिस्टम भूमध्यरेखीय क्षेत्र में, श्रीलंका और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी की निकटता में दिखाई दे रही है। श्रीलंका और कोमोरिन क्षेत्र पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र, एक पूर्वी लहर के साथ मिलकर तमिलनाडु और केरल में चलेगा। 20 अक्टूबर से बारिश की गतिविधियां तेज हो जाएंगी। 20 से 25 अक्टूबर के बीच राज्य के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश और गरज के साथ व्यापक प्रसार और अलग-अलग तीव्रता के साथ बौछारें पडऩे की संभावना है।
यह गतिविधियां उत्तर-पूर्वी मानसून की शुरुआत का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। राज्य में भारी बारिश के कारण सभी जलाशय लगभग पूरी तरह से भर चुके हैं। कुछ बांध पहले से ही नहरों और नदियों के माध्यम से अधिशेष पानी छोडऩे की प्रक्रिया में हैं। इसके नीचे के तटवर्ती इलाकों में तटबंधों में पानी के टूटने का खतरा होगा। स्थानीय बाढ़ और बाढ़ से जमीन और मिट्टी लगभग संतृप्त है। आगे कोई भी बारिश निश्चित रूप से समस्या को और बढ़ा देगी और राहत कार्यों के लिए कठिनाई को बढ़ा देगी।
इस समय मध्य उत्तर प्रदेश के उपर बने एक चक्रीय चक्रवाती घेरा बनने के कारण प्रदेश के कुछ जगहों में हल्की बारिश भी हो सकती है। मौसम विज्ञानी डॉ. एचपी चंद्रा के मुताबिक एक निम्न दाब का क्षेत्र दक्षिण बिहार और उसके आसपास स्थित है, इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा 5.8 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। एक उपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा मध्य उत्तर प्रदेश के उपर 3.1 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। 20 अक्टूबर को प्रदेश के एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छीटें पडऩे की संभावना है। प्रदेश में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। वर्षा का क्षेत्र मुख्यत: उत्तर छग रहने की संभावना है।
जमशेदपुर सहित पूरे झारखंड का मौसम अभी खराब रहेगा। अगले एक सप्ताह के दौरान गरज के साथ बारिश, कोहरा व धुंध देखने को मिल सकता है। बुधवार को आसमान में बादल छाए रहेंगे। साथ ही गरज के साथ बारिश व धूल भरी आंधी की भी संभावना है। 21 अक्टूबर को भी आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। जबकि 22 अक्टूबर को कोहरा छाया रहेगा। वहीं, 23 व 24 अक्टूबर को धुंध बने रहेगा।
मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद के अनुसार कम दबाव का क्षेत्र तेलंगाना के पास बना हुआ है। इसके कारण दक्षिण-पूर्वी हवाओं का असर राज्य में दिख रहा है। इसके कारण राज्य के जमशेदपुर, चाईबासा, सरायकेला, घाटशिला, रांची, बोकारो, गुमला, रामगढ़, हजारीबाग, खूंटी, कोडरमा, गढ़वा, चतरा, देवघर और धनबाद में बादल छाए रहेंगे और मध्यम से भारी बारिश की होने की संभावना रहेगी। इसके साथ ही तेज हवा भी चल सकती है।
पिछले दो दिनों से सक्रिय हुए बारिश के तंत्र का प्रभाव अब समाप्त हो चुका है। राज्य में आगामी चार दिनों तक मौसम पूर्णतया शुष्क रहेगा। इस दौरान दिनांक 23-24 अक्टूबर को एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके प्रभाव से उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के बीकानेेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ व चूरू जिलों के कुछ स्थानों पर 23 व 24 अक्टूबर को मेघगर्जन के साथ बारिश होने की प्रबल संभावना है।
हरियाणा के कई जिलों में दो दिन हुई बूंदाबांदी के बाद अब मौसम साफ हो गया है। दिन के तापमान के साथ अब रात के तापमान में भी गिरावट देखने को मिलेगी। सोमवार रात का तापमान गिरकर 17.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है।
मौसम विभाग का मानना है कि न्यूनतम तापमान में अब लगातार गिरावट देखने को मिलेगी। हर साल 25 अक्टूबर के बाद तापमान में गिरावट आती है। यही वह समय है जब किसान गेहूं की बुआई करते हैं। पिछले 10 सालों के रिकार्ड पर गौर किया जाए तो ज्यादातर 25 अक्टूबर के बाद ही न्यूनतम तापमान में ज्यादा गिरावट देखने को मिली है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक यह गेहूं बुआई के लिए सबसे अच्छा समय होता है। रात के समय अब ठंड महसूस होने लगी है। दिन में भी अब गर्मी नहीं होगी। मौसम विभाग का कहना है कि अब मौसम ठंडा होना शुरू हो गया है।
मध्य प्रदेश में दो दिन तक सक्रिय रहा कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ गया है और हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में तब्दील हो गया है। वर्तमान में यह सिस्टम उत्तर प्रदेश के मध्य में बना हुआ है। इस वजह से अब प्रदेश में बारिश होने की संभावना काफी कम हो गई हैं। उधर हवा का रुख उत्तरी होने से अब रात के तापमान में गिरावट होगी।
हालांकि आसमान साफ होने से धूप निकलने के कारण अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी भी होने लगेगी। हालांकि इससे पहले मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सिर्फ होशंगाबाद में एक मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वेदर सिस्टम के उप्र चले जाने से बारिश की गतिविधियों में कमी आने लगी है। वर्तमान में हवा का रुख उत्तरी, उत्तर-पश्चिमी हो गया है। उधर आसमान धीरे-धीरे साफ होने से धूप निकलने लगी है।
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