Published - 28 Jun 2021
स्टील की कीमतों में लंबे समय से तेजी बनी हुई है। इसका असर ट्रैक्टर इंडस्ट्री पर भी दिखाई दे रहा है। स्टील की बढ़ती कीमतों के कारण ट्रैक्टर इंडस्ट्री दबाव में है। देश की प्रमुख टै्रक्टर निर्माता कंपनी एस्कॉर्ट्स ने एक जुलाई से ट्रैक्टरों की कीमतों में वृद्धि करने की घोषणा की है। कंपनी का कहना है कि कीमतों में वृद्धि सभी मॉडलों और वेरिएंट में अलग-अलग होगी। जिन किसानों को ट्रैक्टर खरीदना है वे एक जुलाई से पहले ट्रैक्टर खरीदकर अपनी बचत कर सकते हैं।
पिछले एक साल से स्टील की कीमतें लगातार तेज बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्टील की कीमतों में कभी इतनी तेजी नहीं देखी गई। स्टील की बढ़ती कीमतों का असर सभी उद्योगों पर पड़ रहा है जहां स्टील काम में आता है। घरेलू बाजार में स्टील अब तक की सबसे ऊंची कीमतों पर बिक रही है। मई 2021 में, जारी आंकड़ों के अनुसार हॉट रोल्ड कॉइल की कीमत 4 हजार रुपए की वृद्धि के साथ 67 हजार रुपए प्रति टन पर पहुंच गई थी। वहीं कोल्ड रोल्ड कॉइल की कीमत 4 हजार 500 रुपए की वृद्धि के साथ 80 हजार रुपए प्रति टन तक पहुंच गई। पिछले 10 माह के दौरान स्टील की कीमतों में 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो चुकी है और भविष्य में 4 हजार रुपए प्रति टन दाम बढऩे की उम्मीद है।
देश की नामी कंपनियां 2021 में अपने ट्रैक्टरों के दाम बढ़ा चुकी है। दाम बढ़ाने के लिए पीछे स्टील की कीमतों में तेजी को कारण बताया गया है। ट्रैक्टर इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के अनुसार स्टील के दाम बढऩे से सीधा दबाव ट्रैक्टर कंपनियों पर पड़ता है। ट्रैक्टर इंडस्ट्री के लिए कच्चा माल स्टील ही है। साल 2021 में टै्रैक्टरों की कीमत में कई कंपनियां इजाफा कर चुकी है। आपको बता दें कि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने एक बार साल की शुरुआत में और दूसरी बार अप्रैल में अपनी ट्रैक्टर सीरीज की कीमतों में इजाफा कर चुकी है। एस्कॉर्ट्स ने भी अप्रैल से अपने फार्मट्रैक, पॉवर ट्रैक और डिजिट्रैक ट्रैक्टरों की क़ीमत में इजाफा किया है। इसी तरह कई कंपनियां कीमतों में एक दो बार छोटी-मोटी वृद्धि कर चुकीं है। अब स्टील की क़ीमत में और तेजी ने ट्रैक्टर कंपनियों को दाम बढ़ाने पर मजबूर कर दिया है।
एस्कॉर्ट्स कंपनी के गु्रप सीएफओ श्री भरत मदान ने पिछले दिनों ईटी नाऊ और सीएनबीसी टीवी 18 को दिए इंटरव्यू में बताया कि कच्चे माल की कीमतों में 7-8 फीसदी की भारी उछाल देखा जा चुका है, लेकिन कंपनी ने अपने ट्रैक्टरों की क़ीमत में दो बार में 4 से 5 फीसदी का ही इजाफा किया है। वित्त वर्ष 2022 की इस अगली तिमाही में और दबाव बढ़ेगा। उन्होने कहा कि कंपनी 1 जुलाई को मूल्य वृद्धि करेगी। उन्होंने आगे बताया कि कंपनी ने हाल के दिनों में सामग्री लागत में तेज वृद्धि को दूर करने के लिए उद्योग के अनुरूप दो बार कीमतों में बढ़ोतरी का की है। वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में दीवाली के बाद नवंबर में एक बढ़ोतरी की गई थी, जबकि दूसरी बढ़ोतरी 1 अप्रैल को की गई थी।
स्टील की बढ़ती कीमतों और ट्रैक्टर उद्योग पर इसके दबाव के बारे में ईटी ऑटो से पिछले दिनों बातचीत के दौरान महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के फार्म इक्विपमेंट सेक्टर के अध्यक्ष हेमंत सिक्का भी चिंता जता चुके हैं। उन्होंने बताया कि कच्चे माल की कीमतों में एक तरह की अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है जो पिछले तीन दशकों में कभी नहीं देखी गई है। हम पिछले 5-6 महीनों में कच्चे माल की कीमतों में भारी वृद्धि को लेकर बहुत चिंतित हैं। नतीजतन, हमने 2 बार कीमतों में बढ़ोतरी की है। इस साल पहले 1 जनवरी और फिर 1 अप्रैल को। अब आगे की तिमाहियों में भी कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार ट्रैक्टरों की कीमतों में 20 हजार से लेकर 50 हजार रुपए तक की वृद्धि हो सकती है।
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