Published - 19 Apr 2021 by Tractor Junction
देश में कोरोना संक्रमण से पीडि़तों का आंकड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इससे पूरे देश में हडक़ंप मचा हुआ है। अब दुगुनी रफ्तार से वायरस लोगों को संक्रमित कर रहा है। वहीं कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों का ग्राफ भी ऊंचा होता जा रहा है। मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर वर्ल्डोमीटर के मुताबिक रविवार रात 12 बजे तक 24 घंटों में देश में कुल 2,75,306 नए संक्रमित दर्ज किए गए। इस दौरान 1625 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। एक दिन में कोरोना के नए संक्रमितों और इससे मौत का यह सर्वोच्च आंकड़ा है।
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देश में लगातार तीन दिन से मौतों की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है। यह पहली बार है जब एक दिन में 2.74 लाख से अधिक नए ममाले दर्ज किए गए। फिलहाल देश में कोरोना के कुल मामले बढक़र 1,50,57,767 हो गए हैं। इधर शोधकर्ताओंं का मामना है कि कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से अधिक समय तक सक्रिय रहेगी। हालांकि ये कब खतम होगी इस विषय पर कुछ नहीं बताया गया है।
मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर साइंस डायरेक्ट जर्नल में प्रकाशित एक शोध में यह दावा किया गया है कि कोरोना की दूसरी लहर लंबे समय तक रहेगी। और ये भी संभव है कि हर साल हमें इस वायरस के संक्रमण से जूझना पड़े फ्लू (बुखार) की तरह। यह शोध पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज चंडीगढ़ एवं पंजाब यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है। इसमें 1857 से लेकर 2015 के बीच फैली फ्लू जैसी बीमारियों के आंकड़ों और रुझान को आधार बनाया गया है। शोध में कहा गया है कि धरती के उत्तरी गोलार्ध में जिस प्रकार सीजन शुरू होने पर फ्लू की बीमारी तेजी से फैलती है वैसे ही कोरोना भी फैल सकता है और सीजन खत्म होने पर कमजोर पड़ जाएगा। लेकिन ऐसा बार-बार होगा। अगले सीजन में फिर इसकी पुनरावृत्ति होती है। फ्लू का यह दौर अक्टूबर से शुरू होता है और मई तक जारी रहता है।
शोध के अनुसार आमतौर पर फ्लू के दो सीजन होते हैं। एक अक्टूबर में मौसम बदलने के साथ शुरू होता है और दूसरा ऐसी ही स्थितियों में फरवरी के आखिर या मार्च के आरंभ में शुरू होता है। इन महीनों के दौरान कोरोना की नई लहर उत्पन्न होगी और जो सीजन के अंत तक खत्म होगी। जैसे-अकटूबर में शुरू होने वाली लहर दिसंबर-जनवरी तक कमजोर पड़ जाती है। फरवरी-मार्च में शुरू होने वाली लहर मई में खत्म होती है।
कोरोना की अब तक कोई प्रमाणिक दवाई नहीं बन पाई है और न ही कोरोना का कोई ठोस इलाज। हां, फिलहाल आपातकालीन स्थिति के लिए हमारे पास एक वैक्सीन ही सहारा है, वह भी पूरी तरह से ये गारंटी नहीं देती की आप इसको लगवाने के बाद कोरोना से पूर्णरूप से सुरक्षित है। कई ऐसे मामले भी सामने आए है कि जिस व्यक्ति ने वैक्सीन लगवाई वे पुन: दुबारा कोरोना संक्रमित हो गया। डॉक्टरों की मानें तो उनका कहना है कि वैक्सीन लगवाने से कोरोना दुबारा नहीं होगा ऐसा कहना मुश्किल है पर एक बात तय है कि वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमित व्यक्ति के बचने के चांन्सेज 90 प्रतिशत बढ़ जाते हैं। उसकी मौत नहीं होती है।
वैक्सीन हमारे शरीर में जाने पर 2 तरह के काम करती है। पहला, इससे एंटीबॉडी बनती है, जिससे इम्युनिटी बढ़ती है। दूसरा, इससे बी- सेल्स तैयार होती हैं। ये एक तरह से याद रखने वाली कोशिकाएं हैं जो वायरस के संपर्क में आने पर शरीर को एंटीबॉडी की याद दिलाती हैं और प्रतिरक्षा तंत्र सक्रिय हो जाता है। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अगर आप नियत समय पर डोज नहीं लेते हैं तो वैक्सीन का वैसा असर नहीं होगा जैसा कि होना चाहिए। वैक्सीन के कारगर तरीके से काम करने के लिए यह भी जरूरी है कि दोनों डोज के बीच समय का सही फासला हो जैसा कि निर्धारित किया गया है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति दूसरा डोज समय पर नहीं लगवा पाता है तो समस्या हो सकती है।
एक्सर्ट्स का कहना है कि महामारी को हराने के लिए टीका एक बहुत ही महत्वपूर्ण हथियार है, लेकिन लोगों को अभी भी कोरोना के दिशा-निर्देशों क्या है? का पालन करना होगा, क्योंकि वायरस उन लोगों पर भी हमला कर रहा है जो टीका ले चुके हैं। ये वायरस हवा के माध्यम से फैल सकता है। ये एक बंद क्षेत्र में 20 फीट तक बढ़ सकता है। मास्क लोगों को 80 से 90 प्रतिशत सुरक्षित रख सकता है।
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