Published - 12 May 2021 by Tractor Junction
भारत में कोरोना का तांडव जारी है। हालांकि बीते दिनों इसके नए मामलों में कमी देखी गई पर ये कमी बहुत ही मामूली थी। अब तक भारत में कोरोना संक्रमण से मौतों का आंकड़ा देखा जाए तो ये काफी चौंकाने वाला है। कोरोना महामारी से मौत के मामलों में भारत ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए है। अब भारत दुनिया में कोरोना संक्रमित देशों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर आ गया है। पहले स्थान पर अमेरिका है। वहीं कोरोना से होने वाली मौतों के मामले में भारत के पिछले सारे रिकार्ड टूट गए हैं।
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इधर सरकार भी इन बढ़ती मौतों को लेकर काफी चिंतित दिखाई दे रही है। हालांकि सरकार की ओर से इस पर नियंत्रण पाने के पुरजोर प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन शायद ये प्रयास नाकाफी साबित होते नजर आ रहे हैं। वहीं विशेषज्ञों की ओर से भारत में तीसरी लहर के आने के संकेत भी दे दिए गए है और कहा जा रहा है कि ये तीसरी लहर, दूसरी लहर से भी ज्यादा घातक होगी। इसे देखते हुए सरकार अब तीसरी लहर से निपटने के इंतजाम कर रही है। वहीं दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। आखिर इतनी तादाद में भारत में मौतें होने के पीछे क्या कारण है। इसी बात को लेकर आज हम जानकारी लेकर आए है जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। आइए जानते हैं भारत में कोरोना से बढ़ते मामले और मौतों के बारे में-
भारत में कोरोना से होने वाली मौतों ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और ऐसा पहली बार है जब देश में एक दिन में 4200 लोगों ने जान गंवाई है। इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा ढाई लाख के ऊपर पहुंच गया है। वहीं भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले 3.48 लाख हो गए और इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मामले बढक़र 2,33,40,428 हो गए। हालांकि देश में कोरोना वायरस के नए मामलों में बीते एक-दो दिनों से कमी देखी जा रही है, मगर मौतों की बढ़ती संख्या को लेकर अब भी चिंता बनी हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 3,48,529 नए मामले सामने आए और 4200 और लोगों की मौत होने के बाद कुल मृतक संख्या बढक़र 2,54,227 हो गई। दो महीने तक लगातार वृद्धि के बाद उपचाराधीन मामले कम होकर 36,99,665 हो गए, जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.16 प्रतिशत है, जबकि संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की दर 82.75 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1,93,76,648 लोग संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके हैं, जबकि मृत्युदर 1.09 प्रतिशत है।
कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में जिन 4198 और लोगों की मौत हुई है, उनमें से कर्नाटक में 480, महाराष्ट्र में 793, दिल्ली में 347, उत्तर प्रदेश में 301, तमिलनाडु में 298, पंजाब में 214, छत्तीसगढ़ में 199, उत्तराखंड में 118, हरियाणा में 144, राजस्थान में 169, पश्चिम बंगाल में 132, झारखंड में 103 और गुजरात में 118 लोगों की मौत हुई है।
देश में कोरोना संक्रमण से मरने वालों के बढ़ते आंकड़ों के पीछे कई कारण रहे हैं। इसमें सबसे बड़ा कारण जो सामने आया है कि लोग इस कोरोना महामारी को बहुत ही हल्के में ले रहे हैं। अभी भी लोग सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं और इसी का परिणाम है कि भारत में मौतों का सिलसिला जारी है। वहीं दूसरी ओर अस्पतालों में बैड और ऑक्सीजन की किल्लत से भी पिछले दिनों कई लोगों की मौत हुई। आखिरकार सरकार ने व्यवस्था को दुरूस्त किया और कई देशों से भी भारत को मदद मिली। इसके बावजूद मौतों के आंकड़ों का बढऩा चिंता का विषय है। इस सब बातों को मध्यनजर रखते हुए यह कहा जा सकता है कि केवल सरकारी प्रयासों से ही इस महामारी पर नियंत्रण पाया सकता है बल्कि लोगों की जागरूकता भी इसमें अहम भूमिका निभाती है। आज चीन ने महामारी पर नियंत्रण पा लिया है। इसके बावजूद यहां के नागरिक देश के द्वारा जारी की गई सख्त गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। सावधानियां बरत रहे हैं। क्यूं? वो इसलिए कि वे लोग कोरोना संक्रमण की भयावहता से परिचित है। लेकिन भारत में इसके उलट स्थिति देखने को मिल रही है। यहां के नागरिक कोरोना संक्रमण को बेहद हल्के में ले रहे हैं जो संक्रमण के प्रसार का मुख्य कारण है। बीते दिनों लोगों की लापरवाही का ऐसा ही एक मामला राजस्थान के सीकर जिले से सामने आया। यहां जिले के खीरवा गांव में एक कोविड से मरने वाले व्यक्ति को दफनाने के लिए 150 से ज्यादा लोग जुटे, जिसके चलते 21 दिन के अंदर अब तक 21 लोगों की मौत हो गई। मामले के अनुसार गांव के एक व्यक्ति की कोरोना वायरस संक्रमण से गुजरात में मौत हो गई थी। उसका शव 21 अप्रैल को खीरवा गांव लाया गया। उसकी अंतिम यात्रा में लगभग 150 लोग शामिल हुए और इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया था। इतना ही नहीं जो शव यहां प्लास्टिक के थैले में आया था, लेकिन लोगों ने उसे प्लास्टिक के थैले से निकाल लिया और कई लोगों ने इस प्रक्रिया में शव को छुआ भी था। इनकी इस गलती से पूरा गांव संकट में आ गया। इस घटना से लोगों को सबक लेना चाहिए और सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करना चाहिए ताकि इस महामारी पर नियंत्रण पाया जा सके।
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