कोरोना : दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी, मरीजों की थमने लगी सांसे

Share Product Published - 23 Apr 2021 by Tractor Junction

कोरोना : दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी, मरीजों की थमने लगी सांसे

जानें, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के हाल और सरकार क्या कर रही है प्रयास

देश में कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है। प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है और मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। इस बीच राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीज अपना दम तोड़ रहे हैं। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण यहां के अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई है। हालत बद से बदतर हो चले हैं। दिल्ली के अस्पतालों में न मरीजों को इलाज के लिए बैड उपलब्ध हो पा रहे हैं और न ही वेंटिलेटर और इतना ही नहीं ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की सांसे थमने लगी है। वहीं अस्पताल प्रशासन खुद परेशान हैं कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन  का स्टॉक नहीं है जिससे कि वे गंभीर मरीजों की जान बचा सकें।

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मीडिया में प्रकाशित खबरों के हवाले से दिल्ली के अस्पतालों के डॉक्टर्स रोते हुए अस्पताल के हाल बयां कर रहे हैं। यहां के डॉक्टरों का कहना है कि यदि उनको समय पर ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हुई तो न जाने कितने मरीजों की सांसे थम जाएंगी। बता दें कि इस समय दिल्ली और महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की अधिक मांग है और इन्हें ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं मिल पा रही है जिससे मरीजों की जिंदगी दाव पर लगी हुई है। 

 

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ऑक्सीजन की कमी से 25 मरीजों की मौत, 60 की जान खतरे में

मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार देश की राजधानी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार 25 कोविड मरीजों की पिछले 24 घंटे में मौत हो गई और 60 ऐसे अन्य अत्यंत अस्वस्थ मरीजों की जान भी खतरे में है। राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की कमी को लेकर गंभीर संकट की स्थिति पैदा होने के बीच अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बारे में मीडिया को बताया। सूत्र ने बताया कि घटना के पीछे संभावित कारण ऑक्सीजन की कमी हो सकता है। सर गंगाराम अस्पताल में एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया, ‘‘अस्पताल में ऑक्सीजन का भंडार अगले दो घंटे और चलेगा, वेंटिलेटर और बीआईपीएपी मशीनें भी प्रभावी रूप से काम नहीं कर रही हैं।’’


इस समय भारत में ऑक्सीजन का कितना हो रहा है उत्पादन

भारत में रोजाना सात हजार मैट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है और 50 हजार मैट्रिक टन ऑक्सीजन का रिजर्व है। इसमें इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन भी शामिल है। देश में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग इस समय करीब आठ हजार मैट्रिक टन है। 


ऑक्सीजन का इतना उत्पादन होने के बाद आखिर कहां हो रही है गड़बड़

देश में ऑक्सीजन का इतना उत्पादन होने के बावजूद यहां के अस्पतालों को ऑक्सीजन की कमी से जुझना पड़ रहा है, ये एक बहुत बड़ा सवाल है। आखिर इतनी सारी उत्पादित ऑक्सीजन जहां कहां रही है। आइए इस सवाल का जबाव जानने के लिए इस घटनाओं पर गौर करते हैं। मीडिया में प्रकाशित खबरों के हवाले से अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के बीच सरकार ने ऐलान किया कि इंडस्ट्रियल यूनिट को ऑक्सीजन की सप्लाई की जगह अभी प्राथमिकता के आधार पर अस्पतालों को ऑक्सीजन की सप्लाई की जानी चाहिए। इसके बाद राज्य सरकार के अधिकारी और अस्पताल प्रबंधन में ठन गई है।

अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप की मैनेजिंग डायरेक्टर संगीता रेड्डी ने इस बारे में एक ट्वीट किया, एक ऑक्सीजन टैंकर इंडियन ऑयल के एयर लिक्विड प्लांट पानीपत के गेट पर कई घंटे से खड़ा है और उसे अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। हरियाणा पुलिस उसे रोक रही है और उसका कहना है कि हरियाणा से बाहर ऑक्सीजन सप्लाई नहीं किया जाएगा। इस मामले पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। डॉ रेड्डी ने प्राइम मिनिस्टर ऑफिस और अन्य केंद्रीय मंत्रियों को टैग करते हुए ट्वीट किया। इसके बाद केंद्र सरकार के मंत्रियों के हस्तक्षेप के बाद यह मामला सुलझा और इस तरह के अंतर राज्य बाधाओं को दूर किया गया। यह इकलौता मामला नहीं है। इस मामले से यह स्पष्ट है कि भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी नहीं है सिर्फ सप्लाई चैन में बाधा पहुंचने की वजह से देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।


राज्य टैंकरों की आवाजाही पर न लगाएं प्रतिबंध - गृह मंत्रालय

राज्यों में ऑक्सीजन में पुलिस की ओर से टैंकर को रोके जाने की खबरों के बीच ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा है कि राज्य टैंकरों की आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं लगाए। गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया है कि ऑक्सीजन मेडिकल ऑक्सीजन की आवाजाही में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। मंत्रालय ने निर्देश दिए हैं राज्यों के बीच मेडिकल ऑक्सीजन की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। यही नहीं ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों के अंतर-राज्य आवाजाही की अनुमति दी जाए। गृह सचिव की तरफ से लिखे पत्र में कहा गया है कि मेडिकल ऑक्सीजन की निर्बाध अंतरराज्यीय आवाजाही के लिए संबंधित विभागों को पहले से निर्देश दिए जाएं।


देश में कोरोना संक्रमण के मामलों की अब तक की स्थिति

देश में अब तक कोरोना के कुल एक करोड़, 59 लाख, 95 हजार मामले सामने आए हैं जिनमें से अब तक कुल 1,84,781 संक्रमितों की मौतें हो चुकी हैं। देश में महाराष्ट्र राज्य कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है। महाराष्ट्र में कोरोना के मामले 40 लाख के आंकड़े को पार कर गए हैं। वहीं यहां अब तक 61,955 मौतें हो चुकी हैं। केरल और कर्नाटक में 12-12 लाख से ज्यादा मामले हैं। तमिलनाडु में दस लाख तो आंध्र प्रदेश में कोरोना के नौ लाख से ज्यादा मामले हैं। इसके बाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश में आठ लाख से ज्यादा केस हैं। पश्चिम बंगाल में छह लाख से ज्यादा मामले हैं। छत्तीसगढ़ में पांच लाख तो मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, बिहार और राजस्थान में तीन लाख से ज्यादा मामले अब तक मिले हैं। असम और पंजाब में दो लाख से ज्यादा मामले हैं। जम्मू कश्मीर, झारखंड और उत्तराखंड में 1 लाख से ज्यादा कोरोना मामले हैं।

 

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