लोगों को प्रकृति के करीब ला रहा है कोरोना, शुद्ध हवा के लिए पेड़-पौधे बन रहे सहारा

Share Product Published - 26 Apr 2021 by Tractor Junction

लोगों को प्रकृति के करीब ला रहा है कोरोना, शुद्ध हवा के लिए पेड़-पौधे बन रहे सहारा

जानें, कोरोना महामारी में खुद को स्वस्थ रखने के कुछ नियम और उपाय?

मनुष्य को प्रकृति के करीब ला रहा है कोरोना। जी हां, आपने बिलकुल सही सुना है। जब-जब मनुष्य प्रकृति के नियमों के विरूद्ध चला है, तब-तब उसे बीमारियों और संक्रमण फैलाने वाले वायरसों से दो-दो हाथ होना पड़ा है। प्राचीन समय ऋषि-मुनियों के आश्रम प्राकृतिक वातावरण के बीच हुआ करते थे और उन्हीं आश्रमों में रहकर ये ईश्वरीय ध्यान करते थे और शिष्यों को शिक्षा प्रदान किया करते थे। इतना ही नहीं ये ऋषि-मुनि प्रकृति के करीब रहकर सौ साल से ऊपर तक की आयु में भी स्वस्थ जीवन जीया करते थे। लेकिन आज हम पक्के घरों की चार दीवारी में बंद पंखे, कूलर और एसी की हवा खाकर बीमार हो रहे हैं जो वायरस और संक्रमण को फैलाने में अहम भूमिका अदा करते हैं।

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पंखे, कूलर और एसी से संक्रमण का खतरा ज्यादा

एक्सपर्ट का मुताबिक कमरे में एसी और पंखे की हवा वायरस को पूरे कमरे में फैल जाता है। इधर डॉक्टर लगातार ऑफिसों के खिडक़ी-दरवाजे खोलने की सलाह दे रहे हैं। इसके पीछे कारण ये हैं कि खुली हवा में वायरस का संक्रमण बहुत ही कम हो जाता है। प्रकृति से मिलने वाली शुद्ध हवा और सूर्य का प्रकाश कीटाणुओं और वायरस को कम करने में मदद करता है। वहीं शुद्ध हवा मिलने से हमारे शरीर में आक्सीजन का स्तर सुचारू रहता है। आज जो हालात देश में हैं वे काफी भयावह है। कोरोना के कारण रोजाना मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है और हर रोज रिकार्ड तोड़ कोरोना पाजीटिव मरीजों के मामले सामने आ रहे हैं। इसलिए अब ये जरूरी हो गया है कि हम प्रकृति के नियमों को अपनाकर अपने को स्वस्थ बनाएं रखें। 


यहां बरेली में तहसीलदार ने पेड़ों के नीचे बनाया ऑफिस

मीडिया में प्रकाशित एक खबर के हवाले से एक्सपर्ट और डॉक्टर की सलाह के बाद हाल ही में बरेली में तहसीलदार सदर आशुतोष गुप्ता ने कोरोना के खतरे को देखते हुए कामकाज के तरीके में बदलाव किया है। तहसीलदार ने ऑफिस पेड़ों के नीचे बना लिया। वे अब ऑफिस की बजाय पेड़ों के नीचे कुर्सी-मेज डालकर दिन भर सरकारी काम निपटाते हैं। इसके पीछे कारण ये हैं कि ऑफिस में अधिक लोगों के आने-जाने से संक्रमण फैलना खतरा अधिक है। ऐसे में तहसीलदार सदर ने ऑफिस की बजाय खुले आसमान के नीचे पब्लिक की शिकायतों का निस्तारण करने का फैसला किया है। तहसील कैंपस में पेंडों के नीचे कुर्सी और मेज डलवाई गई और एसी और पंखे से दूरी बना ली है। अब वह प्राकृतिक माहौल में एक-एक फरियादी को बुलाकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ उनकी बात सुन रहे हैं। सरकारी फाइलों का निस्तारण भी पेड़ों की छांव में ही कर रहे हैं। ऐसा करने से संक्रमण का खतरा कम हुआ है। 


एक पेड़ से मिलती है सात लोगों को ऑक्सीजन, और भी कई फायदे

एक स्वस्थ पेड़ हर दिन लगभग 230 लीटर ऑक्सीजन छोड़ता है, जिससे सात लोगों को प्राण वायु मिल पाती है। यदि हम इसके आसपास कचरा जलाते हैं तो इसकी ऑक्सीजन उत्सर्जित करने की क्षमता आधी हो जाती है। इस तरह हम तीन लोगों से उसकी जिंदगी छीन लेते हैं। पेड़ लगाने से मुख्य पांच फायदें होते हैं। पहला यह ऑक्सीजन के जरिए मानव जीवन को बचाती है। दूसरे यह मिट्टी के क्षरण यानी उसे धूल बनने से रोकता है। जमीन से उसे बांध रखता है। भू जल स्तर को बढ़ाने में सबसे ज्यादा मदद करता है। इसके अलावा यह वायु मंडल के तापक्रम को कम करता है। पेड़ों से आच्छादित जगह पर दूसरी जगहों की अपेक्षा 3 से 4 डिग्री तक तापमान कम होता है। 


कम होता हरियाली क्षेत्र भविष्य के लिए बड़ा खतरा

दिन-प्रतिदिन हरियाली क्षेत्र कम होते जा रहे हैं। जंगल खत्म हो गए हैं। पेड़-पौधों कम हो गए है। उन्हें काटा जा रहा है। इसके बावजूद पेड़ों की कटाई पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। ये जो क्रियाएं हो रही है ये भविष्य में बहुत बड़े खतरे की ओर संकेत करती है। यदि इसी तरह हम पेड़-पौधे को अपने उपयोग के लिए काटते रहे तो एक दिन ऐसा होगा कि जिंदा रहने के लिए हमें ऑक्सीजन का सिलेंडर अपनी पीठ के पीछे बांधकर चलना होगा। बता दें कि पेड़ ऑक्सीजन देते और कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं। जहां पेड़-पौधे अधिक होते हैं वहां ऑक्सीजन की कमी नहीं होती है। पर अफसोस आज जिस अनुपात में पेड़ों की कटाई की जा रही है उस अनुपात में पेड़ों को लगाया नहीं जा रहा हैं जिससे वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर निरंतर कम होता जा रहा है। और यही कारण है कि आज हम अनेक बीमारियों का शिकार होकर कष्टप्रद जीवन जीने को मजबूर है। 


कोरोना महामारी में खुद को स्वस्थ रखने के कुछ नियम और उपाय?

  • कोरोना महामारी के दौर में खुद को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है। थोड़ी सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। ऐसे में यदि हम कुछ नियमों/उपयों अपनाएं तो काफी हद तक संक्रमण और बीमारी से बच सकते हैं।
  • अपनी आंखों को छूने से बचें, नाक और मुंह पर भी हाथ लगाने से बचें। हम अपने हाथ से कई सतहों को छूते हैं और इस दौरान संभव है कि हमारे हाथ में वायरस चिपक जाए। अगर हम उसी अवस्था में अपने नाक, मुंह और आंख को छूते हैं तो वायरस के शरीर में प्रवेश की आशंका बढ़ जाती है।
  • हाथों को दिन में कई बार साबुन से धोएं, सेनेटाइजर का उपयोग भी कर सकते हैं। 
  • खांसते और छींकते समय टिशू पेपर का इस्तेमाल करें। यदि नहीं है तो अपनी कोहनी मोडक़र फिर खांसे और छींकें। 
  • कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर डॉक्टर्स घर पर ऑक्सीमीटर रखने औऱ नियमित तौर पर ऑक्सीजन स्तर मापने की सलाह दे रहे हैं। ऑक्सीमीटर की सहायता से आप अपने शरीर में आक्सीजन के लेवल को चेक कर सकते हैं। सामान्यत: स्वस्थ्य व सामान्य व्यक्ति के ब्लड में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल 94-95 से 100 फीसदी के बीच होता है। 95 फीसदी से कम ऑक्सीजन लेवल इस बात का संकेत है कि उसके फेफड़ों में किसी तरह की परेशानी है। अगर ये ऑक्सीजन लेवल 92 या 90 फीसदी से नीचे चला जाता है तो ऐसे में आपको चिंता की जरूरत है। इसके बाद आपको डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।
  • अपने घर के दरवाजे और खिड़कियां खुली रखें ताकि स्वच्छ हवा कमरों में प्रवेश कर सके साथ ही सूर्य का प्रकाश भी। कमरों में हवा और सूर्य का प्रकाश आना बेहद जरूरी है। इससे वायरस के संक्रमण को कम करने में मदद मिलती है।
  • बंद कमरे में ऐसी, कूलर व पंखें में ज्यादा समय तक न रहे, क्योंकि इनसे वायरस का संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका रहती है। ऐसी, कूलर, पंखे वायरस को पूरे कमरे में फैला देते हैं जिससे यदि एक से दूसरे में संक्रमण काफी तेजी से फैलता है।
  • सुबह कुछ देर स्वच्छ हवा में टहले और सूर्य का प्रकाश अपने शरीर पर पडऩे दें। क्योंकि सूर्य का प्रकाश से कीटाणुओं का नाश होता है वहीं सूर्य से हमें विटामिन-डी मिलता है। 
  • सुबह उठकर गर्म पानी पीये। इससे आपका पेट भी सही रहेगा, कब्ज नहीं बनेगी और वायरस के गले में चिपकने की संभावना भी कम होगी। 
  • आयुर्वेद के अनुसार तांबें के बर्तन में रात को रखा पानी सुबह उठकर पीना स्वास्थ के लिए अच्छा माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि तांबा धातु में ऐसा गुण होता है कि इससे सभी प्रकार के वायरस खत्म हो सकते हैं। वहीं ज्योतिविदें की मानें तो तांबा धातु की अंगूठी या कड़ा पहनने से वायरस का प्रभाव कम होता है। 
  • आयुर्वेद के अनुसार इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए तुलसी, गिलोय को फायदेमंद माना गया है। इसके अलावा हल्दी, लहसुन, दालचीनी में भी इम्यूनिटी बढ़ाने के गुण पाए गए हैं। 

 

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