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पंजाब में मेगा फूड पार्क में कामकाज शुरू, किसानों को होगा लाभ, मिलेंगे रोजगार के अवसर

Published - 05 Dec 2020

जानें, क्या है मेगा फूड पार्क स्कीम और इससे कैसे मिल सकता है लाभ?

पंजाब में मेगा फूड पार्क (एमएफपी) में कामकाज शुरू हो गया है। इससे फूड पार्क से 5 हजार नौकरियों के अवसर बने हैं, इससे करीब 25 हजार किसानों को इसका लाभ होगा। यह पंजाब के कपूरथला जिले के फगवाड़ा में है। पिछले दिनों ही खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसका उद्घाटन किया था। इस एमएफपी की लागत 107.83 करोड़ रुपए है। 55 एकड़ में बनी इस परियोजना से 25 हजार किसानों को लाभ होगा। बता दें कि अब तक, 37 एमएफपी स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 20 पहले ही चालू हो चुके हैं।

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1


मेगा फूड पार्क (mega food park) में क्या-क्या है सुविधाएं

सुखजीत मेगा फूड पार्क गोदामों, कोल्ड स्टोरेज, डीप फ्रीजर और अन्य संबंधित खाद्य प्रसंस्करण सुविधाओं से लैस है। इससे किसानों को काफी फायदा होगा।


मेगा फूड पार्क योजना (mega food park scheme) के लिए कितना है बजट

खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के लिए आत्मनिर्भर भारत के तहत 10,000 करोड़ रुपए का फंड बनाया गया है। इससे किसानों को लाभ होगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। नवीनतम प्रौद्योगिकी और प्रसंस्करण सुविधाओं से खाद्य उत्पादों की बर्बादी घटेगी और यह किसानों को उनकी फसलों का वाजिब भाव दिलाने में मदद करेगा। बता दें कि पंजाब चावल और गेहूं के उत्पादन में आगे है। लेकिन भूजल स्तर कम होने के कारण, फसलों के विविधीकरण की आवश्यकता है, जिसके लिए पंजाब के किसानों ने कई कदम उठाए हैं। सरकार का कहना है कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि किसानों को उचित मूल्य मिले और संबंधित क्षेत्र भी लाभान्वित हो सकें।

 


क्या है मेगा फूड पार्क (एमएफपी)

मेगा फूड पार्क परियोजना का कार्यान्वयन एक विशेष प्रयोजन उपाय (एसपीवी) द्वारा किया जाता है जो संस्थाएं अधिनियम के अंतर्गत एक पंजीकृत कॉरपोरेट निकाय होता है। राज्य सरकार, राज्य सरकार की संस्थाओं एवं सहकारिताओं को मेगा फूड पार्क परियोजना के कार्यान्वयन हेतु अलग से एसपीवी बनाने की जरूरत नहीं होती है। स्कीम दिशानिर्देशों की शर्तों को पूरा करने के अध्यधीन एसपीवी को निधियां जारी की जाती हैं।


मेगा फूड पार्क के लिए सरकार से कितनी मिलती है वित्तीय सहायता

मेगा फूड पार्क योजना के तहत भारत सरकार प्रत्येक मेगा फूड पार्क परियोजना के लिए 50 करोड़ तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।


मेगा फूड पार्क (एमएफपी) बनाने का क्या है उद्देश्य

  • मेगा फूड पार्क स्कीम का उद्देश्य किसानों, प्रसंस्करणकर्ताओं तथा खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाते हुए कृषि उत्पादन को बाजार से जोडऩे के लिए एक तंत्र उपलब्ध कराना है ताकि मूल्यवर्धन को अधिकतम, बर्बादी को न्यूनतम, किसानों की आय में वृद्धि और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करना सुनिश्चित किया जा सके।
  • मेगा फूड पार्क स्कीम क्लस्टर दृष्टिकोण पर आधारित है और इसमें, पार्कों में सुस्थापित आपूर्ति श्रृंखला के साथ उपलब्ध औद्योगिक भूखंडों में आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों की स्थापना के लिए सुपरिभाषित कृषि/बागवानी जोन में अत्याधुनिक सहायक अवसंरचना के सृजन की परिकल्पना की गई है।
  • मेगा फूड पार्क में संग्रहण केंद्रों, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्रों, केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्रों, शीत श्रृंखला और उद्यमियों द्वारा खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों की स्थापना हेतु 25-30 पूर्ण विकसित भूखंडों समेत आपूर्ति श्रृंखला अवसंरचना शामिल होती है।
  • सीपीसी स्थापित करने के लिए लगभग 50 से 100 एकड़ की सीमा तक भूमि अपेक्षित है, यद्यपि भूमि की वास्तविक आवश्यकता बिजनेस प्लान पर निर्भर करेगी, जो क्षेत्रदर क्षेत्र बदलती रहती है। विभिन्न स्थलों पर पीपीसीज तथा सीसीज की स्थापना हेतु अपेक्षित भूमि सीपीसी की स्थापना हेतु अपेक्षित भूमि के अलावा होगी।
  • यह उम्मीद की जाती है कि औसतन, 250 करोड़ रुपए के सकल निवेश सहित प्रतिपरियोजना लगभग 30 से 35 खाद्य प्रसंस्करण यूनिटें होंगी जिससे 450 से 500 करोड़रुपए का वार्षिक टर्न ओवर होगा तथा लगभग 30,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा।


मेगा फूड पार्क योजना के लाभ

  • मेगा फूड पार्क योजना का लाभ देश के स्थायी लोगों को प्राप्त होगा।
  • योजना के जरिए 25,000 किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।
  • इस योजना से कृषि उत्पादन को बाजार से जोड़ा जाएगा।
  • 5000 से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा।
  • योजना से किसानों को उत्पादन करने में भी मदद मिलेगी।


अब तक देश में कार्यशील मेगा फूड पार्क / देश में मेगा फूड पार्क

अब तक निम्नलिखित 21 मेगा फूड कार्यशील हो चुके हैं। इससे किसानों को काफी लाभ पहुंचा है। ये इस प्रकार हैं-

  1. स्रीनी मेगा फूड पार्क, चित्तूर, आंध्र प्रदेश
  2. गोदवारी मेगा एक्वा पार्क, पश्चिम गोदावरी, आंध्र प्रदेश
  3. नार्थ इस्ट मेगा फूड पार्क, नलबाड़ी, असम
  4. गुजरात एग्रो मेगा फूड पार्क, सूरत, गुजरात
  5. क्रेमिका मेगा फूड पार्क, ऊना, हिमाचल प्रदेश
  6. इंटिग्रेटेड मेगा फूड पार्क, तुमकुर, कर्नाटक
  7. केरल औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम (के आई एन एफ आर ए) मेगा फूड पार्क, पलक्कड़, केरल।
  8. इंडस मेगा फूड पार्क, खरगौन, मध्य प्रदेश
  9. अवंती मेगा फूड पार्क, देवास, मध्य प्रदेश
  10. पैथन मेगा फूड पार्क, औरंगाबाद, महाराट्र
  11. सतारा मेगा फूड पार्क, सतारा, महाराष्ट्र
  12. ज़ोरम मेगा फ़ूड पार्क, कोलासिब, मिज़ोरम
  13. एमआईटीएस मेगा फूड पार्क, रायगढ़, ओडिशा
  14. इंटरनेशनल मेगा फूड पार्क, फज्जिलका, पंजाब
  15. सुखजीत मेगा फूड पार्क, कपूरथला, पंजाब
  16. ग्रीनेटक मेगा फूड पार्क, अजमेर, राजस्थान
  17. स्मार्ट एग्रो मेगा फूड पार्क, निजामाबाद, तेलंगाना
  18. त्रिपुरा मेगा फूड पार्क, पश्चिम त्रिपुरा, त्रिपुरा
  19. पतंजली फूड एंड हर्बल पार्क, हरिद्वार, उत्तराखंड
  20. हिमालयन मेगा फूड पार्क, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड
  21. जंगीपुर बंगाल मेगा फूड पार्क, मुर्शीदाबाद, पश्चिम बंगाल


स्कीम में सहायता का क्या है पैटर्न

  • स्कीम में, सामान्य क्षेत्रों में परियोजना लागत (भूमि लागत को छोडक़र) के 50 प्रतिशत परंतु अधिकतम 50 करोड़ रुपए और दुर्गम एवं पहाड़ी क्षेत्रों अर्थात सिक्किम, जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं राज्यों के आईटीडीपी अधिसूचित क्षेत्रों समेत पूर्वोत्तर क्षेत्र में परियोजना लागत (भूमि की लागत को छोडक़र) के 75त्न परंतु अधिकतम 50 करोड़ रुपए के पूंजी अनुदान की परिकल्पना की गई है।
  • प्रबंधन, क्षमता निर्माण, समन्वय तथा निगरानी सहायता प्रदान करने हेतु, मंत्रालय द्वारा एक कार्यक्रम प्रबंधन एजेंसी नियुक्त की गई है । उपर्युक्त तथा अन्य प्रोत्साहनात्मक कार्यकलापों पर होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए मंत्रालय ने उपलब्ध समग्र अनुदान की 5 प्रतिशत राशि अलग से निर्धारित की है

 

स्कीम के तहत कैसे मिलता है अनुदान/अनुदान जारी करने की प्रक्रिया

  • स्कीम के अंतर्गत अनुदान-सहायता, अन्य स्कीमों के मापदंडों के अध्यधीन निम्नलिखित अनुसूची के अनुसार 30 प्रतिशत, 30 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 20 प्रतिशत की चार किस्तों में जारी की जाती है।
  • परियोजना घटकों पर पात्र परियोजना लागत के कम से कम 10 प्रतिशत का व्यय सुनिश्चित करने के उपरांत, स्कीम के अंतर्गत कुल अनुदान के 30 प्रतिशत की पहली किस्त जारी की जाती है।
  • पहली किस्त के रूप में जारी अनुदान के बराबर की इक्विटी और सावधि ऋण से एसपीवी द्वारा आनुपातिक व्यय के उपरांत अनुमोदित अनुदान-सहायता के 30 प्रतिशत के बराबर की दूसरी किस्त जारी की जाती है ।
  • दूसरी- किस्त के रूप में जारी अनुदान के बराबर की इक्विटी और सावधि ऋण से एसपीवी द्वारा आनुपातिक व्यय के उपरांत अनुमोदित अनुदान-सहायता के 20 प्रतिशत के बराबर की तीसरी किस्त जारी की जाती है।
  • अनुमोदित परियोजना घटकों पर सावधि ऋण एवं इक्विटी समेत एसपीवी के उल्लेखित योगदान का 100 प्रतिशत व्यय सुनिश्चित करने के बाद परियोजना की सफल पूर्णता और शुरू होने के अध्यधीन अनुमोदित अनुदान-सहायता के 20 प्रतिशत के बराबर की चौथी एवं अंतिम किस्त जारी की जाती है।

 


मेगा फूड पार्क स्थापना के लिए आवेदन कैसे करें

स्कीम के अंतर्गत सहायता की तलाश करने वाले प्रस्तावों को समय-समय पर जारी अभिरुचि की अभिव्यक्ति के माध्यम से आमंत्रित किया जाता है। खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों की स्थापना करने के लिए पूर्ण विकसित औद्योगिक भूखंडों तथा अन्य संबंधित सेवाओं का लाभ उठाने के इच्छुक उद्यमी, मेगा फूड पार्कों के प्रमोटरों से संपर्क कर सकते हैं। इसकी लिस्ट खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की वेबसाइट https://mofpi.nic.in/ पर दी गई है।

नोट- हालांकि हमने मेगा फूड पार्क के संबंध में पूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया है फिर भी आप यदि इसके बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो इसके लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की वेबसाइट https://mofpi.nic.in/ पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं।

 

 

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