Published - 07 Sep 2020 by Tractor Junction
राजस्थान की सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियां अब खाद-बीज एवं कीटनाशक बेच सकेंगी। इसके लिए जल्द ही सहकारिता एवं कृषि विभाग की ओर से लाइसेंस जारी किए जाएंगे। समितियों को पात्र बनाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से संबंधित समिति के पात्र कार्मिकों को इसके लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में सहकारिता एवं कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजी लाल मीणा ने निर्देश दिए हैं कि कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए 15 से 30 सितंबर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की जाएगा।
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प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा एवं सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मुक्तानन्द अग्रवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहकारी समितियों के व्यवस्थापक, निरीक्षक, सहायक रजिस्ट्रार, उप रजिस्ट्रार, संयुक्त रजिस्ट्रार, अतिरिक्त रजिस्ट्रार तथा कॉनफैड, सहकारी बैंकों, राजफैड में प्रतिनियुक्त अधिकारियों सहित करीब 4 हजार सहकार कर्मियों से रूबरू हुए थे। उन्होंने कहा कि सहकारिता से राजस्थान के करीब 70 लाख किसान किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं एवं उन्हें सेवा प्रदान कराई जा रही है।
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि किसान हमारा अन्नदाता है और उसकी सेवा करना हमारा फर्ज है। अधिक से अधिक किसानों को सहकारिता से जोडऩे के लिए ग्राम सेवा सहकारी समिति राजस्थान 200 नए सदस्य बनायेगी ताकि उन्हें ऋण, खाद, बीज एवं कीटनाशक जैसी सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सके।
अभी प्रदेश में 6545 ग्राम सेवा सहकारी समितियां कार्यरत है। उन्होंने ग्राम स्तर पर अधिक से अधिक व्यक्तियों एवं किसानों को सहकारिता के दायरे में लाकर उन्हें लाभान्वित करने के उदेश्य से निर्देश दिये कि वर्ष 2022-23 तक 2 हजार नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने सभी उप रजिस्ट्रार को निर्देश दिये कि इस वित्तीय वर्ष में 1 हजार नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन का लक्ष्य पूरा करें।
राजस्थान में ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से ही अनुदानित बीजों का बेचान किया जाएगा। इस निर्णय से ग्राम सेवा सहकारी समितियों की आय में वृद्धि होगी एवं पात्र किसानों को सरकार के अनुदान का भी लाभ मिलेगा और प्रमाणित बीज की आपूर्ति भी सुनिश्चित होगी।
सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मुक्तानन्द अग्रवाल के अनुसार राज्य में 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है। समितियों का चयन कर लिया गया है। राज्य सरकार द्वारा प्रति समिति 8 लाख रुपये भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। स्थानीय आवश्यकता के अनुसार कृषि यंत्रों की उपलब्धता सूची मंगवाई गई है।
अग्रवाल ने कहा कि जिन ग्राम सेवा सहकारी समितियों के पास गोदाम एवं कार्यालय के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है, उन्हें नि:शुल्क भूमि आवंटन करवाया जायेगा। उन्होंने निर्देश दिये कि जिलेवार भूमि विहीन सहकारी समितियों की सूची तैयार करें तथा जिला उप रजिस्ट्रार समिति से समन्वय स्थापित कर भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू करें।
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