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सरसों के बीज पर अनुदान : किसानों को सब्सिडी पर मिलेंगे सरसों के प्रमाणित बीज

Published - 07 Oct 2021

सरसों : इन किसानों फ्री में दिए जाएंगे सरसों के प्रमाणिक बीज

अधिकांश राज्यों में खरीफ की फसल की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है और किसान अपनी फसल मंडियों में ला रहे हैं। खरीफ के बाद किसान अपनी आगामी फसल रबी की बुवाई के कार्य में लग जाएंगे। देश में तिलहन के उत्पादन बढ़ाने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही प्रयास कर रही हैं। इसके लिए किसानों को तिलहन फसलों का बीज अनुदान पर बीज भी मुहैया कराया जा रहा है। इसी क्रम में राजस्थान राज्य मेंं भी यहां के किसानों को अनुदान पर बीज उपलब्ध करा रही है। इतना ही नहीं जिन इलाकों में पानी की कमी है उन इलाकों में कृषि विभाग की ओर से किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वे कम पानी वाली फसलों की बुवाई करें। इसके लिए राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में किसानों को सरसों का बीज मुफ्त दिया जा रहा है। समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-तिलहन के तहत भारत सरकार की अनुमोदित कार्य योजना के अंतर्गत सरसों उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके तहत किसानों को शत-प्रतिशत अनुदान पर आठ बीघा भूमि में सरसों की बुवाई के लिए निशुल्क सरसों का बीज उपलब्ध करवाया जा रहा है। बता दें कि राजस्थान सरकार बीज अनुदान योजना के तहत सरसों के बीजों पर 50 प्रतिशत अनुदान देती है। लेकिन क्षेत्र विशेष के लिए योजना का क्रियान्वयन होने से उस क्षेत्र के किसानों को शत-प्रतिशत अनुदान पर बीज मुहैया कराया जा रहा है। फिलहाल इस योजना क्रियान्यन श्रीगंगानगर में किया जा रहा है। 

सरसों की किन किस्मों का मिलेगा किसानों को बीज

कृषि विभाग बीज उत्पादन संस्थाओं जैसे राजस्थान राज्य बीज निगम, तिलम संघ, कृषि विकास सहकारी समिति व हिंदुस्तान इंसेक्टिसाइड लिमिटेड आदि से उत्पादित सरसों फसल की अधिक उपज देने वाली 10 वर्ष तक की अवधि की अधिसूचित किस्मों आरएच0749 व गिरिराज (डीआरएमआरआइज-31) का कुल 909 क्विंटल प्रमाणिक बीज श्रीगंगानगर जिले के किसानों को जिले की प्रत्येक पंचायत समिति में मुख्य सहकारी समितियों के माध्यम से शत-प्रतिशत अनुदान पर वितरण किया जा रहा है। 

इन किसानों को मिलेगा फ्री में बीज

कृषि विभाग के अनुसार श्रीगंगानगर जिले में पांच कृषि खंड हैं। इनमें जिले की नौ पंचायत समितियां आती है। इसमें कृषि खंड श्रीगंगानगर, सादुलशहर, रायसिंहनगर, अनूपगढ़ व श्रीकरणपुर खंड के किसानों को सरसों का प्रमाणिक बीज उपलब्ध करवाया जाएगा। 

एक किसान को कितना मिलेगा बीज

कृषि विभाग के अनुसार एक किसान को अधिकतम दो हैक्टेयर यानि आठ बीघा क्षेत्र के लिए 6 किलोग्राम बीज निशुल्क दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ये प्रमाणिक बीज सरसो का उत्पादन को बढ़ाने मेें सहायक होंगे। फ्री में बीज लेने को लेकर यहां के किसानों मेंउत्साह दिखाई दे रहा है। 

पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगा बीज का वितरण

इस योजना के तहत बीज का वितरण पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए किसान निर्धारित प्रपत्र में आदान परमिट प्राप्त कर संबंधित सहकारी संस्थाओं से सिफारिश की गई फसल की किस्म का बीज अनुदानित दर पर प्राप्त कर सकेंगे। किसानों से संबंधित अन्य सूचनाएं जैसे कृषक का आधार एवं मोबाइल नंबर भी प्राप्त अनुशंषा पत्र में अंकित किया जाएगा। 

राजस्व रिकॉर्ड में भूमि का होना है जरूरी

इस योजना में अनुदान के लिए किसानों को राजस्व रिकार्ड के आधार पर भूमि का स्वामित्व रखने, सामान्य या विशेष आवंटी होने पर या गैर खातेदार होने पर अनुदान का पात्र माना जाएगा। कृषक के स्वयं के नाम से भू- स्वामित्व नहीं होने की स्थिति में (कृषक के पिता के जीवित होने या मृत्यु के बाद नामान्तरण के अभाव में) यदि आवेदक स्वयं के पक्ष में भू-स्वामित्व मेें नोशनल शेयर धारक का प्रमाण-पत्र राजस्व व हल्का पटवारी से प्राप्त कर आवेदन के साथ प्रस्तुत करता है तो ऐसे कृषक भी अनुदान के पात्र माने जाएंगे। 

योजना का लाभ लेने के लिए किसान कहां करें संपर्क

बीज अनुदान योजना के तहत किसान अनुदानित दर पर तिलहनी फसलों के प्रमाणिक बीज प्राप्त करने के लिए अपने क्षेत्र में कार्यरत कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। 

  • ग्राम पंचायत स्तर पर - कृषि पर्यवेक्षक कार्यालय
  • पंचायत समिति स्तर पर- सहायक कृषि अधिकारी कार्यालय
  • उपजिला स्तर पर- सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) कार्यालय

 

सरसों के अलावा भी इन फसलों के बीजों पर भी मिलता है अनुदान

सरकार की ओर से सरसों के अलावा सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरंडी जैसी तिलहन फसलों के लिए भी किसानों को अनुदान पर बीज उपलब्ध कराया जाता है। इन फसलों पर मिलने वाला अनुदान इस प्रकार से देय होता है।
15 वर्ष तक की अवधि की अधिसूचित किस्मों के प्रमाणित बीज की कीमत का 50 प्रतिशत या 4000 रुपए /- प्रति क्विंटल, जो भी कम हो एवं 15 वर्ष तक की अवधि की अधिसूचित संकर किस्मों /तिल किस्मों के प्रमाणित बीज की कीमत का 50 प्रतिशत या 8000 रुपए /- प्रति क्विंटल, जो भी कम हो, अनुदान दिया जाता है। 

प्रमाणित बीज से क्या होगा लाभ

प्रमाणिक बीजों का फसल उत्पादन में गुणवत्तायुक्त / प्रमाणित बीज का प्रमुख योगदान है। इससे न केवल प्रति इकाई फसल उत्पादन में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि होती है, अपितु फसल उत्पादन के अन्य आदानों यथा उवर्रक, सिंचाई आदि का भी समुचित उपयोग होता है। इसके अलावा पैदावार भी अच्छी होती है। इस सब बातों को देखते हुए किसानों के लिए प्रमाणिक बीज काफी उपयोगी साबित हो रहे हैं।  

 

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