user profile

New User

Connect with Tractor Junction

अब मनरेगा को कृषि से जोडऩे की मांग, किसान व श्रमिक दोनों को होगा फायदा

Published - 20 May 2020

श्रम लागतों को घटाने में मिलेगी मदद

मनरेगा को कृषि से जोडऩे की वकालत तेज हो गई है। हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पीएम को पत्र लिखकर एक विशेष मामले के तौर पर प्रवासी कामगारों की कमी के मद्देनजर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अधीन काम करने वाले कार्ड धारकों को पंजाब में रबी/खरीफ सीजन 2020-21 के दौरान दोनों फसलों के लिए खेतों में काम करने की अनुमति देने के लिए मांग की है। वहीं मनरेगा की ड्राफ्टिंग कमेटी से जुड़े रहे विनोद आनंद भी मनरेगा को कृषि क्षेत्र से जोडऩे की वकालत कर चुके हैं। 

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1

 

श्रम लागतों को घटाने और ग्रामीण रोजगार को मिलेगा प्रोत्साहन

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श करके प्रति एकड़ (धान और गेहूं के लिए) के लिए काम के दिनों की संख्या तय करके काम करने की अनुमति दी जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रयास किसानों के लिए बढ़ रही श्रम लागतों को घटाने और ग्रामीण रोजगार को उत्साहित करने में सहायता करने के साथ साथ ऐसे वैश्विक संकट के समय राष्ट्र के लिए खाद्य सुरक्षा को संरक्षित करने में भी मदद करेगा।

 

 

धान की रोपाई के लिए मजदूरों की रहेगी कमी

पंजाब से प्रवासी कामगार के अपने गृह राज्यों को जाने के कारण कृषि क्षेत्र में कामगार की आ रही कमी की तरफ प्रधानमंत्री का ध्यान आकृषित करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि ऐसी स्थिति में जून में धान की रोपाई की गतिविधियों के दौरान कृषि कामों पर बुरा प्रभाव पडऩे की संभावना है क्योंकि इन कामों में लगे अधिकतर मज़दूर उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य के हैं जोकि सीजन के दौरान आते हैं। कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि बीमारी के बढ़ रहे फैलाव और प्रवासियों के उनके गृह राज्यों में वापसी को देखते हुए ऐसी कोई संभावना नहीं लगती कि आने वाले खरीफ सीजन में प्रवासी कामगार बड़ी संख्या में वापस लौटेंगे।

 

किसान व मजदूर दोनों को होगा फायदा

मनरेगा की ड्राफ्टिंग कमेटी से जुड़े रहे विनोद आनंद कहते हैं कि इस वक्त मजदूर और किसान दोनों संकट में है। यदि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून को कृषि से जोड़ दिया जाए तो मजदूर व किसान दोनों की समस्या एक साथ हल हो जाएगी। इससे मजदूर को ज्यादा पैसा मिलेगा और कृषि क्षेत्र में लागत कम हो जाएगी। वहीं सच्चाई यह है कि  मनरेगा में 100 दिन रोजगार देने के बावजूद औसतन 51 दिन काम मिलता है। जबकि कृषि से जुडऩे के बाद मजदूरों को 200 दिन तक काम मिल सकता है।

 

सभी कंपनियों के ट्रैक्टरों के मॉडल, पुराने ट्रैक्टरों की री-सेल, ट्रैक्टर खरीदने के लिए लोन, कृषि के आधुनिक उपकरण एवं सरकारी योजनाओं के नवीनतम अपडेट के लिए ट्रैक्टर जंक्शन वेबसाइट से जुड़े और जागरूक किसान बने रहें।
 

Certified Used Tractors

Swaraj 744 एफई
₹ 1.40 Lakh Total Savings

Swaraj 744 एफई

48 HP | 2021 Model | Ahmednagar, Maharashtra

₹ 6,00,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Mahindra 475 डीआई
₹ 2.25 Lakh Total Savings

Mahindra 475 डीआई

44 HP | 2019 Model | Sikar, Rajasthan

₹ 4,50,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Sonalika डीआई 50 आरएक्स
₹ 1.47 Lakh Total Savings

Sonalika डीआई 50 आरएक्स

52 HP | 2020 Model | Rajgarh, Madhya Pradesh

₹ 5,70,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Powertrac 434 प्लस
₹ 2.08 Lakh Total Savings

Powertrac 434 प्लस

37 HP | 2023 Model | Chittaurgarh, Rajasthan

₹ 3,32,500
Certified
icon icon-phone-callContact Seller

View All