Published - 12 Jul 2021
हरियाणा के किसानों के लिए एक खुशखबर है। अब प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से धान की खेती छोडक़र मेंथा यानि पीपरमेंट की खेती करने वाले किसानों को 7 हजार रुपए की प्रति एकड़ सब्सिडी दी जाएगी। सरकार की स्पेशल सब्सिडी योजना के तहत यदि कोई किसान धान की फसल की एवज में जुलाई और अगस्त में मेंथा की खेती करता हैं तो उन्हें स्पेशल सब्सिडी दी जाएगी। स्पेशल सब्सिडी के तहत किसान को प्रति एकड़ 7 हजार रुपए की सहायता मिलेगी। राज्य सरकार की इस योजना के पीछे मुख्य उद्देश्य किसानों को धान की फसल को छुड़ाना है ताकि जल का दोहन कम हो। बता दें कि धान की फसल की खेती में अधिक पानी की आवश्यकता होती है। जबकि राज्य में जल स्तर काफी नीचे जा चुका है। इसलिए यहां की सरकार चाहती है कि प्रदेश के किसान धान की खेती का मोह छोडक़र अन्य कम पानी वाली फसल का उत्पादन करें। इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1
मीडिया में प्रकाशित खबरों के हवाले से बागवानी विभाग और हिसार के मेंथा डिस्टीलेंशन यूनिट के निदेशक प्रदीप नेहरा किसानों को मेंथा की खेती करने के प्रति गोष्ठी और सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूक कर रहे हैं। किसानों को मेंथा की खेती कर आमदनी बढ़ाने के भी टिप्स दिए जा रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में करीब 100 एकड़ में हिसार, फतेहाबाद, अम्बाला, जींद, कैथल गुडग़ांवा समेत कई जिलों में मेंथा की खेती की जाती है।
राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहित किए जाने का असर देखने को मिल रहा है। यहां के किसानों का रूझान मेंथा की खेती की ओर बढऩे लगा है। इसके पीछे कारण ये है कि इसके लिए सरकार की ओर से स्पेशल सब्सिडी दी जा रही है वहीं किसानों को थी मेंथा की फसल से लाभ हो रहा है। वैसे मेंथा की बुवाई करने का सही समय फरवरी और मार्च होता है। सरकार द्वारा मेंथा की खेती करने पर एक हेक्टेयर पर 16 हजार, जबकि एक एकड़ पर 6400 रुपए सब्सिडी के रूप में दिए जाते है। बागवानी सलाहकार डॉ. निशा ने मीडिया को बताया कि पिछले कुछ समय से हरियाणा में मेंथा की खेती करने वाले किसानों का रुझान बढ़ा है। अब हिसार और, फतेहाबाद में भी कुछ किसान मेंथा की खेती कर रहे हैं।
अब सरकार द्वारा मेंथा की खेती करने पर स्पेशल सब्सिडी के रूप में प्रति एकड़ 7 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। स्पेशल सब्सिडी का लाभ उन किसानों को दिया जाएगा, जो धान की खेती छोडक़र मेंथा की बुवाई करेंगे। जुलाई और अगस्त में भी मेंथा की बुवाई की जा सकेगी। किसानों को नई योजना के बारे में जानकारी दी जा रही हैं। ताकि वह जागरूक होकर मेंथा की खेती कर सकें।
किसानों को मेंथा की खेती से दोहरा लाभ हो रहा है। एक तो मेंथा यानि पीपरमेंट की मांग बाजार में हर समय बनी रहती है और इसके भाव भी अच्छे मिल जाते हैं। इसके अलावा सरकार से सब्सिडी के रूप में 7 हजार रुपए प्रति एकड़ दिया जाता है। बात करें मेंथा उत्पादन से होने वाले लाभ कि तो मेंथा उगाने पर प्रति एकड़ 65 से लेकर 70 हजार रुपए तक की आमदनी हो सकती है। जबकि एक एकड़ में करीब 30 हजार रुपए तक की लागत आती है।
यूपी समेत देश के कई हिस्सों में फरवरी से लेकर अप्रैल मध्य तक इसकी रोपाई होती है। नकदी फसल में शुमार मेंथा की सबसे ज्यादा खेती यूपी के बाराबंकी, चंदौली, बनारस, सीतापुर समेत कई जिलों में सबसे ज्यादा होती है। 90 दिनों में तैयार होने वाली इस फसल में किसान कुछ ही समय में मुनाफा कमा सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक यूपी में करीब ढाई लाख क्षेत्रफल में मेंथा की खेती की जाती है। शेष मेंथा की खेती पंजाब और बिहार में होती है। कुल मिलाकर देश में करीब 3 लाख हैक्टेयर में मेंथा की खेती की जाती है।
मेंथा का इस्तेमाल दवाएं, सौंदर्य उत्पाद, टूथपेस्ट अलावा इसका उपयोग साबुन, सैनिटाइजर और कफ सीरप बनाने में इस्तेमाल होता है। पान मसाला उद्योग में भी यह काफी इस्तेमाल किया जाता है। इस कारण मेंथा की मांग बाजार में बनी रहती है।
ऑयल में मामूली गिरावट आई। बुधवार (7 जुलाई 2021) की तुलना में इसमें 3.80 रुपए की गिरावट दर्ज की गई। बुधवार को यह 1019.80 पर बंद हुआ था। गुरुवार (8 जुलाई 2021) को इसकी हाजिर कीमत 1089.30 रुपए प्रति किलो रही। पिछले साल 11 जून को मेंथा ऑयल की कीमतों ने टॉप लेवल छुआ था। पिछले एक-डेढ़ महीने से मेंथा ऑयल की कीमतों में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है। विश्लेषकों का मानना कि सप्लाई में कमी की वजह से मेंथा की कीमतें और बढ़ सकती हैं। मामूली गिरावट को छोड़ दें तो इसमें लगातार तेजी बनी हुई है। निवेशकों को अब भी इसमें मुनाफा नजर आ रहा है।
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