Published - 16 Apr 2021
ई-नाम योजना को 5 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस योजना की शुरुआत 14 अप्रैल 2016 को हुई थी। इस योजना से जुड़े पोर्टल पर किसानों के लिए कई प्रकार की सुविधाएं दी गई हैं जिनका किसानों को लाभ मिल रहा है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपनी उपज घर बैठे ऑनलाइन देश की किसी भी मंडी में बेच सकते हैं। एक प्रकार से ये किसानों के लिए ऐसा प्लेटफार्म है जहां किसान अपनी मर्जी के माफिक किसी भी जगह पर अपनी फसल बेचने के लिए स्वतंत्र है। इस पोर्टल के पांच वर्ष पूरे होने के अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं कलयाण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के लिए ई-नाम पोर्टल पर तीन और नई सुविधाएं दी हैं। जिससे किसानों को ई-नाम योजना से और लाभ प्राप्त हो सकेगा। कृषि मंत्री ने मीडिया को बताया कि इन पांच वर्षों में देश के 21 राज्यों के 1000 कृषि उपज मंडी जुड़े हैं तथा 1000 और कृषि उपज मंडी को जोडऩे का लक्ष्य रखा गया है। इन पांच वर्षों में 1.7 लाख किसान योजना से लाभ उठा रहे हैं तथा 1.3 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ है।
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14 अप्रैल 2016 में प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) योजना की शुरुआत की गई। इसयोजना का उद्देश्य किसानों को घर बैठे अपनी उपज बेचने की सुविधा उपलब्ध करवाना है। योजना के तहत देश की अलग-अलग मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा जा रहा है। साथ ही पिछले वर्ष कोरोना काल में सरकार ने किसानों को ट्रांसपोर्टेशन के साधन उपलब्ध करवाने के लिए किसान रथ ऐप की शुरुआत की है जिससे किसानों को घर बैठे उपज बेचने में किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
ई-नाम मंडी से जुड़ी ये नई तीन सुविधाएं
राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम मंडी से मौसम की जानकारी, सहकारी माड्यूल, ई-नाम निर्देशिका को जोड़ा गया है। अब किसान ई-नाम पोर्टल पर मौसम संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस पोर्टल पर अभी देश के 13 राज्यों की मौसम की जानकारी दी जा रही है। किसान को मौसम की जानकारी के लिए ई-नाम मंडी की वेबसाइट पर जाकर Weather Forecast पर क्लिक करना होगा जिससे एक पेज खुलेगा उस में अपने राज्य का चयन करके मौसम की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
ई- नाम मंडी योजना के तहत कृषि उपज का ऑनलाइन व्यापर किया जाता है। इसके तहत किसान तथा व्यापारी दोनों जुड़ सकते हैं। ई-नाम मंडी पर पंजीयन ऑनलाइन किया जाता है। पंजीयन के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। किसान को ई-नाम पर पंजीयन के लिए बैंक पास बुक, आधार कार्ड, मोबाईल नंबर तथा ई-मेल आईडी की जरूरत पड़ता है। किसान ई-नाम पर https://enam.gov.in/NAMV2/home_hindi/other_register.html पर जाकर पंजीयन यहां से करा सकते हैं।
ई- नाम मंडी से 175 कृषि उत्पादों का व्यापर किया जाता है। यह सभी कृषि उत्पाद अलग-अलग श्रेणी में आते हैं जो इस प्रकार है-
क्र. सं. | जिंसों का प्रकार | जिंसों की संख्या |
---|---|---|
1. | अनाज / दलहन | 26 |
2. | तिलहन | 14 |
3. | फल | 31 |
4. | साग / सब्जी | 50 |
5. | मसाला | 16 |
6. | अन्य प्रकार के जींस | 38 |
ई-नाम पोर्टल् से अब तक देश के 21 राज्य जुड़ चुके हैं। इसमें आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडि़सा, पंदुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, उतराखंड तथा वेस्ट बंगाल शामिल हैं। इस पोर्टल से अब तक 21 राज्यों की 1,000 कृषि उपज मंडियां को जोड़ा जा चुका है।
राष्ट्रीय कृषि बाजार से 21 राज्यों एक 1,000 कृषि उपज मंडी जुडी हुई हैं। इन 1000 मंडी से 1 लाख 63 हजार 391 व्यापारी तथा 90 हजार 980 कमिशन एजेंट जुड़े हुए हैं। इसके अलावा एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) की संख्या 1 हजार 841 है जो ई- नाम मंडी से जुड़े हुए हैं। व्यक्तिगत किसानों जो ई-मंडी में पंजीकृत है उनकी संख्या 1 करोड़ 70 लाख 25 हजार 393 किसान है। व्यापारी, किसान एजेंट तथा किसान उत्पक संगठन को मिलाकर 1 करोड़ 72 लाख 81 हजार 605 लोग इससे जुड़े हुए हैं।
किसान ई-नाम मंडी पर प्रतिदिन का मंडी भाव देख सकते हैं। ई मंडी पर 21 राज्यों एक 1000 कृषि उपज मंडी का मूल्य ऑनलाइन देखे जा सकते हैं। इसके लिए किसान को ई-नाम मंडी के वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट खुलने पर ऊपर के लाइन में डेशबोर्ड लिखा होगा। उसमें जाने पर व्यापार का सीधा प्रसारण के आप्शन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आप को देश भर के मंडी का अपडेट मिल जाएगा। आप अपनी सुविधा के अनुसार राज्य, जिला तथा कमोडिटी (फसल) का चयन करें।
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