Published - 08 Nov 2021 by Tractor Junction
किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं। इसके तहत किसानों को सब्सिडी मुहैया कराई जाती है ताकि किसान परंपरागत खेती के साथ ही बागवानी फसलों की ओर ध्यान दे सके। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य किसान को परंपरागत फसलों से होने वाले नुकसान से किसानों को बचाना है। बता दें कि भारत में अधिकांश किसान परंपरागत फसल जैसे- धान, गेहूं, जौ, चना आदि की खेती करते हैं। कई बार इन फसलों में नुकसान भी हो जाता है जिससे किसान की मेहनत बेकार चली जाती है। इस हानि की भरपाई के लिए बागवानी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि किसान को कम जोखिम में अधिक आमदनी हो सके। ऐसे में हरियाणा सरकार की ओर से राज्य के किसानों को बागवानी फसलों के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से बाग लगाने के लिए सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान किया जा रहा है।
हरियाणा सरकार की ओर से अलग-अलग फसलों की बागवानी पर किसानों को अलग-अलग अनुदान दिया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से किसानों को नए बाग लगाने पर किसानों को 50 प्रतिशत तक का अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इसके तहत किसानों को अमरूद के बाग लगाने पर 11,500 रुपए, नींबू के बाग लगाने पर 12 हजार रुपए और आंवला के बाग पर 15 हजार रुपए का अनुदान राज्य सरकार की ओर से प्रदान किया जाएगा। इस अनुदान योजना के तहत एक किसान 10 एकड़ तक बाग लगा सकता है।
यदि बागवानी फसलों में नुकसान होता है तो इसकी भरपाई के लिए भी राज्य सरकार की ओर व्यवस्था की गई है। इसके तहत किसानों को अपनी बागवानी फसलों का बीमा कराना होगा। इस संबंध में राज्य के एक सरकारी प्रवक्ता की ओर से मीडिया को बताए गए अनुसार बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा बागवानी बीमा योजना चलाई जा रही है। यह योजना किसानों को सब्जियों, फलों व मसालों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जोखिम से मुक्त कर फसल लागत की भरपाई करने में कारगर साबित होगी। किसान अपनी बागवानी फसलों का बीमा कराकर संभावित नुकसान की भरपाई कर सकते हैं।
नए बाग लगाने की योजना राज्य के उद्यानिकी विभाग के द्वारा चलाई जा रही है। योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान जमीन के कागजात, बैंक कॉपी व आधार कार्ड के साथ जिला बागवानी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं ।
किसानों को कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से समय-समय पर अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। जिसका लाभ लेकर किसान कृषि की नवीनतम तकनीकों को अपनाकर अधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं। इसी क्रम में ऐसे ही प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत हरियाणा के उद्यान विभाग द्वारा की जा रही है जो 8 नवंबर से लेकर 3 दिसंबर तक चलेगा। इसके तहत हरियाणा उद्यान विभाग की ओर से 8 नवंबर से 12 नवंबर तक सब्जियों की खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा 15 नवंबर से 19 नवंबर तक प्रसंस्करण परीक्षण एवं मूल्यवर्धन पर, 22 नवंबर से 26 नवंबर तक बागवानी फसलों में तुड़ाई उपरांत प्रबंधन व प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी पर तथा 29 नवंबर से 3 दिसंबर तक मधुमक्खी पालन के माध्यम मकरंद समर्थन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
हरियाणा उद्यान विभाग की ओर से 8 नवंबर से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है जो 3 दिसंबर 2021 तक चलेगा। इस अवधि के दौरान चार प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके प्रत्येक बैच में 40 किसानों को उद्यान प्रशिक्षण संस्थान उचानी (करनाल) में प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षिण में भाग लेने के लिए किसान भाई उद्यान विभाग की वेबसाइट http://kaushal.hortharyana.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते है। प्रशिक्षण के लिए प्रार्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष व अधिकतम 60 वर्ष होनी चाहिए।
मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने विभिन्न बागवानी फसलों के क्षेत्र व उत्पादन का वर्ष 2020-21 का तीसरा अग्रिम उत्पादन अनुमान जारी कर दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि सरकार की किसान हितैषी नीतियों, किसानों की अथक मेहनत व वैज्ञानिकों के अनुसंधान के कारण वर्ष 2020-21 में बागवानी उत्पादन रिकॉर्ड 331.05 मिलियन टन होने का अनुमान है, जिसमें 2019-20 की तुलना में 10.6 मिलियन टन (3.3 प्रतिशत) की वृद्धि परिलक्षित हो रही है।
बागवानी फसलों के क्षेत्र व उत्पादन के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, वर्ष 2020-21 में फलों का उत्पादन 103 मिलियन टन होने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2019-20 में 102.1 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था। सब्जियों के उत्पादन में पिछले वर्ष के 188.3 मिलियन टन की तुलना में 197.2 मिलियन टन यानी 4.8 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। प्याज का उत्पादन 26.8 मिलियन टन, आलू का उत्पादन रिकॉर्ड 54.2 मिलियन टन होने का अनुमान है। टमाटर का उत्पादन वर्ष 2019-20 में प्राप्त 20.6 मिलियन टन की तुलना में 21.1 मिलियन टन होने का अनुमान है। मसालों का उत्पादन 5.3 प्रतिशत बढक़र वर्ष 2020-21 में 10.7 मिलियन टन हो गया है।
कुल बागवानी | 2019-20 (अंतिम) | 2020-21 (तीसरा अग्रिम अनु.) |
क्षेत्रफल (मिलियन हेक्टेयर में) | 26.48 | 27.59 |
अनुमानित उत्पादन (मिलियन टन में) | 320.47 | 331.05 |
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