user profile

New User

Connect with Tractor Junction

फूड प्रोसेसिंग यूनिट खोलने पर किसानों को मिलेगी 10 लाख की सब्सिडी

Published - 25 Jan 2022

जानें, क्या है सरकार की योजना और इससे कैसे मिलेगा किसानों को लाभ

सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार का फोकस कृषि क्षेत्र की ओर है, क्योंकि यही वे क्षेत्र है जिस पर कोरोना महामारी का कोई असर नहीं हुआ। कोरोना काल में भी कृषि क्षेत्र की गतिविधियां यथावत चलती रही और देश में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं रही। इसे देखते हुए सरकार की ओर से कृषि क्षेत्र में सुविधाओं को बढ़ाने पर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार फूड प्रोसेसिंग इकाई खोलने पर ढाई करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दे रही है। इसमें किसानों द्वारा छोटी यूनिट खोलने पर 10 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। वहीं व्यवसायिक रूप से बड़ी यूनिट खोलने पर ढाई लाख रुपए तक की सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। आज हम किसान भाइयों को ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से फूड प्रोसेसिंग इकाई पर दी जाने वाली सब्सिडी के बारे में जानकारी दे रहे हैं ताकि किसानों सहित कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए लोग इसका लाभ उठा सकें। 

क्या है फूड प्रोसेसिंग इकाई (यूनिट)

फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री काफी बड़ा क्षेत्र है। इसमें खाद्य सामग्री और पेय पदार्थों को प्रोसेस करके रखा जाता है। फूड प्रोसेसिंग एक तरह की टेक्नोलॉजी है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का अर्थ ऐसी गतिविधियों से है, जिसमें प्राथमिक कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण कर उनका मूल्यवर्धन किया जाता है। भारत में लोगों की तेजी से बदलती लाइफ स्टाइल ने खाद्य प्रसंस्कृत उत्पादों की मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में किसान और कारोबारी इस क्षेत्र में निवेश कर नया मुकाम बना सकते हैं, जिसके लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय कई सारी योजनाएं चला रहा है। इसके तहत नई इकाई लगाने, मौजूदा इकाई का आधुनिकीकरण करने, तकनीकी सहायता आदि के लिए सहायता मिल रही है। भारत के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र में प्रसंस्कृत खाद्य के उत्पादन और निर्यात की पर्याप्त संभावनाएं हैं।

फूड प्रोसेसिंग यूनिट खोलने के लिए किसानों को कितनी मिलेगी सब्सिडी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को अपने उत्पाद की गुणवत्ता सुधार, पैकेजिंग, मार्केटिंग, ब्रांडिंग के संबंध में जानकारी देने और इनकी प्रक्रियाओं से अवगत कराने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएं। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में किसान को 10 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी। अनुदान का 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार की ओर से वहन किया जाएगा। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को विस्तार देने के लिए राज्य सरकार की ओर से बड़ी यूनिट लगाने पर ढाई करोड़ रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। 

देश में असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 25 लाख इकाइयां

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि देश में असंगठित खाद्य प्र-संस्करण क्षेत्र में लगभग 25 लाख इकाइयां कार्य कर रही हैं। इनमें से करीब 66 प्रतिशत यूनिट ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और लगभग 80 प्रतिशत उद्यम परिवार आधारित हैं। 

ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने में सहायक होगी ये इकाइयां

यह उद्यम, ग्रामीण पारिवारिक आजीविका को बढ़ाने और ग्रामीणों के शहरी क्षेत्रों में पलायन को कम करने में सहायक हैं। उन्होंने कहा कि आज ग्राम स्तर पर खाद्य प्र-संस्करण के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी और उपकरणों की उपलब्धता, प्रशिक्षण, संस्थागत ऋण की उपलब्धता, उत्पादों के गुणवत्ता नियंत्रण के संबंध में जानकारी तथा सामग्री की पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग के संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण और वेल्यू एडिशन पर सही मार्गदर्शन उपलब्ध कराकर युवाओं को सशक्त करने की आवश्यकता है। किसानों को अदरक, प्याज, लहसुन आदि मसाला फसलों के उन्नत किस्मों के बीजों को उपलब्ध करवाया जाएगा।

मध्यप्रदेश के इन जिलों में होगी तीन इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना

मध्यप्रदेश के सीहोर, मुरैना और ग्वालियर में तीन इन्क्यूवेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 9 करोड़ 87 लाख 85 हजार रुपए स्वीकृत किए गए हैं। सीहोर में अमरूद, फलों तथा सब्जियों के प्रसंस्करण के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जा रही है। सेंटर में खाद्य प्र-संस्करण प्रयोगशाला सहित जूस, पल्प, जैम, जैली, वेजिटेबल डिहाइड्रेशन लाइन एवं प्याज प्र-संस्करण लाइन की स्थापना होगी। मुरैना में सरसों एवं अन्य तिलहनों, ज्वार, बाजरा, रागी और बेकरी उत्पादों के प्र-संस्करण के लिए कॉमन इन्क्यूबेशन फेसिलिटी उपलब्ध कराई जाएगी। ग्वालियर में आलू तथा आलू प्र-संस्करण लाइन एवं मिलेट आधारित कुकीज लाइन की स्थापना की जा रही है। 

क्या है प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना की शुरुआत की गई है। योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे उद्योगों का विकास तथा एक जिला-एक उत्पाद योजना में गतिविधियों को बढ़ावा देना है। उद्यानिकी फसलें जैसे आम, आलू, टमाटर आदि जल्द खराब होते हैं। इनके रख-रखाव, प्रोसेसिंग, ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग के लिए योजना में विशेष व्यवस्था है। इस योजना के तहत ही राज्य में फूड प्रोसेसिंग इकाई स्थापित की जा रही है ताकि किसानों को अपने उत्पाद लंबे समय तक सुरक्षित रखने में कोई परेशानी नहीं आए और उन्हें बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिल सके।

फूड प्रोसेसिंग इकाई और स्टार्ट अप के लिए भारत सरकार की ओर से उठाए गए कदम

•    भारत में प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव योजना यानि पीएलआई स्कीम में फूड प्रोसेसिंग के लिए भी 10,900 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
•    वैल्यू एडिशन और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए ऑपरेशन ग्रीन का दायरा बढ़ा दिया गया है।
•    ऑपरेशन ग्रीन में टमाटर, आलू और प्याज के अलावा 22 और फसलों को शामिल किया गया है।
•    किसानों की मदद करने के लिए माइक्रो फूड प्रोसेसिंग के लिए 10,000 करोड़ की व्यवस्था अलग से की जा रही है।
•    फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में विदेशी तकनीक और निवेश को बढ़ावा देने के लिए ऑटोमेटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी गई है।
•    फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए पीएम किसान संपदा योजना के तहत देश में मेगा फूड पार्क बनाने की योजना जारी है।
•    सरकार इसके तहत 50 से 75 फीसदी तक का वित्तीय अनुदान देगी।
•    2025-26 तक भारत के फूड प्रोसेसिंग बाजार को 535 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है।

बता दें कि देश के कुल फूड मार्केट में प्रोसेस्ड फूड की हिस्सेदारी 32 फीसदी है। वहीं भारत में कुल खाद्य उत्पादन का 10 फीसदी ही प्रोसेस किया जाता है। देश के कुल निर्यात में प्रोसेस्ड फूड की हिस्सेदारी 13 फीसदी है। 2019-20 में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में 905 बिलियन डॉलर का एफडीआई आया था।

अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Certified Used Tractors

Powertrac 434 प्लस
₹ 1.10 Lakh Total Savings

Powertrac 434 प्लस

37 HP | 2023 Model | Chittaurgarh, Rajasthan

₹ 4,30,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Massey Ferguson 1035 डीआई
₹ 1.28 Lakh Total Savings

Massey Ferguson 1035 डीआई

36 HP | 2020 Model | Tonk, Rajasthan

₹ 5,00,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Farmtrac 45 पॉवरमैक्स
₹ 0.49 Lakh Total Savings

Farmtrac 45 पॉवरमैक्स

50 HP | 2023 Model | Dewas, Madhya Pradesh

₹ 7,41,285
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Mahindra 575 डीआई एक्सपी प्लस
₹ 4.40 Lakh Total Savings

Mahindra 575 डीआई एक्सपी प्लस

47 HP | 2014 Model | Hanumangarh, Rajasthan

₹ 2,87,500
Certified
icon icon-phone-callContact Seller

View All