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नाबार्ड लोन : शून्य ब्याज दर पर किसानों को मिलेगा पहले से ज्यादा ऋण

Published - 29 Nov 2021

नाबार्ड ऋण (NABARD Loan) : जानें, क्या है सरकार की योजना और इससे किसानों को लाभ

नाबार्ड अब किसानों को पहले से ज्यादा ऋण सुविधा उपलब्ध कराएगा। इतना ही नहीं ये ऋण किसानों को शून्य ब्याज दर पर मिल सकेगा। नाबार्ड की ओर से किसानों को दिए जाने वाले ऋण की राशि में बढ़ोतरी की गई है ताकि  अधिक से अधिक किसानों को ऋण उपलब्ध कराया जा सके। बता दें कि नाबार्ड कृषि ऋण किसानों की आय एवं कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ग्रामीण एवं कृषि विकास बैंक-नाबार्ड द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं के तहत किसान एवं उद्यमियों को कृषि में निवेश करने के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिक से अधिक किसानों को किसान के्रडिट कार्ड केसीसी एवं राज्य सरकारों के द्वारा कम दरों पर ऋण दिया जाता है।

अमृत महोत्सव के तहत राज्य ऋण संगोष्ठी 2022-23 में दी जानकारी

अभी बीते दिनों आजादी के अमृत महोत्सव के तहत नाबार्ड के मध्यप्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा राज्य ऋण संगोष्ठी 2022-23 का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश में आने वाले वर्ष में कृषि क्षेत्र में निवेश पर एवं किसानों को दिए जाने वाले ऋण के विषय में जानकारी दी गई। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक टीएस राजीगेन ने मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से मुलाकात में बताया कि राज्य में फसली ऋण तथा कृषि सावधि ऋण को बढ़ाया जा रहा है। ताकि इस वर्ष अधिक किसानों को शून्य प्रतिशत के ब्याज पर फसली ऋण मिल सके।

नाबार्ड योजना (Nabard Scheme) : किसानों को अब कितना मिल सकेगा फसली ऋण

किसानों को कृषि के क्षेत्र में निवेश के लिए फसली ऋण तथा कृषि सावधि ऋण दिया जाता है। वर्ष 2022-23 के वित्त वर्ष के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण एवं कृषि विकास बैंक मध्य प्रदेश राज्य के किसानों को फसली ऋण के तौर पर 1 लाख 18 हजार 288 करोड़ रुपए का ऋण देगी। इसके अलावा कृषि सावधि ऋण के रूप में 62 हजार 693 करोड़ रुपए कि ऋण दिया जाएगा। इस तरह वित्त वर्ष 2022-23 कुल 2 लाख 42 हजार 967 करोड़ रुपए का ऋण दिया जाएगा। इसमें से कुल ऋण का 74 प्रतिशत कृषि क्षेत्र को दिया जाएगा। 

सभी किसानों को दिया जाएगा क्रेडिट कार्ड

इस दौरान मंत्री देवड़ा ने वर्ष 2023 तक आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए प्रदेश के 100 प्रतिशत किसानों तक केसीसी कवरेज बढ़ाने, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में निवेश और कृषि उत्पादक समूहों के वित्त पोषण पर प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। बता दें कि किसान भाई क्रेडिट कार्ड की सहायता से कम ब्याज दर पर बैंकों से कृषि लोन ले सकते हैं। इसमें ब्याज की दर साधारण ऋण के मुकाबले बहुत कम होती है और कभी-कभी तो शून्य ब्याज दर यानि बिना ब्याज के किसानों को पैसा उधार दिया जाता है। ये ऋण अल्पकालीन व दीर्घकालीन दो प्रकार के होते हैं। 

किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में

किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना की शुरुआत 1998 में हुई थी। केसीसी माध्यम से किसानों को जरूरत के अनुसार आसानी से खेती के लिए लोन मिल जाता है। इस क्रेडिट कार्ड से मिलने वाले ऋण की राशि से किसान अपने कृषि से संबंधित सामान खाद, बीज, कीटनाशक आदि आदान की खरीद कर सकते हैं। 2019 में केसीसी में ब्याज दर में आर्थिक सहायता का प्रावधान शामिल करते हुए इसका लाभ डेयरी उद्योग समेत पशुपालकों और मछली पालकों को भी देने की व्यवस्था सुनिश्चित की है।

अभी तक किसानों को केसीसी से कितना मिलता है लोन

किसान क्रेडिट कार्ड पर किसानों को 3 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है। वैसे खेती के लिए लोन करीब 9 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से मिलता है। लेकिन केसीसी पर किसानों को सरकार दो फीसदी की सब्सिडी देती है, और समय पर ऋण अदायगी करने पर ब्याज में 3 फीसदी की अतिरिक्त छूट दी जाती है। इस तरह केसीसी से किसानों को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर ही लोन मिल पाना संभव हो पाता है। 

किसान इन बैंकों से बनवा सकते हैं केसीसी

जो किसान भाई केसीसी यानि क्रेडिट कार्ड बनाना चाहते हैं वे बैंक में जाकर केसीसी के लिए एप्लाई कर सकते हैं। किसान भाई को-ऑपरेटिव बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), बैंक ऑफ इंडिया और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (आईडीबीआई) से संपर्क कर सकते हैं।

सूक्ष्म सिंचाई के लिए 5 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की

मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि भारत सरकार ने अपने बजट में ग्रामीण अधोसंरचना के विकास के लिए आईआईडीएफ एवं माइक्रो इरीगेशन फंड में 10 हजार करोड़ तथा 5 हजार करोड़ की वृद्धि की है। इससे मध्य प्रदेश में सिंचाई क्षेत्र को और अधिक संबल मिल रहा है। 

कौशल उन्नयन के लिए 4,000 करोड़ रुपए की सहायता

नाबार्ड की मुख्य महाप्रबंधक श्रीमती टीएस राजीगेन ने कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन के महत्व की चर्चा करते हुए बताया कि 13 जिलों में इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने नाबार्ड द्वारा चलाई जा रही ग्रामीण भंडारण, 10 हजार किसान उत्पाद संगठनों, वाडी, वाटरशेड, वित्तीय समायोजन, सहकारी बेंकों को मदद स्व-सहायता समूहों के सदस्यों का कौशल उन्नयन के लिए 4 हजार करोड़ की सहायता के संबंध में जानकारी दी। 

संगोष्ठी में इन्हें किया गया पुरस्कृत

संगोष्ठी में प्रदेश के स्व-सहायता समूह, वित्तीय साक्षरता, किसान उत्पादक समूहों के संवर्धन आदि में उत्कृष्ट कार्य के लिए उल्लेखित गतिविधियों में विभिन्न बैंकों को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर प्याज भंडारण पर बैंकेबल मॉडल योजना की पुस्तिका और स्टेट फोकस पेपर का विमोचन भी किया गया। 

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