किसानों को ड्रोन खरीदने पर सरकार से मिलेगी 50 प्रतिशत की सब्सिडी

Share Product Published - 04 May 2022 by Tractor Junction

किसानों को ड्रोन खरीदने पर सरकार से मिलेगी 50 प्रतिशत की सब्सिडी

जानें, ड्रोन खरीदने से किसानों को क्या होगा लाभ 

खेती के काम को आसान बनाने के लिए सरकार की ओर से किसानों को ड्रोन के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार का मानना है ड्रोन के उपयोग से किसानों के लिए खेती का काम आसान हो जाएगा और इससे फसल की लागत में भी कमी आएगी जिससे किसान की आय बढ़ेगी। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए सब्सिडी भी दी जा रही है। किसानों को ड्रोन की खरीद पर सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी।

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ड्रोन के लिए श्रेणी और वर्गानुसार दी जाने वाली सब्सिडी

  • किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। इसके तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, लघु और सीमांत किसानों, महिलाओं को पूर्वोतर राज्यों के किसानों को ड्रोन खरीदने पर लागत की 50 प्रतिशत अधिकतम 5 लाख रुपए सब्सिडी दी जाएगी। वहीं अन्य किसानों को 40 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा जो अधिकतम 4 लाख रुपए होगी।  
  • वहीं फार्म मशीनरी ट्रेनिंग और परीक्षण संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (सीएआर) के संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों व राज्य कृषि विश्वविद्यालय को ड्रोन खरीदने पर लागत की 100 प्रतिशत की दर से सब्सिडी प्रदान की जाएगी। 
  • इसके अलावा किसान उत्पादक संगठन यानि एफपीओ को खेतों पर प्रदर्शन के लिए कृषि ड्रोन लागत का 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। 

ड्रोन खरीदने से किसानों को खेती में होंगे ये लाभ

  • ड्रोन से खेती का काम आसान होगा। इससे कीटनाशक का छिडक़ाव आसानी से किया जा सकेगा जिससे फसल रोगमुक्त होगी।
  • ड्रोन की सहायता से छिड़काव विधि से बुवाई का काम किया जा सकता है। इससे कम समय में बुवाई का कार्य पूर्ण हो सकेगा। 
  • ड्रोन के उपयोग से समय और श्रम में कमी आएगी और खेती की लागत भी कम होगी। 
  • ड्रोन के उपयोग से कृषि में आधुनिकता आएगी और किसान स्मार्ट खेती कर सकेंगे। 
  • ड्रोन के उपयोग से ड्रोन का संचालन करने के लिए व्यक्तियों की आवश्यकता होगी। इससे रोजगार के साधन बढ़ेंगे। 

कृषि में ड्रोन के उपयोग के लिए इन नियमों का करना होगा पालन

नागर विमानन मंत्रालय (एमओसीए) और नागर विमानन महानिदेशक (डीजीसीए) द्वारा सशर्त छूट सीमा के माध्यम से ड्रोन परिचालन की अनुमति दी जा रही है। एमओसीए ने भारत में ड्रोन के उपयोग और संचालन को विनियमित करने के लिए 25 अगस्त, 2021 को जीएसआर संख्या 589 (ई) के माध्यम से ‘ड्रोन नियम 2021’ प्रकाशित किए थे। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कृषि, वन, गैर फसल क्षेत्रों आदि में फसल संरक्षण के लिए उर्वरकों के साथ ड्रोन के उपयोग और मिट्टी तथा फसलों पर पोषक तत्वों के छिडक़ाव के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) भी लाई गई हैं। प्रदर्शन करने वाले संस्थानों और ड्रोन के उपयोग के माध्यम से कृषि सेवाओं के प्रदाताओं को इन नियमों / विनियमों और एसओपी का पालन करना होगा।

किसान यहां से किराये पर भी ले सकेंगे ड्रोन

किसान, कस्टम हायरिंग सेंटर से भी ड्रोन किराये पर ले सकेंगे। क्योंकि अब ड्रोन को भी कृषि यंत्रों की सूची में शामिल कर लिया गया है। बता दें कि कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना किसान सहकारी समितियों, एफपीओ और ग्रामीण उद्यमियों द्वारा की जाती है। वहीं एसएमएएम, आरकेवीवाई या अन्य योजनाओं से वित्तीय सहायता के साथ किसान सहकारी समितियों, एफपीओ और ग्रामीण उद्यमियों द्वारा स्थापित किए जाने वाले नए सीएचसी या हाई-टेक हब्स की परियोजनाओं में ड्रोन को भी अन्य कृषि मशीनों के साथ एक मशीन के रूप में शामिल किया जा सकता है। इसलिए जो छोटे और सीमांत किसान इसे खरीदने में सक्षम नहीं है वे किराये पर ड्रोन लेकर अपना खेती का काम कर सकेंगे। 

ड्रोन के संबंध में कुछ खास बातें

  • ड्रोन की सहायता से 20 मिनट में 3.5 एकड़ खेत में छिडक़ाव किया जा सकता है। 
  • ड्रोन में 10 लीटर की टंकी लगी होती है, जो एक बार में एक एकड़ में लगी फसलों पर छिडक़ाव कर सकती है। 
  • ड्रोन में लगी टंकी जितनी बार इसकी टंकी खाली होगी, अपने आप वापस आकर फिर दवा का घोल भर जहां से छोड़ा है, वहां पहुंच फिर आगे छिडक़ाव का कार्य करने लगेगा। 
  • ड्रोन की सहायता से किसान कहीं भी बैठकर एक किमी तक अपने खेत में दवा-खाद का छिडक़ाव कर सकते हैं। इसमें आपको मजदूर की जरूरत नहीं पड़ेगी।
  • ड्रोन से छिडक़ाव करने से हानिकारक दवा के स्वास्थ पर पडऩे वाले प्रभाव से बचा जा सकता है। इसके साथ ही खेतों में मौजूद जहरीले जंतुओं से बचा जा सकता है।
  • सुरक्षा की दृष्टि से ड्रोन में हाइलेवल सेंसर व कैमरे लगे होते हैं। यह अपने आसपास के तार व पेड़ को 25 मीटर पहले ही देख लेते हैं। यही कारण है कि ड्रोन उससे बचकर निकल जाता है।  
  • इसमें लगा सेंसर खेतों में नमी के साथ पौधों में लगने वाले रोगों को भी पहचान लेगा। साथ ही इसके माध्यम से आप अपने खेत मैपिंग भी कर सकते हैं। 


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