Published - 24 Jan 2022
किसानों को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए सरकार की ओर से कर्ज माफी योजना चलाई जा रही है। इसके तहत उन गरीब किसानों के कर्ज माफ किए जा रहे हैं जो कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं। इसी क्रम में राजस्थान सरकार की ओर से छोटे और सीमांत किसानों के कर्ज माफ किए जा रहे हैं। गहलोत सरकार की ओर से इस संबंध में बैंकों को प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें राज्य की गहलोत सरकार ने बैंकों से 90 प्रतिशत कर्ज माफ करने को कहा है। इतना ही नहीं सरकार ने कहा है कि शेष 10 प्रतिशत कर्ज वे खुद माफ करेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सहकारी क्षेत्र में किसानों का 14 हजार करोड़ का कर्ज माफ करने के बाद अब राजस्थान सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्ज से दबे किसानों को राहत देने की तैयारी में है। इसके तहत सरकार ने बैंकों को प्रस्ताव दिया है कि वह किसानों के लिए एकमुश्त समाधान जैसी योजना लाएं। हाल ही में राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक और नाबार्ड के राज्य स्तरीय कर्ज सेमिनार के बाद मुख्यमंत्री ने यह प्रस्ताव भेजा है।
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि बैंकों ने तीन लाख किसानों के 6000 करोड़ से ज्यादा के कर्ज को एनपीए घोषित कर दिया है। अब राज्य सरकार ने बैंकों से एकमुश्त समाधान योजना लाने के लिए कहा है। ऐसी योजना स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अन्य राज्यों में ला चुकी है। इस योजना के तहत किसानों के कर्ज का 90 फीसदी बैंक माफ करेंगे। वहीं बाकी 10 फीसदी किसानों की तरफ से सरकार चुकाएगी। इसी तर्ज पर अन्य बैंक भी गरीब किसानों को राहत प्रदान करेंगे। इस तरह इन किसानों का 100 प्रतिशत कर्ज माफ किया जाएगा। इससे किसानों को राहत मिलेगी।
बता दें कि कांग्रेस सरकार किसानों के कर्जमाफी के बारे में पहले ही घोषणा कर चुकी है। इसके तहत किसानों पर सहकारी बैंक का पूरा कर्ज और राष्ट्रीयकृत बैंकों का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया जाना था। सहकारी बैंकों का कर्ज माफ किया जा चुका है और राष्ट्रीयकृत बैंकों का कर्ज माफ किया जाना बाकी है। पत्रकारों से बात करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय बैंकों से बातचीत चल रही है। हमने उनसे कहा है कि अगर उद्योगपतियों के ऋण माफ किए जा सकते हैं तो किसानों के क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हिस्से का 10 फीसदी ऋण स्वयं चुकाएगी। शेष 90 प्रतिशत तक ऋण बैंकों को चुकाना होगा।
राज्य की गहलोत सरकार द्वारा चुनाव में किए गए वादे के मुताबिक किसानों को राहत प्रदान करने में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की कर्ज माफी का अपना वादा पूरा करते हुए राष्ट्रीय बैंकों से लिए गए फसली ऋण के लिए एकमुश्त ऋण माफी योजना लाकर गरीब किसानों को राहत देगी। गहलोत ने प्रपोजल को अमलीजामा पहनाने के लिए राष्ट्रीय बैंकों से मदद करने को कहा है।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गहलोत ने स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की 151वीं बैठक ली थी। साथ ही नाबार्ड की राजस्थान लेवल लोन सेमीनार 2022-23 को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एसबीआई ने हाल ही अपनी एकमुश्त लोन माफी योजना में एनपीए में क्लासीफाइड कृषि लोन की माफ किए हैं। जिसमें 90 फीसदी लोन बैंक ने माफ किया है। जबकि बाकी 10 फीसदी किसान ने दिया है। इसी योजना की तर्ज पर बाकी बैंकों ने भी स्कीम लाकर गरीब किसानों को राहत देनी चाहिए।
सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही हमने सबसे पहले किसानों की कर्जमाफी के आदेश देकर अब तक 14 हजार करोड़ का सहकारी बैंकों का कर्ज माफ किया गया है। जिसमें पिछली सरकार का भी 6 हजार करोड़ का कर्जा शामिल है। प्रदेश सरकार की घोषणा के अनुसार 30 नवंबर, 2018 को राष्ट्रीय बैंकों के एनपीए घोषित किसान खातों के कर्ज माफ करने बाकी हैं।
राजस्थान सरकार की ओर से कर्ज माफी योजना चलाई जा रही है। इसके तहत राज्य के छोटे और सीमांत किसानों का 2 लाख रुपए तक फसल ऋण माफ किया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए राज्य के किसानों के पास 2 हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए। किसान कर्ज माफी योजना के लिए राज्य सरकार पर करीब 18 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा।
सरकार ने किसानों की दो श्रेणी बनाई है। इसके लिए जोत सीमा के अनुसार छोटे और सीमांत किसानों को कर्ज माफी का लाभ दिया जा रहा। ये इस प्रकार से है-
राजस्थान कर्ज माफी योजना के जरिये छोटे एवं सीमांत किसानों का 2 लाख रुपए तक का ऋण माफ किया जा रहा है। वह सभी किसान जिन्होंने अपना ऋण माफी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था उनका नाम आधिकारिक वेबसाइट http://lwa.rajasthan.gov.in/ पर अपडेट कर दिया गया है। यहां लाभार्थी किसान इस लिस्ट में अपना नाम चेक कर सकते हैं। इसके लिए आपको नीचे दी गई प्रक्रिया अपनानी होगी। जो इस प्रकार से है
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