Published - 06 Jan 2021
पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को झंझोकर रख देने वाली इस सदी की सबसे खतरनाक कोरोना महामारी पर नियंत्रण को लेकर सभी देशों में इसकी वैक्सीन बनाने का कार्य जोर शोर से चल रहा है। कई देशों में इसके वैक्सीन का प्रयोगशाला में ट्रायल अंतिम दौर में पहुंच चुका है। इसी क्रम में भारत में भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बनाई जा रही अलग-अलग कंपनियों की 9 वैक्सीन पर प्रयोगशाला में कार्य चल रहा है। जिनमें से दो वैक्सीन अंतिम चरण में हैं जिन्हें भारत सरकार की ओर से लोगों पर आपात ट्रायल की मंजूरी दे गई है।
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जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूदी दे दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के चार राज्यों में टीकाकरण ट्रायल की योजना बनाई है। पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात के दो-दो जिलों में कोरोना टीके का परीक्षण होगा। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इन राज्यों में टीके के परीक्षण की तैयारी पूरी हो चुकी है। पहले चरण में करीब 30 करोड़ लोगों को प्राथमिकता के आधार पर कोरोना का टीका लगेगा। कोरोना से मौत का आंकड़ा सबसे ज्यादा होने के कारण पंजाब को प्राथमिकता दी गई है। पंजाब में कोरोना वायरस से मृत्युदर सबसे ज्यादा है।
कोविशील्ड क्लीनिकल ट्रायल के शुरुआती नतीजों में 90 फीसदी तक असरदार पाई गई है और इसी के आधार पर ब्रिटेन ने इस वैक्सीन को मंजूरी भी दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह वैक्सीन सभी उम्र के लोगों पर असरदार है। यही वजह है कि इस वैक्सीन को पहले से ही भारत के लिए सबसे अच्छा माना जा रहा था।
पहले चरण में एक करोड़ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सबसे पहले टीका लगना है। इसमें सरकारी और निजी सभी स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। इसके बाद दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर हैं, जो कोरोना रोकथाम कार्य में लगे हैं, जिनमें पुलिसकर्मी, सरकारी कर्मी आदि शामिल हैं। इसके बाद 27 करोड़ वे लोग हैं, जिन्हें पहले से कोई बीमारी है तथा उन्हें कोरोना से ज्यादा खतरा हो सकता है।
कंपनियों के साथ खरीद आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद ही वैक्सीन की सप्लाई कंपनी द्वारा की जाएगी और इसके बाद ही लोगों को टीका लगाया जा सकेगा। हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने हिन्दुस्तान टाइम्स की रिदमा कॉल से खास बातचीत बताया कि उन्हें (भारत सरकार) अभी भी हमारे साथ एक खरीद आदेश पर हस्ताक्षर करना है। खरीद आदेश पर हस्ताक्षर के बाद सरकार हमें बताएगी कि टीका कहां भेजना है और उसके 7 से 10 दिन बाद ही हम टीका वितरित कर सकते हैं।
पूनावाला के अनुसार हमने पहले 100 मिलियन खुराक के लिए उन्हें (सरकार) 200 रुपए की लिखित में एक बहुत ही विशेष कीमत पेशकश की है। यह पेशकश केवर सरकार के लिए है और वो भी सिर्फ 100 मिलियन खुराक के लिए। इससे अधिक के ऑर्डर पर कीमत अधिक अथवा अलग हो सकती है। निजी बाजार में इस वैक्सीन की एक खुराक की कीमत एमआरपी के हिसाब से 1000 रुपए हो सकती है। हम संभवत: इसे 600-700 रुपए में बेचेंगे।
अभी तक एक करोड़ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर को ही केंद्र ने मुफ्त टीका लगाने का फैसला किया है। बाकी 27 करोड़ के बारे में अभी निर्णय होना बाकी है, लेकिन राज्य सरकारें चाहें तो वह मुफ्त टीका लगा सकती हैं। कई राज्य घोषणा भी कर चुके हैं।
भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन को 12 साल से अधिक उम्र के किशोर के लिए भी सोमवार को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल गई है। भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन को अब टीनेजर पर भी क्लिनिकल ट्रायल मोड में इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल गई है। सोमवार को भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल ने यह मंजूरी दे दी है। भारत बायोटेक की यह कोरोना वैक्सीन 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को क्लिनिकल ट्रायल के तहत दी जा सकेगी। इसमें जिस बच्चे को टीका लगाया जाएगा उस पर नजर रखी जाएगी और उसके लक्षणों की जांच की जाती रहेगी। भारत बायोटेक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्णा एला ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हम बच्चों पर को वैक्सीन का ट्रायल जल्द शुरू करने जा रहे हैं।
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