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यास तूफान प्रभावित किसानों और मछुआरों के लिए राहत पैकेज की घोषणा

Published - 12 Jun 2021

60 लाख लोगों मिलेगा राहत पैकेज का लाभ, कृषि में धन की भरपाई के लिए मिलेगी आर्थिक सहायता

पिछले दिनों आए यास तूफान ने ओडिशा और बंगाल में काफी तबाही मचाई। इससे समुद्रतट पर बसे किसानों और मछुआरों का काफी नुकसान हुआ। इसे देखते हुए हाल ही में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चक्रवात यास से प्रभावित किसानों , मछुआरों , बुनकरों और कारीगरों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है। इसमें छोटे और सीमांत किसानों को कृषि में धन की भरपाई के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि चक्रवात प्रभावित जिलों में तकनीकी कृषि उपकरणों की खरीद के लिए छूट के साथ 20 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। पान सिने की खेती करने वाले 125 किसानों को डीबीटी के माध्यम से प्रति व्यक्ति 15,000 रुपए और तूफान से प्रभावित 50 मशरूम की खेती इकाइयों को 40,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि देकर उनकी मदद की जाएगी। इससे करीब 60 लाख लोगों को फायदा होगा जिनको 26 मई को राज्य के उत्तरी तट पर आए यास तूफान से नुकसान हुआ था। आधिकारिक सूत्रों ने के अनुसार यह पैकेज करीब 100 करोड़ रुपए का हो सकता है। आइए जानतें है ओडिशा सरकार ने किसानों के लिए अपने राहत पैकेज में किसानों और मछुआरों के लिए क्या की हैं घोषणाएं।

 

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किसानों के लिए क्या है पैकेज में

  • पैकेज के अनुसार, छोटे और सीमांत किसान, जिनकी फसल में 33 प्रतिशत या उससे अधिक की कमी है, उन्हें 6,800 रुपए प्रति हेक्टेयर भूमि पर वर्षा सिंचित और गैर कृषि सब्सिडी (कृषि में धन की भरपाई के लिए धन सहायता) प्राप्त होगी। 
  • सिंचित क्षेत्र और सुनिश्चित सिंचाई के तहत क्षेत्रों में 13,500 रुपए प्रति हेक्टेयर भूमि। इसी तरह बारहमासी फसलों जैसे आम, काजू, नारियल और पान की बेल के लिए 18,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जा सकती है।
  • किसानों को सभी मौसम की फसलों के लिए न्यूनतम 2,000 रुपए और अन्य फसलों के लिए न्यूनतम 1,000 रुपए सब्सिडी दी जाएगी। प्रभावित जिलों के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित धान के बीज के डेढ़ लाख क्विंटल के साथ-साथ 2021 खरीफ सीजन के लिए वर्तमान छूट से 25 प्रतिशत की छूट प्रदान दी जाएगी और छूट सीधे किसान के खाते में जमा की जाएगी।
  • एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार भद्रक और बालासोर जिलों के लवणीय जलमग्न क्षेत्रों में प्रभावित किसानों को 750 रुपए प्रति हेक्टेयर भूमि पोषक तत्व प्रशासन/भूमि सुधार के लिए 10000 हेक्टेयर भूमि के लिए सहायता दी जा सकती है।
  • राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों के किसानों को करीब डेढ़ लाख क्विंटल बीज उपलब्ध कराने का भी ऐलान किया। किसानों का प्रशिक्षण, प्रदर्शन कार्यक्रम, कीटनाशकों के लिए प्रोत्साहन और कृषि यंत्रीकरण सब्सिडी भी सब्सिडी का हिस्सा हैं।
  • सुपारी की खेती करने वाले 125 किसानों को जीर्णोद्धार और जीर्णोद्धार के लिए प्रत्येक को 15,000 रुपए का प्रोत्साहन मिलेगा। पैकेज में अतिरिक्त रूप से मुफ्त सब्जी मिनीकट्स, मशरूम की खेती करने वालों के लिए सहायता, उच्च गुणवत्ता वाले रोपण सामग्री का वितरण शामिल है।


अल्पावधि खरीफ ऋण को मध्यम अवधि के ऋणों में परिवर्तित किया जाएगा

किसानों द्वारा बैंकों से लिए गए फसल ऋण को चुकाने के लिए अतिरिक्त लाभ के लिए, यह घोषणा की गई कि चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में अल्पावधि खरीफ ऋण को मध्यम अवधि के ऋणों में परिवर्तित किया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इसी प्रकार फसल बीमा योजना के तहत प्रभावित बीमित किसानों के दावों के निपटारे के लिए फसल कटाई प्रयोग करने के लिए त्वरित कदम उठाए जा सकते हैं।


पशुपालकों के लिए आर्थिक सहायता

पैकेज में अतिरिक्त रूप से 30,000 रुपए प्रति दुधारू गाय और भैंस, 25,000 रुपए प्रति मसौदा पशु, 16,000 रुपए प्रति बछड़ा, 3,000 रुपये प्रति बकरी / भेड़, 50 रुपये प्रति मुर्गी मुर्गी की सहायता शामिल है। टूटे हुए पशुशाला के विकास/नवीनीकरण की दिशा में भी सहायता प्रदान की जा सकती है।


मछुआरों की मदद के लिए ये की घोषणाएं

मछुआरा समूह के लिए आंशिक रूप से टूटी नावों और जालों की मरम्मत के लिए क्रमश: 4,100 रुपए और 2,100 रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की। पूरी तरह से टूटी नावों और जालों के लिए 9,600 रुपए और 2,600 रुपए की मदद की घोषणा की गई है। यहां तक कि मछुआरों को गाद निकालने, मछली फार्मों की बहाली के लिए आर्थिक मदद दी जा सकती है।


दस्तकारों व बुनकरों को भी मिलेगी मदद

  • दस्तकारों और बुनकरों को उपकरण और गियर के स्थान पर मदद मिलेगी। इसी तरह सेरीकल्चर किसानों को भी मदद दी जाएगी।
  • मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से आपदा मोचन कोष के नियमों के अनुसार हितग्राहियों को गृह निर्माण एवं अन्य सहायता उपलब्ध कराने को कहा है।

 

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