Published - 06 Mar 2021
नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के हितों में कई अच्छे फैसले भी लिए हैं। मोदी सरकार ने अब किसानों को एग्रीकल्चर मशीनरी की खरीद पर किसानों को पहले से ज्यादा फायदा पहुंचाने का निर्णय लिया है। अब किसानों से कंबाइन हार्वेस्टर, पावर टिलर सहित अन्य एग्रीकल्चर मशीनरी के मनमाने दाम वसूल नहीं किए जा सकेंगे। मोदी सरकार के इस नए फैसले के बाद एग्रीकल्चर मशीनरी से जुड़ी सभी कंपनियों को अपने उत्पादों की एक्स फैक्ट्री कीमत अपनी वेबसाइट पर दिखानी होगी। इससे किसानों को यह फायदा होगा कि वे संबंधित मशीनरी की फैक्ट्री रेट और डीलर रेट जान सकेंगे। सही कीमत पर सही कृषि उपकरण खरीद सकेंगे।
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भारत सरकार के कृषि और कल्याण विभाग मंत्रालय के कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग (मशीनीकरण और प्रौद्योगिकी प्रभाग) के डिप्टी कमिश्नर सी.आर.लोही ने इस संबंध में ऑल इंडिया कंबाइन हार्वेस्टर एसोसिएशन को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि कंबाइन हार्वेस्टर, पावर टिलर और एग्रीकल्चर मशीनरी निर्माताओं को अब अपने प्रोडक्ट की एक्स फैक्ट्री कीमत कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध करानी होगी। इसके साथ ही सभी कंपनियों को अपने डीलरों की लिस्ट पर वेबसाइट पर दिखानी होगी। इसके अलावा पत्र में कहा गया है कि देश के सभी कंबाइन हार्वेस्टर, पावर टिलर और एग्रीकल्चर मशीनरी से जुड़ी एसोसिएशन अपने सदस्यों को अपने उत्पादों की एक्स फैक्ट्री कीमत वेबसाइट पर दिखाने के लिए प्रोत्साहित करें।
जानें किसानों को कैसे पहुंचेगा फायदा और क्या है सरकार की मंशा
मोदी सरकार चाहती है कि किसानों को किसी भी स्तर पर शोषण न हो। किसानों को खेती के काम आने वाली हर वस्तु उचित दाम पर मिले। पत्र में बताया है कि सरकार देश में किसानों के लिए एक स्वस्थ, पारदर्शी और एक समान किसान हितैषी व्यावसायिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना चाहती है जिससे निर्दोष किसान समुदाय के हितों की रक्षा की जा सके।
सरकार के इस आदेश का दायरा भविष्य में हो सकता है व्यापक, पारदर्शिता को मिलेगा प्रोत्साहन
केंद्र की मोदी सरकार ने फिलहाल कंबाइन हार्वेस्टर, पावर टिलर व अन्य एग्रीकल्चर मशीनरी के लिए ये आदेश दिए हैं। लेकिन भविष्य में इस आदेश का दायरा व्यापक हो सकता है, जिसकी संभावना जताई जा रही है। एग्रीकल्चर फील्ड के विशेषज्ञों का मानना है कि एग्रीकल्चर मशीनरी के एक्स फैक्ट्री कीमत और डीलर कीमत में बहुत अधिक अंतर होता है। कृषि उपकरणों को बेचकर डीलर बहुत ज्यादा मुनाफा कमाते हैं। अगर किसी उत्पाद की फैक्ट्री कीमत और डीलर कीमत का पता किसान को मिलेगा तो वह सही कीमत पर अपनी जरूरत का कृषि उपकरण खरीद सकेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में सरकार ट्रैक्टर कंपनियों को भी ट्रैक्टर की फैक्ट्री रेट वेबसाइट पर जारी करने के लिए आदेश दे सकती है। ऐसा होने पर पारदर्शी व्यापार बढ़ेगा और किसानों को सही कीमत पर ट्रैक्टर मिल सकेगा।
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