user profile

New User

Connect with Tractor Junction

जैविक खेती क्या है, कैसे शुरू करें और जानें जैविक खेती के लाभ

Published - 21 Sep 2021

जानें, भारत में जैविक खेती (Organic Farming)  करने वाले किसान कहां बेचे अपनी उपज?

देश में जैविक खेती (Organic Farming) को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कई योजनाएं किसानों के लाभार्थ चलाई जा रही है। सरकार की ओर जैविक खेती के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। इसका लाभ उठाकर कई किसान जैविक खेती कर रहे हैं। सरकार भी चाहती है कि फसलों में कम से कम रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों का प्रयोग हो और जैविक तरीके अपनाकर फसलों में प्राकृतिक खाद जैसे- केंचुआ खाद, गोबर खाद का उपयोग किया जाए ताकि फसल भी अच्छी हो और स्वास्थ्य के लिहाज से भी सुरक्षित हो। 

इन सबके बीच जैविक खेती (Organic Farming) करने वाले किसानों के सामाने एक सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे अपने जैविक खेती उत्पाद का कहां बेचे जिससे उन्हें इसके अच्छे भाव मिल सके। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से आधुनिक जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए वेबपोर्टल एवं एप शुरू किया गया है। इस पर किसान पंजीकरण कर अपने जैविक उत्पाद को बेच सकते हैं। बता दें कि आज देश में 22 लाख हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल पर जैविक खेती हो रही है। ऐसे में सरकार की ओर से शुरू किए गए जैविक वेब पोर्टल एवं एप का फायदा जैविक खेती करने वाले किसानों को मिल सकेगा। 

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रैक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1  


क्या है जैविक वेब पोर्टल एवं एप

जैविक खेती पोर्टल विश्व स्तर पर जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एमएसटीसी के साथ कृषि मंत्रालय (एमओए), कृषि विभाग (डीएसी) की एक अनूठी पहल है। जैविक वेब पोर्टल एवं एप जैविक किसानों को अपने जैविक उत्पाद बेचने और जैविक खेती और इसके लाभों को बढ़ावा देने की सुविधा के लिए एक स्थान पर समाधान है। केंद्र सरकार ने किसानों द्वारा उत्पादित फसल को उपभोक्ता तक पहुंचाने के लिए ऑनलाइन सेवा  https://www.jaivikkheti.in/ शुरू की है। जहां पर खरीदार तथा आपूर्तिकर्ता या उत्पादक एक साथ व्यापार कर सकते हैं। इसके अलावा अपनी सुविधा के अनुसार भाव भी तय कर सकते हैं।


भारत में जैविक खेती (Jaivik Kheti) : चार लाख से अधिक किसानों ने कराया पंजीयन

देशभर में अभी तक 4 लाख 93 हजार 563 किसानों ने पंजीयन कराया है। इसके अलावा 15,717 कृषि समूहों ने जैविक उत्पाद बेचने के लिए आवेदन किया है। देशभर में जैविक खेती के उत्पाद बेचने के लिए उत्तराखंड के किसानों ने सबसे ज्यादा आवेदन किया है। राज्य के 1 लाख 62 हजार 876 किसानों ने आवेदन किया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के 60 हजार 023 किसानों ने आवेदन किया है। इस प्रकार जैविक उत्पाद बेचने के लिए 25 राज्यों के किसानों ने रूचि दिखाई है।  


जैविक खेती बाज़ार : एक लाख 42 हजार से ज्यादा उत्पादों का पंजीयन

अभी तक इस वेबसाईट पर 1 लाख 42 हजार 205 उत्पादों का पंजीयन कराया गया है। इसके लिए 7,763 खरीदारों ने इस वेबसाइट से जैविक उत्पाद खरीदने में रूचि दिखाई है। जैविक उत्पाद का 75 आपूर्तिकर्ता ने भी पंजीयन कराया है। आप भी अपने जैविक उत्पाद बेचने के लिए यहां पंजीयन करा सकते हैं। देश के किसी भी राज्य के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। 


जैविक खेती का रजिस्ट्रेशन : जैविक उत्पाद बेचने के लिए इस वेबसाइट पर कराएं पंजीयन

जैविक खेती करने वाले किसानों को अपने उत्पाद इस वेबसाइट पर बेचने के लिए पंजीयन कराना जरूरी होगा। इसके लिए किसान के पास जैविक उत्पाद का प्रमाण-पत्र होना चाहिए। इसके बाद किसान जैविक खेती की वेबसाइट पर जाकर विक्रेता पर क्लिक करें। इसके बाद तीन आप्शन आएंगे। इसमें व्यक्गित किसान, स्थानीय समूह, तथा एग्रीगेटर / प्रोसेसर का ऑप्शन आएगा। इसमें अपने सुविधा के अनुसार चुन करके पंजीयन करा सकते हैं। 


किसान ऐसे प्राप्त करें जैविक खेती प्रमाण-पत्र

किसान जैविक खेती करता है या करने की कोशिश करता है तो उसे जैविक पंजीयन कराना चाहिए क्योंकि जैविक पंजीयन नहीं रहने से किसान को फसल का मूल्य कम मिलता है। इसके अलावा ग्राहक या व्यापारी को बताने आपके पास कोई ऐसा दस्तावेज तो होना चाहिए जिससे यह प्रमाणित हो सके कि आप जैविक खेती करते हैं। इसलिए जैविक खेती करने वाले किसानों को अपना पंजीकरण कराना चाहिए और जैविक किसान का प्रमाण-पत्र हासिल करना चाहिए। जैविक खेती करने वाले किसान नीचे दिए गए तरीके से अपना पंजीकरण करा सकते हैं-

  • जैविक खेती करने वाले किसानों को अनुबंध एवं आवेदन पत्र निर्धारित प्रारूप 1 एवं 2 में ऋण पुस्तिका की छाया प्रति के साथ ग्रामसभा को दो प्रतियों में प्रस्तुत करना होगा। इसकी एक प्रति ग्रामसभा को कृषि समिति की अनुशंसा सहित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को दी जाएगी।
  • ग्रामसभा की कृषि स्थायी समिति एक पृथक पंजी प्रारूप 3 के अनुसार तैयार करेगी। इसमें प्रत्येक कृषक के लिए अलग-अलग पृष्ठ आवंटित किए जाएंगे तथा आवेदन पत्र प्राप्त होने पर प्रविष्टियां पूर्ण की जाएंगी। इसका सधारण क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
  • वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी विकासखंड स्तर पर जैविक खेती की पंजी का संधारण निर्धारित प्रारूप 4 में करेंगे। 
  • ग्रामसभा की कृषि समिति का यह दायित्व होगा कि वह फसल अवधी में प्रत्येक माह में एक बार फसल का अवलोकन करें एवं जैविक खेती में अपनी टीप अंकित करें।
  • फसल बोनी के उपरांत निरीक्षक विकासखंड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा किया जाएगा। 
  • यदि आप जैविक खेती के निर्धारित मापदंड, शर्तें व नियमों पर खरा उतरते हैं तो आपको जैविक खेती का प्रमाण-पत्र दे दिया जाएगा। 
  • इसके लिए कुछ शुल्क भी निर्धारित किया गया है जिसकी जानकारी आप अपने जिले के कृषि विभाग से प्राप्त सकते हैं। 


जैविक खेती कैसे करें : जैविक खेती क्या है / जैविक खेती के सिद्धांत

जैविक खेती के तहत उगाई गई कोई भी सब्जी या फसल के उत्पादन में खाद तथा कीटनाशक गोबर खाद, केंचुआ खाद तथा अन्य तरह की जैविक खाद का उपयोग किया जाता है। ये पूर्णरूप से प्राकृतिक खेती होती है। इसमें रासायनिक खाद अथवा रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता है। इससे ये जैविक तरीके से उगाई गई सब्जी या फसल काफी गुणवत्तापूर्ण होती है। स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिहाज से ये पूर्णत: सुरक्षित होती हैं। जैविक उत्पादों की बाजार में बहुत मांग रहती है और इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है।


जैविक खेती के लाभ / जैविक खेती क्यों जरूरी है

आधुनिक समय में निरंतर बढ़ती हुई जनसंख्या, पर्यावरण प्रदूषण, भूमि की उर्वरा शक्ति का संरक्षण एवं मानव स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती की राह अत्यंत लाभदायक है। जैविक खेती से होने वाले प्रमुख लाभ इस प्रकार से हैं-

  • भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि हो जाती है। सिंचाई अंतराल में वृद्धि होती है । रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से कास्त लागत में कमी आती है। फसलों की उत्पादकता में वृद्धि।
  • जैविक खाद के उपयोग करने से भूमि की गुणवत्ता में सुधार आता है। भूमि की जल धारण क्षमता बढ़ती हैं। भूमि से पानी का वाष्पीकरण कम होगा।
  • भूमि के जल स्तर में वृद्धि होती हैं। मिट्टी खाद पदार्थ और जमीन में पानी के माध्यम से होने वाले प्रदूषण मे कमी आती है। कचरे का उपयोग, खाद बनाने में, होने से बीमारियों में कमी आती है। फसल उत्पादन की लागत में कमी एवं आय में वृद्धि होती है। 
  • जैविक खेती, की विधि रासायनिक खेती की विधि की तुलना में बराबर या अधिक उत्पादन देती है अर्थात जैविक खेती मृदा की उर्वरता एवं कृषकों की उत्पादकता बढ़ाने में पूर्णत: सहायक है। वर्षा आधारित क्षेत्रों में जैविक खेती की विधि और भी अधिक लाभदायक है। 
  • जैविक विधि द्वारा खेती करने से उत्पादन की लागत तो कम होती ही है इसके साथ ही किसान भाइयों को आय अधिक प्राप्त होती है तथा अंतराष्ट्रीय बाजार की स्पर्धा में जैविक उत्पाद अधिक खरे उतरते हैं। जिसके फलस्वरूप सामान्य उत्पादन की अपेक्षा में कृषक भाई अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

 

जैविक खेती से किसानों को नुकसान

  • जैविक खेती करने से हमें कई फायदे मिलते हैं। वहीं इसके कुछ नुकसान भी है। जैविक खेती के लिए अधिक मजदूरों की आवश्यकता होती है। इससे इसकी लागत बढ़ जाती है। 
  • इस पद्धति से की गई खेती में उत्पादन कम प्राप्त होता है। जबकि रासायनिक उर्वरक और खाद के इस्तेमाल से उत्पादन में बढ़ोतरी संभव है। 
  • देश की बढ़ती जनसंख्या की खाद्य आवश्यकता को जैविक खेती से पूरी करना संभव नहीं है। इसमें गुणवत्तापूर्ण उत्पादन तो प्राप्त होता है लेकिन कम होता है। 
  • जैविक खेती के लिए आवश्यक भंडारगृह की कमी होने से जैविक उत्पाद जल्द खराब हो जाते हैं। 
  • जैविक खेती से संबंधित सुविधाओं का अभाव होने से जैविक खेती करना हर किसान के बस की बात नहीं है। इसे प्रयोग के तौर पर जरूर शुरू किया जा सकता है लेकिन इस पर पूर्णरूप से निर्भर होना किसान के लिए फायदेमंद नहीं है। 

 

अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Certified Used Tractors

Powertrac 434 प्लस
₹ 1.10 Lakh Total Savings

Powertrac 434 प्लस

37 HP | 2023 Model | Chittaurgarh, Rajasthan

₹ 4,30,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Massey Ferguson 1035 डीआई
₹ 1.28 Lakh Total Savings

Massey Ferguson 1035 डीआई

36 HP | 2020 Model | Tonk, Rajasthan

₹ 5,00,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Massey Ferguson 5118
₹ 2.46 Lakh Total Savings

Massey Ferguson 5118

20 HP | 2022 Model | Satara, Maharashtra

₹ 1,28,800
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Farmtrac 45 पॉवरमैक्स
₹ 0.49 Lakh Total Savings

Farmtrac 45 पॉवरमैक्स

50 HP | 2023 Model | Dewas, Madhya Pradesh

₹ 7,41,285
Certified
icon icon-phone-callContact Seller

View All