Published - 09 Apr 2021
पंजाब में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद 10 अप्रैल से शुरू हो रही है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर मंडियों में खास इंतजाम किए गए हैं। वहीं इस बार किसानों को गेहूंं खरीदी का भुगतान सीधा उनके खातों में किया जाएगा। पहले ऐसा होता था कि सरकार की ओर से फसल खरीद का भुगतान सहकारी समितियों को किया जाता था। इसके बाद आढ़तिये किसान को भुगतान करते थे। पर अब नई व्यवस्था के तहत फसल खरीदी का पैसा सीधा किसान के खाते में दिया जाएगा। इससे गेहूं खरीदी के दौरान आढ़तियों की भूमिका कम होगी वहीं किसानों को पूरा पैसा उनके खातें में बिना किसी परेशानी के ट्रांसर्फर कर दिया जाएगा। इससे किसानों को तो फायदा है लेकिन आढ़तियों की कमाई पर संकट पैदा हो गया है। अब उन्हें पहले की तरह कमीशन नहीं मिल पाएगा। इसे लेकर पंजाब में आढ़तिये इस व्यवस्था का विरोध करते नजर आ रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार चाहती है कि किसानों को उनकी फसल का पूरा पैसा उनको मिले।
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पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने मीडिया से कहा कि राज्य सरकार के पास चालू रबी सत्र के दौरान फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर होने वाली खरीद का भुगतान सीधे बैंक खाते में हस्तांतरित (डीबीटी) करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। बादल ने कहा कि इस संबंध में डीबीटी प्रणाली को लागू करने के लिए और समय दिए जाने के पंजाब के आग्रह को केन्द्र सरकार ने स्वीकार नहीं किया। प्रदेश के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु द्वारा मीडिया को बताए अनुसार गेहूं खरीदी को लेकर पूरे इंतजाम कर लिया गए हैं।
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार इस बार राज्य सरकार ने खरीद केंद्रों की संख्या 1,872 से बढ़ाकर 4,000 कर दी है। इसके अलावा वर्ष 2020-21 के रबी सत्र के दौरान, राज्य सरकार ने केंद्रीय पूल के लिए गेहूं की खरीद करने के मकसद से 50 किलोग्राम के नए जूट के बोरों की व्यवस्था की गई है।
किसानों को व्यवस्थित रूप से अपने गेहूं को मंडियों में लाने के लिए राज्य की मंडियों में एक टोकन प्रणाली शुरू की गई है। इसके अलावा कोविड-19 को देखते हुए मंडियों में भी सोशल डिस्टेंसिंग पालन करते हुए कोविड 19 से बचाव के सभी मानदंड लागू किए जाएंगे। आशु ने कहा कि मंडी मजदूरों को भी मास्क दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्तों को मंडियों में गेहूं की खरीद के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया गया है।
किसानों की किसी भी समस्या को सुलझाने के लिए जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष और मंडी-वार शिकायत निवारण समितियों का गठन भी किया गया है। किसानों की शिकायतों का निवारण करने के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने भी अपने मुख्यालय में एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना की है।
पंजाब में चालू सत्र के दौरान, खरीद एजेंसियां, साथ ही एफसीआई, 1,975 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद करेंगी। राज्य के कृषि और किसान कल्याण विभाग ने इस बार राज्य की मंडियों में 130 लाख टन गेहूं की आवक की संभावना जताई है। राज्य में गेहूं की खरीद 10 अप्रैल से 31 मई तक की जाएगी।
कोविड 19 महामारी के कारण राज्य सरकार की ओर से गेहूं की भरी ट्राली मंडी में लाने से 72 घंटे पहले कोविड पास प्राप्त करने जरूरी होगा। इसके लिए एक ट्राली एक पास का फार्मूला अपनाया जाएगा। इसे लेकर किसानों काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। किसानों का कहना है कि संबंधी एक ट्राली एक पास का अपनाया जाने वाला फार्मूला भी उन्हें चितित कर रहा है। किसानों का कहना है कि कम जमीन वाले किसानों को तो एक ट्राली एक पास का फार्मूला रास आ सकता है, पर ज्यादा जमीन वाले किसानों के लिए सरकार का यह फैसला अड़चन बनेगा।
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